अपने अनुभव के जरिये परिवार परामर्श केंद्र पर आने वाले मामलों की जौनपुर के एसपी खुद करेंगे काउंसलिंग
Khadim Abbas Rizvi | Oct 11, 2017, 19:17 IST
गाँव कनेक्शन
स्वयं प्रोजेक्ट
जौनपुर। परिवार परामर्श केंद्र पर बेहतर नतीजे लाने और किसी परिवार में अनबन को खत्म कर फिर से खुशियाँ भरने के लिए जिले के एसपी अब खुद कमान संभालेंगे। वह परिवार परामर्श केंद्र में आने वाले मामलों की खुद काउंसलिंग करेंगे और बिखरे हुए परिवार को एक सूत्र में जोड़ने का काम करेंगे।
जिले के नए एसपी का इस मामले में अच्छा खासा अनुभव भी रहा है। उन्होंने आजमगढ़ जिले में बतौर एसपीआरए रहते हुए तीन तलाक जैसे जटिल मामलों को भी काउंसलिंग कर सुलझाया। उन्होंने गाँव कनेक्शन से खास बातचीत में इसका जिक्र किया और बताया कि उसी अनुभव के आधार पर यहां परामर्श केंद्र पर वह काउंसलिंग करेंगे ताकि बेहतर नतीजे आ सकें।
वैसे तो परिवार परामर्श केंद्र की शुरुआत इसलिए हुई थी कि किसी परिवार में छोटी अनबन को लेकर हो रहे मसले को सुलझाया जा सके और परिवार बिखरने से बच जाए। क्योंकि जब भी किसी परिवार में कुछ होता है तो इसका असर सबसे ज्यादा महिला पर ही पड़ता है। पुरुष अपनी जिंदगी तो किसी तरह गुजार लेता है लेकिन महिला के लिए आगे का सफर बहुत ही मुश्किल हो जाता है। परिवार परामर्श केंद्र की जिस सोच के साथ शुरुआत की गई थी। उसका परिणाम कम ही देखने को मिलता है। कुछ जिलों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर जगह परिवार परामर्श केंद्र पर खानापूर्ति ही होती है।
कई वर्ष पहले आजमगढ़ में तत्कालीन एसपीआरए मिर्जा मंजर बेग ने शासन के निर्देश पर खुद काउंसलिंग करके बेहतर नतीजे दिए। उसके तबादले के बाद केशव कुमार चौधरी जो इस वक्त जौनपुर के एसपी हैं। उन्होंने एसपीआरए रहते हुए इसकी अध्यक्षता की और खुद भी आने वाले सभी मामलों में काउंसलिंग करते थे। इसकी वजह से परिवार परामर्श केंद्र पर हर सप्ताह जो मामले आते थे। उसमें ज्यादातर सुलझा लिए जाते थे।
एसपी केशव कुमार चौधरी के मुताबिक उस वक्त तीन तलाक जैसे मुद्दे को मीडिया अटेंशन नहीं मिलती थी ,लेकिन इसकी वजह से बहुत ही महिलाएं परेशान थीं। इसलिए इन मामलों में काउंसलिंग करके इसे सुलझाया गया। इसके बाद बिखरा हुआ परिवार एक प्लेटफॉर्म पर फिर आ गया।
वैसे तो जिले में परिवार परामर्श केंद्र है। जहां सुनवाई होती है। हालांकि यहां नतीजे और बेहतर तरीके से आएं और जो मकसद है, वह पूरा हो इसके लिए नए एसपी केशव कुमार चौधरी ने पहल करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह परमार्श केंद्र पर खुद काउंसलिंग करेंगे। ताकि वहां किसी तरह की लाापरवाही न हो। कोशिश करेंगे कि रिश्तों की जो डोर टूटने की कगार पर है। उसे फिर से जोड़ा जाए।
परिवार परामर्श केंद्र पर किसी व्यक्तिगत समस्याओं एवं कठिनाइयों को दूर करने के लिये दी जाने वाली सहायता, सलाह और मार्गदर्शन को काउंसलिंग के जरिए दूर किया जाता है। परामर्श देने वाले व्यक्ति को काउन्सलर कहते हैं। इसमें परामर्शदाता साक्षात्कार एवं प्रेक्षण के माध्यम से जिसका मामला है। उसकी काउंसलिंग कर मामले का हल निकालने की कोशिश करता है।
