घाटा पूरा करने के लिए दोबारा कर रहे मूंगफली की खेती

Mo. AmilMo. Amil   26 July 2017 6:15 PM GMT

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घाटा पूरा करने के लिए दोबारा कर रहे मूंगफली की खेतीमारहरा-पिवारी मार्ग स्थित एक खेत में मूंगफली की फसल की तैयारी करता किसान परिवार

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

एटा। जनपद के किसानों में मूंगफली की फसल को लेकर पिछले छ: वर्षों में बदलाव आया है, इस बदलाव में धीरे-धीरे मूंगफली की फसल का रकबा भी बड़ा है, किसान मूंगफली की फसल करके अच्छा मुनाफा भी कमाता है, लेकिन इस बार मण्डी में दाम कम मिलने के कारण किसानो को अपनी फसल की लागत भी निकालना मुश्किल हो गया, नुकसान झेलने के बाबजूद भी किसान फिर से खेतों में मूंगफली की फसल तैयार कर रहे हैं।

जनपद की 380 हेक्टेयर भूमि पर किसान मूंगफली की फसल कर रहे हैं, मूंगफली की फसल के लिए भुरभरी मिट्टी वाले खेत उपयोगी रहते हैं, जिले के मारहरा, अवागढ़, जलेसर, निधौलीकलां, शीतलपुर ब्लॉक में पिछले छ: वर्षों से मूंगफली की फसल की जा रही है, इस बार किसान मूंगफली की फसल को लेकर काफी निराश है, सही दाम न मिलने के कारण किसानो को नुकसान उठाना पड़ा है, इतना ही नही फसल में लगी लागत भी नही निकल पायी है।

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मूंगफली की फसल फ़रवरी-मार्च में बोयी जाती है, जो तकरीबन जुलाई माह में तैयार होकर निकाल ली जाती है। वहीं उसके बाद यह फिर से जुलाई माह में बो दी जाती है, जो अक्टूबर-नवम्बर में जाकर तैयार हो जाती है। लेकिन क्षेत्र के किसान जुलाई में काटी गयी मूंगफली की फसल के बाद बाजरा की फसल कर देते हैं। इस बार मूंगफली के दाम अधिक न मिलने से यह किसानो को नुकसान दे गयी। किसानों को उम्मीद है कि अक्टूबर माह में मूंगफली के दाम अच्छे मिल सकते हैं, जिससे क्षेत्र के अधिकतर किसानो ने फिर से मूंगफली अपने खेतो में बो दी।

किसान हरीसिंह (47वर्ष) ने बताया, "अक्टूबर-नवम्बर में दाम अच्छा मिल जाएगा। अगर हम बाजरा करते तो इतना लाभ नहीं होगा। इसलिए फिर से मूंगफली की फसल करके कम से कम पिछले घाटे को बराबर तो कर सकते हैं।" मारहरा विकासखण्ड के गाँव इस्लामपुर पीली निवासी किसान तेज सिंह (38वर्ष) ने बताया, "मूंगफली की फसल से अच्छी मुनाफ़ा हो जाती है, इस बार दाम काफी गिर गए इसलिए घाटा हो गया, पिछले वर्ष जहा दाम 5400 रुपए प्रति कुंतल थे वह घटकर इस बार2600 रुपए कुंतल रह गए, लेकिन हम इस बार फिर से मूंगफली कर रहे हैं।"

एटा के जिला कृषि अधिकारी सर्वेश कुमार यादव ने बताया, “करीब छह वर्षों से जिले में मूंगफली की फसल को लेकर किसान जागरूक हुआ है। जिले में 380 हेक्टेअर में मूंगफली की फसल हो रही है। किसानों को इस बार नुकसान हुआ है। मण्डी में दाम घटते बढ़ते रहते हैं।”

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