मई महीने में 13 दिनों की छुट्टी महज अफवाह, ना लगाएं बैंकों पर अनावश्यक भीड़

रविवार और दूसरे शनिवार की नियमित छुट्टियों को छोड़कर अधिकतर राज्यों में सिर्फ 7 मई और 25 मई को छुट्टी है, जो कि क्रमशः बुद्ध पूर्णिमा और ईद की छुट्टी है। इसके अलावा कोई भी अतिरिक्त छुट्टी बैंकों में नहीं है।

Daya SagarDaya Sagar   29 April 2020 11:57 AM GMT

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मई महीने में 13 दिनों की छुट्टी महज अफवाह, ना लगाएं बैंकों पर अनावश्यक भीड़लगभग सभी न्यूज संस्थानों ने चलाई है बैंकों में 13 दिन की छुट्टी की खबर

मई महीने में 13 दिनों के बैंक बंद रहने की खबर महज एक कोरी अफवाह है। मंगलवार देर शाम कई न्यूज वेबसाइट पर खबर आई थी कि मई महीने में बैंकों में 31 में से 13 दिनों की छुट्टी होने जा रही है, इसलिए सब लोग बैंक से जुड़े अपने कार्यों को जल्द से जल्द निपटा लें। हालांकि गांव कनेक्शन ने कई बैंक कर्मियों और उनके एशोसिएशन से अपनी बात-चीत में पाया कि ऐसी खबरें महज अफवाह हैं।

बैंकिंग कर्मियों के संघ 'यूनाइटेड बैंकिंग एसोसिएशन' ने अपने बयान में कहा, "रविवार और दूसरे शनिवार की नियमित छुट्टियों को छोड़कर अधिकतर राज्यों में सिर्फ 7 मई और 25 मई को छुट्टी है, जो कि क्रमशः बुद्ध पूर्णिमा और ईद की छुट्टी है। इसके अलावा कोई भी अतिरिक्त छुट्टी नहीं है। तीन अलग-अलग छुट्टियां भी हैं, लेकिन वे स्थानीय छुट्टियां हैं, जो स्थानीय या राज्य स्तर पर लागू होती हैं। इसलिए आम लोगों से निवेदन है कि वे लोग हड़बड़ी में बैंकों में अनावश्यक भीड़ ना लगाएं।"

ऑल इंडिया एसबीआई ऑफिसर्स कोर्डिनेशन कमेटी के एम. एस. जयशंकर गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं , "कई मीडिया संस्थान 13 और 15 दिनों की छुट्टियों की खबर चला रहे हैं। यह लॉकडाउन के इस संकट काल में गैर जिम्मेदाराना और काफी खतरनाक है। हम पहले से ही बैंकों पर क्षमता से अधिक भीड़ का सामना कर रहे हैं, इस खबर के बाद भीड़ बढ़ने की संभावना और भी बढ़ जाती है। जिम्मेदार न्यूज चैनलों और वेबसाइट्स को ऐसी खबर चलाने से बचना चाहिए था।"

अधिकतर राज्यों में रविवार की नियमित छुट्टियों के अलावा सिर्फ 7 और 25 मई की छुट्टी है

लॉकडाउन की वजह से आई आर्थिक तंगी से लोगों को उबारने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत नकद पैसा लोगों के खाते में भेजा जा रहा है। इस पैसे को निकालने के लिए बैंकों पर बहुत भीड़ लग रही है, जिससे बैंक कर्मियों का काम बढ़ गया है। कोरोना महामारी के बीच सुरक्षा उपकरण के नाम पर इन्हें महज मास्क और सैनेटाइजर दिए गए हैं, जिससे इन बैंक कर्मियों को अपने और परिवार की सुरक्षा की चिंता भी सता रही है।

ऐसे में ये खबरें बैंक कर्मियों की चिंता और मुसीबतों को और बढ़ा रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पब्लिक सेक्टर के बैंकों में करीब 10 लाख कर्मचारी तैनात हैं। एक बैंक कर्मचारी ने नाम ना छापने की शर्त पर गांव कनेक्शन को फोन पर बताया, "यह सब हताश करने वाला है। हम पहले से ही खतरा मोल लेकर अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं। कई राज्यों में हमारी छुट्टियां भी काटी गई हैं। ऐसी परिस्थितियों में ये खबरें आम लोगों के मन में अनिश्चितता की स्थिति को बढ़ाएंगी, जो उनके साथ-साथ हमारे लिए भी खतरनाक है।"

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बैंकों में होने वाली कई छुट्टियों को रद्द कर दिया था, ताकि सरकार द्वारा भेजी जा रही सहायता को आम लोगों और जरूरतमंदों को आसानी से मिल सके। राज्य के मुख्य अपर सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा था कि बैंक कर्मियों को दूसरे और चौथे शनिवार को मिलने वाली छुट्टियों को भी रद्द किया जाता है। इसी तरह अन्य राज्यों में भी बैंक की छुट्टियों को रद्द किया गया था।

केंद्र सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 20 करोड़ से अधिक महिलाओं के जनधन खातों में 500-500 रुपए, उज्जवला योजना के तहत 800-800 रुपए, पीएम किसान योजना के तहत किसानों को 2000-2000 रुपए, मजदूरों के खाते में 1000-1000 रुपए के साथ-साथ विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशन भी शामिल है। इसके अलावा कई राज्य सरकारों ने भी कई मदों में लोगों को आर्थिक मदद उनके बैंक खातों में सीधे (डीबीटी) भेजी है।

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