नोटबंदी के जरिए नरेंद्र मोदी ने बड़े बड़े लोगों का काला पैसा सफेद करा दिया : लालू 

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नोटबंदी के जरिए नरेंद्र मोदी ने बड़े बड़े लोगों का काला पैसा सफेद करा दिया : लालू लालू प्रसाद यादव।

पटना (भाषा)। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद ने नोटबंदी का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में भाजपा और राजग के अन्य घटकों के आज ''कालाधन विरोध दिवस'' मनाए जाने का मजाक उड़ाते हुए आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने इसके जरिए बड़े धन्नासेठों का पैसा ह्वाइट करा दिया।

लालू ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर कालाधन का बहाना बनाकर तानाशाही रवैया अपनाते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को रद्द करने का आरोप लगाया और कहा कि आजतक वे नहीं बता पाये कि किसके पास से कितना कालाधन मिला है। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों के पास जो ज्यादा पैसा है उसकी सूची बैंकों के पास है, जिसे उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। लालू ने आरोप लगाया कि देश और दुनिया के अर्थशास्त्री इस कदम की निंदा कर रहे हैं।

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नोटबंदी का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में भाजपा और राजग के अन्य घटकों द्वारा आज 'कालाधन विरोध दिवस' मनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि अब वे सत्ता से बेदखल होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि राजद सहित सभी धर्मनिरपेक्ष दल एकजुट होकर आज नोटबंदी के इस दिन को काला दिवस के रुप में मना रहे हैं और हम उन्हें धराशायी कर देश की अर्थव्यवस्था को सही पटरी पर लाएंगे।

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राष्ट्रीय जनता दल, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी, एवं समाजवादी पार्टी तथा वामदलों द्वारा आज पटना के गाँधी मैदान स्थित जेपी गोलम्बर से संयुक्त रुप से नोटबन्दी के खिलाफ रैली निकाली गयी, जो कारगिल चौक पर सभा के रुप में बदल गयी। काला दिवस के रुप में मनाई गई इस रैली में सभी नेता एवं कार्यकर्ता काली पट्टी बाँधकर प्रदर्शन कर रहे थे और नोटबन्दी को लेकर केंद्र सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे।

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रैली के समापन पर कारगिल चैक के समीप उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी अध्यक्ष कौकाब कादरी ने कहा कि नोटबन्दी के कारण आज देश का जीडीपी करीब दो प्रतिशत घट गया है, जिससे देश के आर्थिक प्रबन्धन को काफी झटका लगा है। नोटबन्दी के कारण, लाखों लोग बेरोजगार हो गये, लाखों लघु एवं मंझौले उद्योग धंधे एवं कल-कारखाने बन्द हो गये एवं लाखों लोग बेरोजगार हो गये।

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कादरी ने आरोप लगाया कि नोटबन्दी एक बेवजह उठाया गया कदम था और इसमें भारतीय रिजर्व बैंक की सहमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि नोटबन्दी का एक वर्ष पूरा होने के बाद भी कितना कालाधन वापस आया, यह सरकार ने अबतक खुलासा नहीं किया। कादरी ने कहा कि देश में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, पेट्रोल एवं डीजल की कीमत लगातार बढ़ रही है एवं आम जन भयंकर मँहगाई से त्रस्त है।

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