यूपी : कई जिलों में उर्वरक दुकानों में पीओएस मशीनें नहीं होने से किसानों को परेशानी
Divendra Singh | Feb 04, 2018, 18:39 IST
अजय मिश्रा/इश्तेयाक खान
लखनऊ। एक फरवरी से प्रदेश की सभी उर्वरकों की दुकानों में पीओएस मशीनें अनिवार्य कर दी गईं हैं, लेकिन अभी भी कई दुकानों में पीओएस मशीनें ही नहीं लग पायी, ऐसे में किसानों को उर्वरक मिलने में परेशानी हो रही है।
पीओएस मशीन से बिक्री के बारे में उत्तर प्रदेश कृषि सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बयान जारी करते हुए कहा है कि एक फरवरी से हर उर्वरक की दुकान पर एक पीओएस मशीन लगी होगी, जिसपर किसान अपना अंगूठा लगाकर अपनी पहचान कराएंगे। इससे ये तय हो जाएगा कि जो उर्वरक सब्सिड़ी पर किसानों को दिया जा रहा है वो सीधे किसानों तक पहुंच रहा है।
गाँव कनेक्शन ने प्रदेश के कई जिलों में उर्वरक की दुकानों पर पता किया लेकिन अभी भी पीओएस मशीन नहीं लग पाए हैं। कन्नौज जिले के गुगरापुर ब्लॉक के सद्दूपुर में श्रीबालाजी बीज भंडार के संचालक अनुपम मिश्र 33 वर्ष बताते हैं, ‘‘खाद मिल नहीं रही है और जब मशीन ही नहीं मिली तो बेचें क्या। किसान आते हैं और लौट जाते हैं। गेहूं की फसल तैयार है, उसमें खाद की जरूरत है।’’
प्रदेश में कुल 37 हजार 48 उर्वरक की दुकानें हैं जहां पर पीओएस मशीनें लगाई जा रहीं हैं और दुकान संचालकों को पीओएस मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके लिए उवर्रक कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस उपलब्ध कराएं। प्रदेश में इफको को ये जिम्मेदारी दी गई है।
कृषि सचिव अमित मोहन प्रसाद ने अपने बयान में ये भी कहा है कि अगर एक फरवरी के बाद अगर कोई उर्वरक विक्रेता पीओएस मशीन के बिना उर्वरक बेचता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
औरैया जिले के उर्वरक की दुकान में लगा पीओएस वहीं औरैया शहर के पुराने हाईवे चुंगी पर स्थित आयुष खाद भंडार के मालिक ब्रजेश कुमार ने बताया, ”मुझे बगैर आधार खाद न बेचने का आदेश मिला है तो बेच रहे है अभी किसानों को मालूम नहीं है इसलिए वो आधार लेकर नहीं आ रहे है अब खाद लेने आने वाले किसानों से आधार लाने को कहा जा रहा है तो वह चक्कर में पड जाते है।”
औरैया जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार ने बताया ”पीओएस मशीन के लगने से किसानों को लाभ होगा। जिले की 325 दुकानों पर मशीनें पहुंच चुकी है बाकी पर जल्द पहुंचा दी जायेगी। निर्धारित दर से अधिक दामों में दुकानदार खाद नहीं बेच पायेगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार और भारत सरकार उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को जो सब्सिडी देती है वो भी किसानों को मालूम हो जायेगी।”
अभिनंदन सिंह यादव, जिला कृषि अधिकारी, कन्नौज
क्या है पीओएस मशीन
पीओएस मशीन को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन कहा जाता है। यह मशीन ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ी होती है। मशीन को ऑपरेट करने के लिए उर्वरक विक्रेताओं को लॉग इन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा। हर दुकान का एक अलग पासवर्ड व आईडी होगी। इस मशीन को वही ऑपरेट कर पाएगा जिसके पास पासवर्ड होगा। उर्वरक लेने गए किसान का सबसे पहले उसके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इस निशान की स्केनिंग मशीन अपने पास उपलब्ध डाटा से मैच करेगी। यदि अंगूठे का निशान मैच होता है तो ही मशीन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी वरना प्रक्रिया रुक जाएगी।
लखनऊ। एक फरवरी से प्रदेश की सभी उर्वरकों की दुकानों में पीओएस मशीनें अनिवार्य कर दी गईं हैं, लेकिन अभी भी कई दुकानों में पीओएस मशीनें ही नहीं लग पायी, ऐसे में किसानों को उर्वरक मिलने में परेशानी हो रही है।
