यूपी में पंचायत चुनावों के लिए बड़ा बदलाव, एक ही मतपेटी में पड़ेंगे चारों पदों के वोट

हर जिले में एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे, जिसमें ग्राम पंचायत के अलावा ब्लॉक और जिला पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों को चुना जाएगा।

Ajay MishraAjay Mishra   23 Feb 2021 7:33 AM GMT

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यूपी में पंचायत चुनावों के लिए बड़ा बदलाव, एक ही मतपेटी में पड़ेंगे चारों पदों के वोटफाइल फोटो, गांव कनेक्शन

लखनऊ। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राज्य में ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मार्च में अधिसूचना और अप्रैल में वोटिंग की संभावना है। हालांकि इस बार के पंचायत चुनावों में बहुत कुछ बदला भी नजर आएगा। इस चुनाव में हर पोलिंग पार्टी में पांच की जगह चार कर्मचारी रहेंगे, जबकि वोटिंग के दौरान किसी महिलाकर्मी के होने की बाध्यता भी समाप्त होगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार व अपर आयुक्त वेद प्रकाश ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक साथ कानपुर मंडल, प्रयागराज और मेरठ मंडल के जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी और अन्य अफसरों के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर ये दिशानिर्देश दिए। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि किसी जिले में जिस तारीख में पंचायत चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे, उसी तारीख में ही एक साथ सभी पदों के लिए मतदान होगा यानी एक ही दिन न्याय पंचायत, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए मतदान होगा। इसके साथ ही उन्होंने शांतिपूर्वक और बेहतर तरीके से चुनाव संपन्न कराने के निर्देश दिए।

यूपी के कन्नौज जिले में उप जिला निर्वाचन अधिकारी गजेंद्र कुमार ने 'गांव कनेक्शन' को बताया, "सोमवार को पंचायत चुनाव को लेकर एनआईसी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग थी। इस बार होने जा रहे चुनाव के लिए नियमों में संशोधन हुआ है। एक जनपद एक साथ चुनाव के आधार पर वोट पड़ेंगे। पोलिंग पार्टी में एक महिलाकर्मी होने की बाध्यता भी हटा दी गई है। पोलिंग पार्टी में अब वन प्लस फोर की जगह वन प्लस थ्री कर्मचारी ही रहेंगे।"

कन्नौज के सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कटियार ने 'गांव कनेक्शन' को बताया, "त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जब चार पदों के लिए एक साथ वोट डाले जाते हैं तो एक पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी और चार मतदान अधिकारी होते हैं। सामान्यतया हर बूथ पर दो-दो मतपेटिकाएं भी होती थीं। एक में ग्राम पंचायत सदस्य व प्रधान पद का मतपत्र डाला जाता है, जबकि दूसरी मतपेटिका में क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य का वोट पड़ता है।"

फाइल फोटो, गांव कनेक्शन

उन्होंने आगे बताया कि देखरेख करने व वोटरों को जानकारी देने के लिए चौथा मतदान कर्मी बूथ पर रहता था। लेकिन इस बार एक ही मतपेटिका में चारों पदों के मतपत्र डाले जा सकेंगे। जब मतपेटिका भर जाएगी तो उसमें दूसरी रखी जाएगी, इसलिए पोलिंग पार्टी में एक कर्मी कम करने की छूट होगी। कर्मियों की उपलब्धता के हिसाब से भी ड्यूटी लगाने को कहा गया है।

चुनाव में वाहनों की जरूरत पड़ती है, इसलिए एआरटीओ को भी प्रशासन द्वारा आवश्यक निर्देश दिए गए। वहीं पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की अनंतिम सूची मार्च के पहले सप्ताह में आने की संभावना है। यूपी के सभी जिलों में फिलहाल पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, प्रधान व ब्लॉक प्रमुख पद के आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है। दो-तीन मार्च को अनंतिम सूची प्रकाशित हो जाएगी। उसके बाद दावा व आपत्तियां आने के बाद निस्तारण होगा। फाइनल सूची 13 व 14 मार्च को प्रकाशित होगी।

वहीं मार्च में इन चुनावों के लिए अधिसूचना जारी होने की संभावना है। 14 मार्च तक पदों के आरक्षण की सूचना जारी होने के बाद 15 को जिलों से पंचायती राज निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। उसके बाद कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। कहा जा रहा है कि 20 या 22 मार्च को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज जाएगा।

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