एसपी केशव कुमार चौधरी ने समाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर सभी थानों में चार सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं। अब फरियादियों की फरियाद थाने के इंचार्ज सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में सुनेंगे। सर्किल के सीओ सीसीटीवी फुटेज को चेक करेंगे और इसकी ब्रीफिंग एसपी को करेंगे। करीब 50 लाख आबादी वाले जिले में 28 थाने हैं।
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स्वयं प्रोजेक्ट
जौनपुर। परिवार परामर्श केंद्र पर बेहतर नतीजे लाने और किसी परिवार में अनबन को खत्म कर फिर से खुशियाँ भरने के लिए जिले के एसपी अब खुद कमान संभालेंगे। वह परिवार परामर्श केंद्र में आने वाले मामलों की खुद काउंसलिंग करेंगे और बिखरे हुए परिवार को एक सूत्र में जोड़ने का काम करेंगे।
जिले के नए एसपी का इस मामले में अच्छा खासा अनुभव भी रहा है। उन्होंने आजमगढ़ जिले में बतौर एसपीआरए रहते हुए तीन तलाक जैसे जटिल मामलों को भी काउंसलिंग कर सुलझाया। उन्होंने गाँव कनेक्शन से खास बातचीत में इसका जिक्र किया और बताया कि उसी अनुभव के आधार पर यहां परामर्श केंद्र पर वह काउंसलिंग करेंगे ताकि बेहतर नतीजे आ सकें।
वैसे तो परिवार परामर्श केंद्र की शुरुआत इसलिए हुई थी कि किसी परिवार में छोटी अनबन को लेकर हो रहे मसले को सुलझाया जा सके और परिवार बिखरने से बच जाए। क्योंकि जब भी किसी परिवार में कुछ होता है तो इसका असर सबसे ज्यादा महिला पर ही पड़ता है। पुरुष अपनी जिंदगी तो किसी तरह गुजार लेता है लेकिन महिला के लिए आगे का सफर बहुत ही मुश्किल हो जाता है। परिवार परामर्श केंद्र की जिस सोच के साथ शुरुआत की गई थी। उसका परिणाम कम ही देखने को मिलता है। कुछ जिलों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर जगह परिवार परामर्श केंद्र पर खानापूर्ति ही होती है।
कई वर्ष पहले आजमगढ़ में तत्कालीन एसपीआरए मिर्जा मंजर बेग ने शासन के निर्देश पर खुद काउंसलिंग करके बेहतर नतीजे दिए। उसके तबादले के बाद केशव कुमार चौधरी जो इस वक्त जौनपुर के एसपी हैं। उन्होंने एसपीआरए रहते हुए इसकी अध्यक्षता की और खुद भी आने वाले सभी मामलों में काउंसलिंग करते थे। इसकी वजह से परिवार परामर्श केंद्र पर हर सप्ताह जो मामले आते थे। उसमें ज्यादातर सुलझा लिए जाते थे।
एसपी केशव कुमार चौधरी के मुताबिक उस वक्त तीन तलाक जैसे मुद्दे को मीडिया अटेंशन नहीं मिलती थी ,लेकिन इसकी वजह से बहुत ही महिलाएं परेशान थीं। इसलिए इन मामलों में काउंसलिंग करके इसे सुलझाया गया। इसके बाद बिखरा हुआ परिवार एक प्लेटफॉर्म पर फिर आ गया।
यहां भी करने जा रहे शुरुआत
क्या परिवार परामर्श केंद्र
बंद कमरे में अब फरियाद नहीं सुनेंगे एसओ
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