0

सीमैप ने मनाया 59 वां वार्षिक उत्सव, केमोमिल की नई प्रजाति और हर्बल दर्द निवारक लॉन्च

Diti Bajpai | Mar 27, 2018, 08:53 IST
Medicinal plants
लखनऊ। केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने आज अपना को 59वां वार्षिक दिवस समारोह मनाया। इस समारोह में संस्थान द्वारा हर्बल दर्द निवारक जेल (पेनजा) और कमोमिल की नयी प्रजाति को पेश किया।

इस समारोह दिवस के मुख्य अतिथि प्रो. एस अय्यपन (पूर्व महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी) ने कहा, "भारत में खाद्यानों की कमी नहीं है लेकिन फिर भी किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, इसलिए कृषि का विविधिकरण और नई तकनीकों के इस्तेमाल से कुशल खेती करके किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। आज के इस युग में हमें बिज़नस मॉडल पर आधारित एग्रीप्रेनुर्स की जरूरत है।" इस दौरान मेसर्स शांता ए एम पी एक्सट्रैक्टस के साथ औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती एवं विनिमय पर समझौता किया गया।



सीमैप के निदेशक प्रोफेसर अनिल के त्रिपाठी ने सीमैप के शोध और लोगों के लिए किए गए कार्य जैसे सीमैप-आईओरा, सीएसआईआर एरोमा और फाइटो-फर्मास्यूटिकल मिशन के बारे में बताया। समारोह में विशिष्ट अतिथि गुजरात विद्यापीठ के कुलपति प्रो.अनामिक शाह ने कहा, "लखनऊ के अंदर फार्मा हब बनने की क्षमता है जो कि यहां पर स्थित विभिन्न प्रयोगशालाओं के द्वारा बनाया जा सकता है। यह हब छोटी इंडस्ट्रीज़ के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।"

इस समारोह में केमोमिल (सिम-उज्ज्वला) की उन्नत प्रजाति, जो कि 7-7.5 कु/हे. सूखे फूल तथा 6-6.5 किग्रा/हे. सुगंधित तेल की उपज दे सकती है का विमोचन किया गया। इस प्रजाति को डॉ वी आर सिंह तथा डॉ आर के लाल की टीम द्वारा बनाई गई है। इस प्रजाति के बारे में प्रधान वैज्ञानिक डॉ बी आर सिंह ने बताया, "वर्ष 2000 से हम इस वैराइटी पर काम कर रहे है। कामोमिल एक मेडिसनल प्लांट है। इस प्रजाति के पौधे में फूल और तेल की मात्रा अन्य प्रजाति के मुकाबले दोगुनी है। बाजार में इसके तेल की कीमत 46 हजार रूपए किलो है।"

इस पौधे की जानकारी देते हुए सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक डॉ आर सिंह ने आगे बताया, "अभी किसानों को इस प्रजाति को नहीं दिया गया है। आने वाले नवंबर में किसानों के दिया जाएगा। इस प्रजाति के पौधे की नंबवर के पहले सप्ताह में इसकी बुवाई की जाती है। दिसंबर में रोपण हो जाता है और उसके 15-20 दिनों में फूल आने लगते है। इसकी मार्केंटिग के लिए किसानों को भटकना नहीं पड़ता इसके तेल की काफी डिमांड है। किसानों की आय बढ़ाने में भी यह सहायक है।"

इस दौरान हर्बल दर्द निवारक जेल (पेन जा) का भी विमोचन किया गया। सीमैप के प्रधान वैज्ञानिेक डॉ दिनेश कुमार ने हर्बल दर्द निवारक जेल (पेनजा) के बारे में बताया, "बाजारों में जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में जो दवाएं मिलती है उसमें कई तरह के केमिकल मिले हुए होते है। ऐसे में कुछ देर तो आराम मिलता है लेकिन थोड़ी देर बाद उसका असर खत्म हो जाता है। हमने जो हर्बल जेल तैयार किया है। यह शरीर के किसी भाग में सूजन और उससे होने वाले दर्द में तुंरत आराम देता है।" इस हर्बल जेल को तैयार करने में तीन वर्षों का समय लगा।

डॉ दिनेश आगे बताते हैं, " यह जेल त्वचा पर लगते ही सूख जाता है इसलिए यह जल्दी असर भी करता है और शरीर पर चिपचिपाता भी नहीं, जिससे कपड़ों पर दाग भी नहीं पड़ते है। यह जेल लम्बे समय तक असरदायक होता है। इस जेल की कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है।"

संस्थान के वार्षिक दिवस में पांच सर्वश्रेष्ठ शोध पत्रों को प्रकाशित करने वाले वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया। इसके साथ ही इस वर्ष से सीमैप आउटरीच अवार्ड भी दिया गया। यह अवार्ड प्रयोगशाला के शोधों को लोगों तक पहुंचाने वाले वैज्ञानिकों को प्रदान किया जाएगा।



Tags:
  • Medicinal plants
  • CIMAP
  • Central Institute of Medicinal and Aromatic Plants
  • ‬Lucknow
  • chamomile
  • cim ujjwala
  • cimap annual day
  • herbal painkiller

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.