गुड़ महोत्सव: गुड़ की सोंधी खुशबू से महकी लखनऊ नगरी, मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
गाँव कनेक्शन | Mar 05, 2021, 15:00 IST
इस दो दिवसीय गुड़ महोत्सव में गुड़ उत्पादकों द्वारा विभिन्न प्रकार के गुड़ एवं गुड़ से बनने वाले देशी एवं विदेशी उत्पादों व व्यंजनों की प्रदर्शनी और बिक्री की जाएगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य के गन्ना विकास विभाग द्वारा 'राज्य गुड़ महोत्सव 2021' का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 6 और 7 मार्च को लखनऊ के इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हाॅल में किया जा रहा है।
इस आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य गुड़ उत्पादक किसानों को उत्तम गुणवत्ता के गुड़ और उसके सह-उत्पाद बनाने हेतु प्रेरित करना और इसके औषधीय लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। उन्होनें कहा, "राज्य गुड़ महोत्सव प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाने में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा और इससे गुड़ की महत्ता एवं उससे जुड़ी योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इस आयोजन से आम जनमानस में गुड़ के प्रति जागरूकता भी बढेगी।"
इस महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आये गुड़ उत्पादकों द्वारा गुड़ एवं इसके सह-उत्पादों के स्टॅाल्स लगाये जा रहेें हैं, जिनमेें सोंठ, सौंफ, इलायची, तिल, मूंगफली, काजू, बादाम, केसर युक्त गुड़ एवं गुड़ के गुलगुले, गुड़ की खीर, गुड़ की अमृता चाय, गुड़ का लड्डू, गुड़ की कुल्फी, गुड़ का जलेबा, गुड़ का हलवा, गुड़ का मीठा पोंगल, आदि मुख्य आकर्षण हैं।
गांव कनेक्शन भी अपने नए वेंचर, 'स्लो प्रोडक्ट्स' के जरिये गुड़ के पारंपरिक उत्पादों को फिर से लोगों के बीच लाने का प्रयास कर रहा है। ये ऐसे उत्पाद हैं जो हमारे पूर्वजों द्वारा सदियों से उपयोग की जाती रही है, लेकिन जमाने की भागा-दौड़ी में हम इसे भूलते जा रहे हैं। स्लो प्रोडक्ट्स भारतीय किसानों और उत्पाद निर्माताओं को दुनिया भर के बाजारों से जोड़ने का भी काम करता है। ये उत्पाद ना सिर्फ शुध्दता के पैमाने पर खरे उतरते हैं, बल्कि इनकी कीमत भी वाजिब होती है और इसमें किसानों और उत्पादकों को उनकी उपज की लागत के अलावा, शुद्ध लाभ का 10 प्रतिशत भी दिया जाता है।
आपको बता दें कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म स्लो बाजार (www.slowbazaar.com) पर स्लो प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जहाँ से वे पूरे भारत में लगभग 27,000 पिन कोड इलाकों तक अपने उत्पाद पहुँचा सकते हैं। आने वाले सालों में इसे भारत के बाहर अन्य देशों में भी पहुंचाने की योजना है। स्लो प्रोडक्ट के अंतर्गत शहद (मल्टीफ्लॉवर, सरसो, शीशम, नीलगिरी, अजवाईन), बाजरा कुकीज़, गाय का घी, आटा, अनाज और नारियल तेल के अलावा खिलौने और हस्तशिल्प समेत कई तरह के उत्पाद आते हैं।
सुरेश राणा ने बताया कि गुड़ महोत्सव के दौरान विशेषज्ञोें द्वारा गुड उद्योग की समस्याएं एवं सम्भावनाएं, गुड़ के औष़धीय गुण एवं प्रदेश की आत्मनिर्भरता में गन्ना किसानों एवं ग्रामीण महिलाओं की भूमिका से संबंधित व्याख्यान और परिचर्चा भी होगी। गुड़ महोत्सव के आयोजन से गुड़ उद्योग का न केवल तीव्र विकास होगा बल्कि गुड़ उत्पादकों को स्थानीय बाजार के साथ-साथ़ राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर पहचान भी मिलेगी, ऐसा गन्ना मंत्री ने उम्मीद जताई।
उन्होंने यह भी बताया कि गुड़ के निर्माण और व्यवसाय में राज्य के अग्रणी तीन जिलों मुजफ्फरनगर, अयोध्या एवं लखीमपुर खीरी को एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत चयनित किया गया है, जिससे इस व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। वर्तमान में प्रदेश में कुल 365 गुड़ एवं खाण्डसारी इकाईयां तथा 5650 कोल्हू क्रेशर संचालित हैं।
