मृदा संरक्षण जागरुकता अभियान: कर्नाटक में कॉफी और इलायची की खेती करने वाले किसानों को बताए गए मिट्टी की जांच के फायदे

देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया संस्थान गांव कनेक्शन और कृषि क्षेत्र की कंपनी कृषि तंत्रा की साझा मुहिम के तहत 11 राज्यों के किसानों को मिट्टी की सेहत के प्रति जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस रैली की शुरुआत जम्मू-कश्मीर से हुई थी जो 40 दिनों बाद कन्याकुमारी में समाप्त होगी।

Mohammad FahadMohammad Fahad   2 April 2021 5:48 AM GMT

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मृदा संरक्षण जागरुकता अभियान: कर्नाटक में कॉफी और इलायची की खेती करने वाले किसानों को बताए गए मिट्टी की जांच के फायदे

कर्नाटक में कोडगु जिले की संयुक्त निदेशक (कृषि) शबाना शेख साइकिल रैली के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देते हुए। फोटो गांव कनेक्शन

मडिकेरि (कर्नाटक)। कर्नाटक के कोडगु (कुर्ग) जिले में इलायची, चाय और कॉफी की खेती करने वाले किसानों को मिट्टी की जांच कराने के फायदे, मिट्टी की सेहत, मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में जागरूक किया गया। मृदा संरक्षण जागरुकता अभियान के तहत 20 मार्च को मडिकेरि तहसील में आयोजित समारोह में 50 से ज्यादा कॉफी उत्पादक किसान शामिल हुए। इस दौरान किसानों ने मिलकर कई किलोमीटर साइकिल रैली निकाली और क्षेत्र के तमाम दूसरे किसानों को मिट्टी की सेहत के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।

समारोह में आए किसानों को संबोधित करते हुए कोडगु जिले की संयुक्त निदेशक (कृषि) शबाना शेख ने कहा, "अपनी फसल से ज़्यादा फायदा लेने के लिए सबसे पहले हमको ये जानने की आवश्यकता होती है कि हमारे खेत की मिट्टी कैसी है, उसमें कितने पोषक तत्व हैं, वो किन फसलों के लिए ज्यादा लाभकारी है, खेत की मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है और इसके लिए किसानों को समय-समय पर मिट्टी की जांच करवानी चाहिए।"

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गांव कनेक्शन और कृषि तंत्रा की साझा मुहिम के तहत कश्मीर से कन्याकुमारी तक निकाली जा रही है साइकिल रैली।

ये कार्यक्रम देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया संस्थान गांव कनेक्शन और कृषि क्षेत्र में कार्यरत कंपनी कृषि तंत्रा के सहयोग से आयोजित किया गया था। किसानों को मिट्टी की सेहत के प्रति जागरूक करने और मिट्टी की जांच के लिए प्रेरित करने के लिए गांव कनेक्शन और कृषि तंत्रा की साझा मुहिम के तहत कश्मीर से कन्नाकुमारी तक साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में 20 मार्च को कर्नाटक में साइकिल रैली और जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

साइकिल रैली की शुरुआत कोडगू (कुर्ग) ज़िले की मडिकेरि तहसील के "जरनल थिमइ्या सर्किल" से श्री रामदास ( कमिश्नर मुनसीपाल्टी) के द्वारा हरी झंडी दिखा कर किया गया। जिसमें कॉफी और इलायची की खेती करने वाले किसानों ने हिस्सा लिया। साइकिल रैली का समापन मडिकरि की ऐतिहासिक जगह "राजा की सीट" पर हुआ, जहाँ पर रैली में हिस्सा लेने वाले किसानों उपहार के रुप में 'स्लो जूट बैग' और सहभागिता प्रमाणपत्र दिए गए।

इस दौरान कृषि तंत्रा से जुड़े अधिकारी अक्षय हेगड़े ने किसानों ने न सिर्फ मिट्टी की जांच के फायदे बताए बल्कि ये भी बताया कि मिट्टी का नमूना, कब कैसे लेना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि रिजल्ट सटीक आएं।

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कृषि रास्ता मशीन की खूबियां

कृषि तंत्र ने मिट्टी की जांच के लिए कृषि रास्ता मशीन बनाई है। ये मशीन सिर्फ 50 मिनट में 12 प्रकार के परीक्षण करके उसके रिजल्ट बता देती है। सामान्य मशीनें तीन तरह की जांच ही करती हैं और उनके नतीजें आने में कई दिन लगते हैं। कृषि रास्ता जिंक, कॉपर, सल्फ़र, कार्बन, आयरन, बोरान, पोटेशियम आदि की तुरंत जांच कर रिजल्ट देती है। जांच रिपोर्ट के साथ ही कृषि वैज्ञानिक मुफ्त सलाह देते हैं।

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