किसान नेताओं की सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा, सिंघु बॉर्डर पर जमे रहेंगे किसान

किसान संगठनों ने समिति गठित करने की सरकार से सुझाव को किया इनकार, अब तीन दिसंबर को होगी आगे की बातचीत

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किसान नेताओं की सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा, सिंघु बॉर्डर पर जमे रहेंगे किसानफोटो- अमित पांडेय

नई दिल्ली से अमित पांडेय के इनपुट के साथ

कृषि कानूनों पर कृषि नेताओं और सरकार के बीच एक दिसंबर की बातचीत बेनतीजा रही। सरकार ने बातचीत के लिए एक छोटे समिति को गठित कर वार्ता जारी रखने का सुझाव किसान नेताओं को दिया था लेकिन सभी 32 किसान नेताओं ने इसे सिरे से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि अगर बातचीत होगी, तो सभी लोगों से एक साथ होगी। इस पर सरकार ने 3 दिसंबर को आगे की वार्ता करने का निर्णय लिया।

इससे पहले सरकार और किसानों के बीच बातचीत तीन दिसंबर को ही होनी थी, लेकिन किसानों के बढ़ते विरोध प्रदर्शन और दबाव के बीच सरकार ने इसे दो दिन पीछे करते हुए एक दिसंबर को ही किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुला लिया। इस बैठक में पंजाब के 30 किसान संघों के नेता शामिल हुए। इसके अलावा एक हरियाणा के किसान नेता और एक राष्ट्रीय स्तर के नेता सहित कुल 32 किसान प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए। बैठक राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुआ, जिसकी अगुवाई केंद्र सरकार की तरफ़ से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने की। इसके अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में मौजूद थे।

बैठक से निकलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही और उसी क्रम में अगली बातचीत 3 दिसंबर को होगी। इसके बाद हर दिन किसान नेताओं से वार्ता होगी। सरकार चाहती थी कि इसके लिए एक छोटी कमेटी का गठन हो जिसमें सभी 32 किसान संगठनों और नेताओं को रोज ना आना पड़े। लेकिन किसान प्रतिनिधि चाहते हैं कि सभी लोग हर स्तर की वार्ता में शामिल हों, हमें उनका यह प्रस्ताव भी मंजूर है।

वहीं किसान नेताओं ने कहा कि तीन दिसंबर की वार्ता के लिए वह लोग तैयार हैं, लेकिन किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाए। किसान नेता हरपाल सिंह ने गांव कनेक्शन से बातचीत में कहा कि आज की बातचीत में कोई हल नहीं निकला। सरकार लगातार कह रही थी कि तीनों कानून किसान हित में हैं लेकिन हम मानने को तैयार नहीं हैं। अब तीन दिसंबर की वार्ता का इंतजार है।

यह सरकार और किसानों के बीच तीसरी वार्ता है। इससे पहली वार्ता सचिव स्तर की दिल्ली के कृषि भवन में हुई थी जिसमें मंत्रियों के शामिल न होने पर पंजाब के किसान नेता बैठक छोड़कर चले गए थे। दूसरी बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में 13 नवंबर को हुई थी। ये बैठक भी बेनतीजा रही थी। किसान नेताओं ने उस वक्त कहा था कि सरकार कानूनों की खूबियां गिना रही थी, लेकिन वे लोग कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े थे।

13 नवंबर को बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि आज की बैठकर सकारात्मक रही है आगे भी बैठकें होंगी, और अगली तारीख 3 दिसंबर तय की गई थी। लेकिन उससे पहले पंजाब हरियाणा सहित देश भर के किसान दिल्ली कूच कर गए और 26 नवंबर से दिल्ली और हरियाणा सीमा पर स्थित सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं।

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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं को आज बातचीत के लिए बुलाया, सिर्फ 32 नेताओं को बुलाने से किसान नेता नाराज


    

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