इस दो दिवसीय राज्य गुड़ महोत्सव-2021 में संस्कृति विभाग के सौजन्य से विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रमों लोक नृत्य आदि का आयोजन किया जायेगा। समापन कार्यक्रम के दौरान पी.ए.सी. बैण्ड द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। समापन कार्यक्रम 7 मार्च 2021 को सायं 5 बजे किया जायेगा, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा करेंगे।
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इस आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य गुड़ उत्पादक किसानों को उत्तम गुणवत्ता के गुड़ और उसके सह-उत्पाद बनाने हेतु प्रेरित करना और इसके औषधीय लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। उन्होनें कहा, "राज्य गुड़ महोत्सव प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाने में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा और इससे गुड़ की महत्ता एवं उससे जुड़ी योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इस आयोजन से आम जनमानस में गुड़ के प्रति जागरूकता भी बढेगी।"
इस महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आये गुड़ उत्पादकों द्वारा गुड़ एवं इसके सह-उत्पादों के स्टॅाल्स लगाये जा रहेें हैं, जिनमेें सोंठ, सौंफ, इलायची, तिल, मूंगफली, काजू, बादाम, केसर युक्त गुड़ एवं गुड़ के गुलगुले, गुड़ की खीर, गुड़ की अमृता चाय, गुड़ का लड्डू, गुड़ की कुल्फी, गुड़ का जलेबा, गुड़ का हलवा, गुड़ का मीठा पोंगल, आदि मुख्य आकर्षण हैं।
गांव कनेक्शन भी अपने नए वेंचर, 'स्लो प्रोडक्ट्स' के जरिये गुड़ के पारंपरिक उत्पादों को फिर से लोगों के बीच लाने का प्रयास कर रहा है। ये ऐसे उत्पाद हैं जो हमारे पूर्वजों द्वारा सदियों से उपयोग की जाती रही है, लेकिन जमाने की भागा-दौड़ी में हम इसे भूलते जा रहे हैं। स्लो प्रोडक्ट्स भारतीय किसानों और उत्पाद निर्माताओं को दुनिया भर के बाजारों से जोड़ने का भी काम करता है। ये उत्पाद ना सिर्फ शुध्दता के पैमाने पर खरे उतरते हैं, बल्कि इनकी कीमत भी वाजिब होती है और इसमें किसानों और उत्पादकों को उनकी उपज की लागत के अलावा, शुद्ध लाभ का 10 प्रतिशत भी दिया जाता है।
In Sitapur, Uttar Pradesh today with colleagues to visit our jaggery setup. So much nostalgia. Brought my daughter too, she is having the best time! Do you have memories of having hot gud गुड़? pic.twitter.com/OWVZj6ydo3
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) December 14, 2020
Launching soon: Slow Jaggery!
Organic jaggery coming soon at https://t.co/HBA6ppQyq1 — where lots else healthy and pure is available!
Slow Products is part of @TheSlowMovement pic.twitter.com/igiaYvPezr
— SlowBazaar (@SlowBazaar) December 14, 2020
उन्होंने यह भी बताया कि गुड़ के निर्माण और व्यवसाय में राज्य के अग्रणी तीन जिलों मुजफ्फरनगर, अयोध्या एवं लखीमपुर खीरी को एक जनपद एक उत्पाद योजना के अंतर्गत चयनित किया गया है, जिससे इस व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। वर्तमान में प्रदेश में कुल 365 गुड़ एवं खाण्डसारी इकाईयां तथा 5650 कोल्हू क्रेशर संचालित हैं।
इस दो दिवसीय राज्य गुड़ महोत्सव-2021 में संस्कृति विभाग के सौजन्य से विभिन्न सांस्कृति कार्यक्रमों लोक नृत्य आदि का आयोजन किया जायेगा। समापन कार्यक्रम के दौरान पी.ए.सी. बैण्ड द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। समापन कार्यक्रम 7 मार्च 2021 को सायं 5 बजे किया जायेगा, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा करेंगे।
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