मानसून में देरी से पिछड़ रही खरीफ फसलों की बुवाई

अब तक देश में 116 लाख हेक्टेयर में खरीफ बुवाई की गई है जबकि विछले वर्ष अबतक 128.35 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गई थी।

Divendra SinghDivendra Singh   28 Jun 2018 7:38 AM GMT

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मानसून में देरी से पिछड़ रही खरीफ फसलों की बुवाई

लखनऊ। खरीफ में इस बार किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि मानसून में देरी होने से खरीफ की बुवाई काफी पिछड‍़ गई है, ऐसे में किसान की फसल में देर में तैयार होगी, जिससे अगली फसल में भी देरी हो सकती है।

मानसून में देरी के कारण इस वर्ष खरीफ बुवाई पिछड़ गई है। अब तक देश में 116 लाख हेक्टेयर में खरीफ बुवाई की गई है जबकि विछले वर्ष इस अवधि में 128.35 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गई थी। वहीं उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कुल खरीफ फसलों के लिये निर्धारित लक्ष्य 94.25 लाख हेक्टेयर में से अभी 3.46 लाख हेक्टेयर की बुवाई की जा चुकी है जो लक्ष्य का मात्र 3.67 प्रतिशत है।

यूपी के प्रतापगढ़ जिले के किसान उदय सिंह की धान की नर्सरी तैयार हो गई है, लेकिन बारिश न हो पाने के कारण अभी तक रोपाई नहीं हो पायी। "धान की समय से ही डाल दी थी और नर्सरी पूरी तरह से तैयार भी हो गई है, लेकिन बारिश होने से अभी तक रोपाई नहीं कर पाए हैं, "उदय सिंह ने बताया।

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वहीं मध्य प्रदेश में खरीफ में 131.96 लाख हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अब तक कपास की बोनी लगभग 2 लाख हेक्टेयर में हुई है। एक बार मानसून जोर पकड़ लेगा तो खरीफ फसलों की बुवाई, विशेष रूप से पूर्वी भारत में धान, मध्य और उत्तरी भारत में तिलहन व दलहन तथा देश के पश्चिमी भागों में कपास की बुवाई में तेजी आएगी।

नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विभागाध्यक्ष डॉ. एके सिंह बताते हैं, "इस बार पूर्वानुमान था कि समय से पहले मानसून आ जाएगा और आ भी गया था, लेकिन फिर कमजोर पड़ गया जिसका असर खेती पर पड़ा है, क्योंकि जब मानसून आ जाता है, तभी किसान फसलों की बुवाई करता है, कई जगह पर धान की नर्सरी तैयार है लेकिन किसान बारिश होने से रोपाई नहीं कर पा रहे हैं।"

मानसून ने अपनी निर्धारित तारीख से दो दिन पहले ही भारत में प्रवेश कर लिया था और 15 जून के बाद कमजोर पड़ने से पहले एक पखवाड़े तक इसमें अच्छी प्रगति नजर आई थी। मौसम विभाग ने कहा है कि आगे मानसून की मजबूत वापसी की उम्मीद है। इस सुधार से 1-20 जून के बीच की कमी पूरी होने में मदद मिल सकती है।

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कृषि मंत्रालय के मुताबिक खरीफ में अब तक 10.67 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई है जबकि 5.91 लाख हेक्टेयर में दलहन, 16.69 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज, 50.01 लाख हेक्टेयर में गन्ना और 20.68 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई है।

मुख्य फसलों में से 22 जून तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 5 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में तिलहन की बुवाई की गई, जबकि दलहन की बुवाई पिछले साल की तुलना में 1.90 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में की गई है।

मध्य और उत्तरी भारत के राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ में मानसूनी बारिश की शुरूआत में लगभग 10 दिनों की देरी हुई है। सोयाबीन, मूंगफली और सूरजमुखी खरीफ सीजन के दौरान उगाई जाने वाली मुख्य तिलहन फसलें हैं।

देश में बुवाई स्थिति (लाख हेक्टेयर)


फसल

इस वर्ष
पिछले वर्ष
धान

10.67

11.17

दलहन5.91

7.82

मोटे अनाज

16.69

18.34

गन्ना

50.01

49.48

कपास

20.6

24.7




   

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