कपास उत्पादन में 9 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कपास उत्पादन में 9 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीदतस्वीर- इंडिया वाटर पोर्टल

पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुए विपणन सत्र में कपास की पैदावार 9.3 फीसदी तक बढऩे की सरकार ने संभावना जताई है लेकिन वह भी उद्योग जगत के अनुमानों से कम ही रहने के आसार हैं। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार केंद्रीय वस्त्र आयुक्त कविता गुुप्ता ने कल संवाददाता सम्मेलन में कपास की पैदावार में तेजी आने का अनुमान जताया। उन्होंने बताया कि अक्टूबर से शुरू हुए कपास सत्र 2017-18 में 3.77 करोड़ गांठों की उपज होने का अनुमान है जो पिछले सत्र के 3.45 करोड़ गांठों की तुलना में 9.3 फीसदी अधिक है।

ये भी पढ़ें- 100 दिन में तैयार होने वाली कपास की नई किस्म विकसित

वैसे कपास की पैदावार में इतनी बढ़ोतरी होने पर भी इसके उद्योग जगत के अनुमानों से कम ही रहने के आसार हैं। कपास उद्योग का आकलन था कि 2017-18 के दौरान 4 करोड़ गांठ का उत्पादन होगा। हरेक गांठ में 170 किलोग्राम कपास होती है। सरकार का अनुमान है कि पैदावार बेहतर रहने से उसका कपास निर्यात भी अधिक होगा। अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास निर्यातक भारत इस विपणन सत्र में 67 लाख गांठों का निर्यात कर सकता है।

कविता गुप्ता के मुताबिक इतनी गांठें विदेश भेजने पर भारत एक साल पहले की तुलना में 15.1 फीसदी निर्यात वृद्धि हासिल कर लेगा। वस्त्र आयुक्त ने कहा कि भारतीय कपास के खरीदारों में इस बार पाकिस्तान के भी प्रमुखता से उभरकर सामने आने की संभावना है।

ये भी पढ़ें- कपास के नकली बीज मामले में कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद : शोभन के पटनायक

उद्योग जगत ने इस बार 75 लाख गांठों के निर्यात का अनुमान जताया था। दरअसल कपास की बुआई के रकबे में 19 फीसदी का उछाल आने से उद्योग जगत की उम्मीदें बढ़ गई थीं। लेकिन कपास के पौधों में पिंक बॉलवर्म कीड़ा लगने से उपज में कमी आने की आशंका बढ़ गई है। वस्त्र आयुक्त ने कहा कि खास तौर पर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में इस कीड़े का ज्यादा कहर देखने को मिला है जिससे उपज पहले के अनुमानों से कम रहेगी। इसके बावजूद कपास की पैदावार के 2016-17 की तुलना में अधिक ही रहने का अनुमान है।

ये भी पढ़ें- जहां बीटी कॉटन फेल, पारंपरिक कपास हुई पास

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.