घर की दहलीज लांघकर इन महिला किसानों ने बनाया मुकाम
Ashwani Nigam 23 Dec 2017 9:12 PM GMT
लखनऊ। ऐसे समय में जब घाटे का सौदा बनती खेती से निराश होकर किसान किनारा कर रहे हैं, ऐसी घड़ी में घर की दहलीज से निकलकर घूंघट ओढ़े महिलाएं खेती किसानी में उम्मीद जगा रही हैं।
प्रिया कुमारी: एक हेक्टेयर में 34 कुंतल मटर उगाया
झांसी जिले के दखनेश्वर गाँव की रहने वाली प्रिया कुमारी एक हेक्टेयर में 34 कुंतल मटर उगाकर प्रदेश की नंबर वन किसान बनी हैं। गाँव कनेक्शन से बात करते हुए प्रिया ने बताया, '' पहले कभी खेती के बारे में नहीं सोचती थी, लेकिन परिस्थितिवश जब खेत में जाने की नौबत आई तो मन लगाकर खेती की, जिसका नतीजा है कि आज यह सम्मान मिल रहा है।''
दस महिला किसान भी सम्मानित
यह ऐसी अकेली महिला किसान नहीं है, बल्कि इनकी जैसी आधा दर्जन ऐसी प्रगतिशील महिला किसान हैं, जिन्होंने अपने दम पर खेती करके मिसाल कायम की हैं। किसान दिवस के अवसर पर शनिवार को विधानभवन में आयोजित किसान सम्मान समारोह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिन 32 किसानों को सम्मानित किया, उसमें 10 महिला किसान भी शामिल थीं।
रुकमणी देवी: एक हेक्टेयर में 87.20 कुंतल गेहूं की पैदावार
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब मटर, सोयाबीन, गेहूं, मक्का की खेती में महिलाओं ने पूरे प्रदेश में पुरुषों का पछ़ाड़ा है। रायबरेली जिले के भैरमपुर सिधौना गाँव की 50 साल की रुकमणी देवी पहले खेती नहीं करती थी, लेकिन जब खेती करना शुरू किया तो फिर न सिर्फ अपने गाँव में, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चित हो गईं। गाँव कनेक्शन से बात करते हुए रुकमणी देवी ने बताया, ''पहले गेहूं की खेती से अच्छी पैदावार नहीं ले पाती थी, ऐसे में पिछले सीजन में गेहूं की एचडी-2967 किस्म की बुवाई करवाई। खेती की अच्छी से देखाभाल की और एक हेक्टेयर में 87.20 कुंतल की पैदावार हुई।'' उन्होंने बताया कि वह अपने गाँव की दूसरी महिलाओं को भी वैज्ञानिक ढंग से खेती करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
प्रमिला देवी: पशुपालन में मिला सम्मान
संभल जिले की पुरा गाँव की रहने वाली प्रमिला देवी कुछ साल पहले तक आम गृहणी थी, लेकिन दो साल पहले उन्होंने पुशपालन की तरफ ध्यान दिया और बैंक से लोन लेकर व्यवसायिक रूप से पशुपालन करके दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश की नंबर वन किसान बनने का गौरव हासिल किया। गाँव कनेक्शन से बातचीत करते हुए प्रमिला देवी ने बताया, '' मैं अपने पशुओं की बच्चों की तरह देखभाल करती हूं। इसी का नतीजा कि एक गाय से 14 लीटर दूध कम से कम मिल रहा है। अच्छी आमदनी भी हो रही है।'' उन्होंने कहा कि महिलाओं को खेती के अलावा पशुपालन में भी आगे आना चाहिए। सरकार की जो योजनाएं हैं उससे मदद लेकर पशुपालन का व्यवसायिक काम शुरू किया जा सकता है।
यशोदा देवी: मत्सय पालन में बड़ा मुकाम बनाया
बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जिले इंदरपुर गाँव की रहने वाली यशोदा देवी ने भी प्रदेश के स्तर पर मत्स्य पालन में बड़ा मुकाम बनाया है। गाँव कनेक्शन से अपनी सफलता की कहानी को साझा करते हुए उन्होंने बताया, “तीन साल पहले गाँव के तालाब को पट्ट पर लेकर मछली पालन शुरू किया। आज हमारे पास तीन तालाब हैं और हर साल 25 कुंतल मछली का उत्पादन हो रहा है। मछली पालन की वजह से आज मैं आर्थिक रूप आत्मनिर्भर हुई हूं।“
यह भी पढ़ें: महिला किसान दिवस विशेष: कीजिए सलाम, पूरी दुनिया में खेती-किसानी में पुरुषों से आगे हैं महिलाएं
महिला किसान दिवस: महिंद्रा राइज ने शुरू की महिला किसानों के लिए ‘प्रेरणा’
किसान दिवस विशेष : इन महिला किसानों ने बनायी अपनी अलग पहचान
महिला किसानों के लिए मिसाल बनी बिहार की ‘किसान चाची’
More Stories