कम जोत के किसानों को सामूहिक खेती की ओर बढ़ाना होगा कदम : सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेश के 181 विकास खंडों में कृषि कल्याण केंद्र खोलने की तैयारी में प्रदेश सरकार, किसानों को मिलेंगे अच्छे बीज-खाद और कीटनाशक

Virendra SinghVirendra Singh   5 March 2020 11:41 AM GMT

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कम जोत के किसानों को सामूहिक खेती की ओर बढ़ाना होगा कदम : सूर्य प्रताप शाहीबाराबंकी के दौलतपुर गांव में आयोजित कृषि गोष्ठी में किसानों को संबोधित करते उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही।

"आज किसानों के पास जोत कम होती जा रही है इसलिए हम लोगों को सामूहिक खेती की तरफ कदम बढ़ाना होगा क्योंकि सामूहिक खेती करके ही किसान खेती में लागत कम कर सकते हैं," यह बात उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से कही।

कृषि मंत्री हाल में बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक के दौलतपुर गांव में वैज्ञानिक पद्धति आधारित कृषि गोष्ठी में पहुंचे, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश के 181 विकास खंडों में कृषि कल्याण केंद्र की स्थापना करने की घोषणा की।

मंत्री शाही ने कहा, "सरकार बीज, खाद और कृषि यंत्रों पर 50 % की सब्सिडी दे रही है जिसका फायदा लेकर किसान भाई अपनी खेती को और बेहतर कर सकते हैं। इससे वे अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। इसलिए किसानों को जागरूक होना बहुत जरूरी है।"कृषि गोष्ठी में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने औषधि की खेती के लिए महिला किसान रोली शुक्ला को किया सम्मानित।

कृषि गोष्ठी में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने औषधि की खेती के लिए महिला किसान रोली शुक्ला को किया सम्मानित।

प्रदेश सरकार हर विकास खंड में एक कृषि कल्याण केंद्र बनाने जा रही है जहां किसानों को अच्छे बीज, खाद और कीटनाशक उचित मूल्य पर उपलब्ध होगा। एक किसान केंद्र करीब 80 लाख रुपए की लागत से तैयार होगा।

कृषि मंत्री ने बताया, "ये कृषि केंद्र किसानों के विचारों का केंद्र होगा। बाराबंकी के चार विकासखंड रामनगर, फतेहपुर, बाराबंकी और द्विवेदीगंज में भी कृषि कल्याण केंद्र बनाए जा रहे हैं।"

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मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा, "हमारी सरकार ने योजनाओं को गति दी है और अब योजनाओं का लाभ कुछ चुनिंदा लोग ही नहीं, बल्कि हर उस पात्र किसान तक पहुंच रही हैं जो योजनाओं का पात्र था। पिछले एक वर्ष में ही मात्र बाराबंकी जिले को 9 करोड़ 60 लाख रुपए का खाद-बीज और कृषि उपकरणों पर अनुदान राशि दी जा चुकी है।"

उन्होंने कहा, "आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए दो हजार रुपए हर चार माह के बाद किसान के खाते में भेजते हैं जिसका दो आना भी कोई नहीं मार सकता है। यह है सरकार का परिवर्तन और व्यवस्था का परिवर्तन, अकेले बाराबंकी में ही एक करोड़ 87 लाख रुपया किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि के रूप में भेजा जा चुका है।"

कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने जिले के प्रगतिशील किसान नरेन्द्र शुक्ला को खीरे की खेती, रोली शुक्ला को औषधि की खेती, सतेंद्र वर्मा को स्ट्राबेरी की खेती, सुमित सिंह को गन्ना की खेती और संजय सिंह को मशरूम की खेती के लिए सम्मानित किया।

इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक दया श्रीवास्तव ने कहा, "हम किसानों को यह जानकारी जरूर होना चाहिए कि हमारे खेतों में कितने प्रतिशत मित्र कीट हैं और कितने प्रतिशत शत्रु कीट की है, आज हम कीटनाशक का बेधड़क इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे हमारे मित्र कीटों की संख्या कम होती जा रही है, अगर हमें यह पहचान हो जाए कि मित्र कीटों का प्रतिशत ठीक-ठाक है तो हमें कीटनाशक डालने की कोई जरूरत नहीं है।"

वहीं गोष्ठी के आयोजक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पारंपरिक खेती के बदले उन्होंने उद्यान की फसलों की खेती पर जोर दिया और देखते-देखते क्षेत्र के कई किसान अब वैज्ञानिक पद्धति से आधुनिक खेती करने लगे हैं। इसलिए जरूरी है कि किसान जागरूक हों और खेती से फायदा उठाएं।

देखें फोटो

बाराबंकी के दौलतपुर गांव में आयोजित कृषि गोष्ठी में प्रगतिशील किसानों ने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को भेंट की मां सरस्वती की प्रतिमा।


कृषि गोष्ठी में बड़ी संख्या में शामिल हुए बाराबंकी के किसान।


बाराबंकी के दौलतपुर गांव में आयोजित कृषि गोष्ठी के दौरान किसानों को संबोधित करते कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. दया शंकर श्रीवास्तव।


कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कार्यक्रम के बाद वैज्ञानिक विधि से खेती कर रहे प्रगतिशील किसानों के खेतों का किया दौरा।

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