चार दिनों में 1500 रुपए प्रति कुंतल गिरीं प्याज की कीमतें

केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर पाबंदी के बाद दिखा असर, सिर्फ चार दिनों में प्याज की कीमत 4000 रुपए प्रति कुंतल से घट कर 2500 रुपए प्रति कुंतल पहुंची, किसानों में नाराजगी

Arvind ShuklaArvind Shukla   4 Oct 2019 10:32 AM GMT

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चार दिनों में 1500 रुपए प्रति कुंतल गिरीं प्याज की कीमतें

नासिक/लखनऊ। "पिछले शनिवार (28 सितंबर) को प्याज का रेट 4000 रुपए कुंतल था जो आज (तीन अक्टूबर) को 2500 रुपए कुंतल पर आ गया। निर्यात पर पाबंदी लगने के बाद प्याज के दाम गिरे हैं। साथ ही किसान भी विरोध कर रहे हैं, जिससे प्याज की कीमतें कम हुई हैं,"नासिक की दूसरी बड़ी प्याज मंडी पिंपलगांव के थोक कारोबारी नंदू नागरे बताते हैं।

देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने, जमाखोरी रोकने के लिए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने 29 सितंबर प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था, साथ ही देश भर में ये पहली बार था जब केंद्र सरकार ने ही स्टॉक लिमिट तय कर दी थी।

निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हुए केंद्रीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि राज्य सरकारों को जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे जिससे कीमतें जल्द नीचे आएंगी।

विरोध में दो दिन बंद रहीं मंडियां

नासिक की पिंपलगांव और लासलगांव मंडी देश में प्याज की सबसे बड़ी मंडी है। फोटो : अरविंद शुक्ला

सरकार का आकलन सही साबित हुआ और पिछले चार दिनों में थोक मंडी में प्याज एक से डेढ़ हजार रुपए प्रति कुंतल नीचे चला गया है, लेकिन निर्यात पर प्रतिबंध के खिलाफ महाराष्ट्र में किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। बीती 29 सितंबर और 01 अक्टूबर को नासिक की मंडियां बंद रहीं। नासिक की लासलगांव और पिंपलगांव मंडी से ही देश में प्याज के रेट तय होते हैं।

यह भी पढ़ें : प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए निर्यात पर रोक, जमाखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश

नासिक में सिरडी के किसान पप्पू शिंदे ने निर्यात पर पाबंदी को किसानों के साथ धोखा बताया। पप्पू शिंदे ने कहा, "सरकार को तुरंत निर्यात खोलना चाहिए था क्योंकि इस त्योहारी सीजन में ही प्याज के अच्छे रेट मिलने की उम्मीद थी। जब प्याज 50 पैसे किलो बिकता है तो कोई हंगामा नहीं करता था। विरोध जताने के लिए किसान अब थोड़ा-थोड़ा प्याज लाने लगे हैं वर्ना 2 दिन काम पूरा तरह बंद रहा है।"

पप्पू शिंदे आगे कहते हैं, "पहले सावन था, फिर गणपति-पितृपक्ष आए और अब नवरात्र चल रहे हैं, लेकिन दशहरे के बाद त्योहारी सीजन अच्छी मांग रहती है। किसानों को फायदा होता लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।"

यूपी सरकार ने भी उठाया क़दम

प्याज की कीमतों पर रोकने के लिए दिल्ली और यूपी समेत कई राज्यों ने सरकारी केंद्रों पर प्याज की बिक्री शुरू कर दी है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल नेफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संगठन (एनसीसीएफ) के सहयोग से प्याज 24 रुपए किलो बेच रही है तो यूपी में भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने 30 जिलों में बाजार भाव से सस्ते पर प्याज बेच रही है। यूपी के नोएडा समेत कई जगहों पर ज्यादा कीमत पर प्याज बेचने पर दुकानदारों पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई भी की है।


केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री राम विलास पासवान ने 29 सितंबर को अपने ट्वीट में कहा था कि सरकार ने नेफेड के जरिए इस साल के लिए 56,700 टन प्याज का केन्द्रीय बफर स्टॉक बनाया है जिससे दिल्ली, हरियाणा, त्रिपुरा, आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल उनकी मांग के अनुरूप सप्लाई की जा रही है।

पिंपलगांव मंडी के थोक कारोबारी नंदू नागरे के मुताबिक 3 अक्टूबर को मंडी से करीब 400 छोटी-बड़ी गाड़ी प्याज बाहर भेजा गया। अच्छा प्याज 3000 रुपए जबकि मीडियम 2500 रुपए में बिक रहा है। मुझे नहीं लगता आने वाले दिनों में निर्यात खुलेगा यानी प्याज की कीमतें कम ही होती जाएंगी।

'अब किसानों के पास काफी कम प्याज बचा'

पिंपलगांव (बसवंत) मंडी के एक और आढ़ती राशिद अली कहते हैं, "प्याज के रेट तो कम हुए हैं लेकिन अब किसानों के पास काफी कम प्याज बचा है। इसलिए नई फसल आने तक रेट पर उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।"

भारत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और बिहार में बड़ी पैमाने पर प्याज उत्पादन होता है। लेकिन पिछले वर्ष सूखे के चलते महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश दोनों जगहों पर प्याज का उत्पादन प्रभावित हुआ था, इससे पहले मंडी में किसानों को 50 पैसे किलो तक बेचने पर मजबूर होना पड़ा था, जिसके चलते पिछले वर्ष रकबा भी कम हुआ था।

इस बार भी कर्नाटक में बीजापुर के किसानों ने अप्रैल मई महीने में 10 से 15 रुपए की दर से प्याज बेचा था। लेकिन सितंबर आते-आते कीमतें थोक मंडियों में 50 रुपए तक पहुंच गई। दिल्ली में प्याज 70-80 रुपए किलो भी बिका, जिसके बाद सरकार ने कई कदम उठाए। भारत में नया प्याज नवंबर-दिसंबर तक आता है।

बारिश के बाद फसल चौपट, टमाटर और महंगा हुआ

लगातार हो रही बरसात के चलते टमाटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है। नासिक में ही सैकड़ों एकड़ फसल प्रभावित हुई है। इसके अलावा यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में बाढ़ के चलते भी फसल को नुकसान हुआ, जिसका असर रेट पर पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें : किसान व्यथा: 80 पैसे प्रति किलो प्याज बेचा, अब खाने के लिए 80 रुपए में खरीद रहा

नासिक में टमाटर की सबसे बड़ी मंडी पिंपलगांव में 3 अक्टूबर को प्याज 600-700 रुपए प्रति कैरेट (20 किलो) बिका है। पिंपलगांव बसवंत मंडी में टमाटर के बड़े कारोबारी राशिद अली के मुताबिक देश भर में टमाटर यहां से भेजा जाता है, मांग अधिक और बारिश के चलते फसल प्रभावित होने से रेट बढ़े हैं।

महाराष्ट्र के नासिक में बड़ाई भुई गाँव के किसान गंगाधर माधव गुंजाल कहते हैं, "एक एकड़ में एक लाख का लागत आई थी लेकिन 50 हजार निकालना मुश्किल हो गया है। एक महीने से लगातार बारिश के चलते सब चौपट हो गया। टमाटर में दाग लग गया है।"

और देशों में दोगुनी हुईं कीमतें

उधर भारत से प्याज में प्याज ने निर्यात पर पाबंदी के चलते नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका में कीमतें 15 दिनों में ही दोगुनी हो गई हैं। नेपाल के कैलाली जनपद के भारत सटे धनगढ़ी और महेंद्रनगर में प्याज की कीमत 160-180 रुपया (नेपाली मुद्रा) किलो तक बिक रहा है। भारतीय मुद्रा में ये कीमत 100 से 110 तक होगी। नेपाल के अंदरूनी इलाकों में प्याज और महंगा है।

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