फैशन बनता जा रहा नई पीढ़ी में नशा

"बच्चों को किसी ने नशे के फायदे और नुकसान बताये ही नहीं। छोटी उम्र में बच्चे दुकान से तम्बाकू बीड़ी लाना शुरू करते हैं और धीरे-धीरे स्वाद चखने के चक्कर में खुद खाने लगते हैं। आजकल तो आठवीं दसवीं में पढ़ने वाले बच्चे भी शौकिया तौर पर मीठी सुपारी खूब खाते हैं।"

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फैशन बनता जा रहा नई पीढ़ी में नशा

रायबरेली। सहाबदीन रावत के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिख रहीं थीं जब वो कह रहे थे, "आज का युवा शौक में नशे का आदी हो गया है। पहले दोस्तों के बीच बैठकर शौकिया तौर पर सिगरेट सुलगाते और शराब पीते हैं फिर धीरे-धीरे इसके लती हो जाते हैं। उन्हें इसके फायदे नुकसान नहीं पता पर वो यारी दोस्ती में ये सब करते हैं।"

सहाबदीन रावत रायबरेली जिले के सेहगों पश्चिम गाँव के पूर्व प्रधान हैं। नशामुक्ति कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, "बच्चों को किसी ने नशे के फायदे और नुकसान बताये ही नहीं। छोटी उम्र में बच्चे दुकान से तम्बाकू बीड़ी लाना शुरू करते हैं और धीरे-धीरे स्वाद चखने के चक्कर में खुद खाने लगते हैं। आजकल तो आठवीं दसवीं में पढ़ने वाले बच्चे भी शौकिया तौर पर मीठी सुपारी खूब खाते हैं।" सहाबदीन रावत ने आगे बताया, "जब मैं प्रधान बना तो गाँव के लोगों ने कहा कुछ ऐसा काम करिये जो थोड़ा अलग हो। इसलिए मैंने सबसे पहले नशा करना छोड़ा। आज हमारी पांच पीढ़ियां नशा नहीं कर रहीं। हम वहीं शादी सम्बन्ध करते हैं जिन परिवारों में कोई नशा नहीं करता है।"

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हर साल नशे की बुरी लत से लाखों लोगों की जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं। इस बुरी लत से युवा छुटकारा पाएं और जागरूक हों इस दिशा में गाँव कनेक्शन फाउंडेशन और राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल डिफेंस) के साझा प्रयास से रायबरेली जनपद के बछरावां ब्लॉक इनडोर स्टेडियम में 15 अक्टूबर 2019 जागरुकता कार्यक्रम किया गया। जादूगर और वीडियो दिखाकर युवाओं को नशे के दुष्परिणाम बताए गए।

केंद्र सरकार और एम्स की एक रिपोर्ट ने नशे को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। देशभर में किसी न किसी तरह के नशे की लत के शिकार सबसे प्रभावित जिलों की संख्या 127 है। जिसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 13 जिले शामिल हैं इस हिसाब से यूपी पहले स्थान पर आ गया है। यह सर्वे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने 2018 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नशे की लत पर किया था। जिसमें देशभर में 18 लाख नशे की लत के शिकार 10 से 17 वर्ष के किशोरों को तत्काल इलाज की जरूरत है।

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यूपी के लोग नशे की बुरी गिरफ्त से मुक्त हों इस दिशा में गाँव कनेक्शन फाउंडेशन और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल डिफेंस के प्रयास से यूपी के दस जिलों में नशामुक्त जागरूकता कार्यक्रम किये गये जिसमें रायबरेली जिला भी शामिल था। इस नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम में आये सीओ आबकारी अधिकारी के.पी. पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा, "मेरा काम ही यही है कि गाँव में जिन घरों में अवैध तरीके से शराब बनाई जा रही हैं वहां छापेमारी करें। मुझे गाँव की गरीब जनता को इस तरह से गिरफ्तार करना उनपर मुकदमा करना बिलकुल अच्छा नहीं लगता। अब तो बच्चे और महिलाएं भी इस काम में पूरी तरह से शामिल हैं। व्यवसाय के तौर पर इसे शुरू किया जाता है धीरे-धीरे पूरा परिवार इसका लती हो जाता है।"

वो आगे कहते हैं, "लोगों ने बड़ी बेरोजगारी बताई जिसे मैं समझता हूँ पर उन्हें मैं यही समझाता हूँ कि वो शराब बनाने के अलावा रोजी-रोटी का दूसरा भी कोई तरीका अपना सकते हैं। कई दिनों तक जेल में बंद रहने के बाद लोग छूटकर आते फिर से यही काम शुरू कर देते। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम नियमित करने की जरूरत है जिससे धीरे-धीरे सुधार जरुर होगा।"

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इस कार्यक्रम में सीओ आबकारी अधिकारी के.पी. पाण्डेय, आबकारी इंस्पेक्टर देविका शुक्ला, बछरांवा चेयरमैन रामजी, दयानंद पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुभाष श्रीवास्तव, उत्कर्ष इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल भगवान कुमार, कौशल विकास मिशन के प्रबन्धक आर.के. मौर्या समेत 100 ग्रामीण मौजूद रहे।

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