पीओएस मशीन से बिक्री के बारे में उत्तर प्रदेश कृषि सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बयान जारी करते हुए कहा है कि एक फरवरी से हर उर्वरक की दुकान पर एक पीओएस मशीन लगी होगी, जिसपर किसान अपना अंगूठा लगाकर अपनी पहचान कराएंगे। इससे ये तय हो जाएगा कि जो उर्वरक सब्सिड़ी पर किसानों को दिया जा रहा है वो सीधे किसानों तक पहुंच रहा है।
गाँव कनेक्शन ने प्रदेश के कई जिलों में उर्वरक की दुकानों पर पता किया लेकिन अभी भी पीओएस मशीन नहीं लग पाए हैं। कन्नौज जिले के गुगरापुर ब्लॉक के सद्दूपुर में श्रीबालाजी बीज भंडार के संचालक अनुपम मिश्र 33 वर्ष बताते हैं, ‘‘खाद मिल नहीं रही है और जब मशीन ही नहीं मिली तो बेचें क्या। किसान आते हैं और लौट जाते हैं। गेहूं की फसल तैयार है, उसमें खाद की जरूरत है।’’
उर्वरक की दुकानों पर उर्वरक ने मिलने से किसानों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है, कन्नौज के फरारन गाँव के किसान ओमप्रकाश बाथम (55 वर्ष) बताते हैं, ‘‘मेरा पांच बीघा खेत में गेहूं खड़ा है, जिसमें खाद की बहुत ज्यादा जरूरत है, लेकिन खाद नहीं मिल रही है। अगर ढूंढे तो ब्लैक में महंगी पड़ रही है। हम लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है।’’
प्रदेश में कुल 37 हजार 48 उर्वरक की दुकानें हैं जहां पर पीओएस मशीनें लगाई जा रहीं हैं और दुकान संचालकों को पीओएस मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके लिए उवर्रक कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस उपलब्ध कराएं। प्रदेश में इफको को ये जिम्मेदारी दी गई है।
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फर्टिलाइजर्स मैनेजमेन्ट सिस्टम (एफएमएस) में पंजीकृत उर्वरक विक्रेताओं की संख्या के आधार पर ही पीओएस मशीन की संख्या का निर्धारण किया गया है। उसी के अनुसार पीओएस मशीन के स्थापना के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।
कृषि सचिव अमित मोहन प्रसाद ने अपने बयान में ये भी कहा है कि अगर एक फरवरी के बाद अगर कोई उर्वरक विक्रेता पीओएस मशीन के बिना उर्वरक बेचता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के किसानों को अभी तक खाद बिना किसी पहचान पत्र के खाद विक्रेता से साधारण में मिल जाती थी लेकिन अब बगैर आधार के खाद नहीं मिलेगी। वहीं औरैया जिले में कुल 544 प्राईवेट और सरकारी खाद की दुकानें हैं, जिनमें 375 सक्रिय है जब कि 169 दुकाने निष्क्रीय है। जिले की 325 खाद की दुकानों पर ही पीओएस मशीनें लग पायीं हैं। इसके लिए दो नोडल एजेंसी इफको और इंडो गल्फ लगाई गई है जो मशीने दुकानोंदारो को उपलब्ध करा रही है। अब बगैर अंगूठा लगाये किसानों को कोई भी उर्वरक नहीं मिलेगा।
औरैया जिले के उर्वरक की दुकान में लगा पीओएस वहीं औरैया शहर के पुराने हाईवे चुंगी पर स्थित आयुष खाद भंडार के मालिक ब्रजेश कुमार ने बताया, ”मुझे बगैर आधार खाद न बेचने का आदेश मिला है तो बेच रहे है अभी किसानों को मालूम नहीं है इसलिए वो आधार लेकर नहीं आ रहे है अब खाद लेने आने वाले किसानों से आधार लाने को कहा जा रहा है तो वह चक्कर में पड जाते है।”
जिला मुख्यालय से 15 और शहर से 05 किमी दूर गसे गाँव पन्हर निवासी युवा किसान सौरभ पोरवाल (28 वर्ष) ने बताया, ”गेहूं के खेत में यूरिया खाद लेने के लिए औरैया गया था। आधार न होने पर खाद विक्रेता ने खाद देने से इंकार कर दिया। सरकार कह रही है सुविधा दे रहे हैं, किसानों को लेकिन मुसीबत ही मुसीबत बढ़ती जा रही है।”
औरैया जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार ने बताया ”पीओएस मशीन के लगने से किसानों को लाभ होगा। जिले की 325 दुकानों पर मशीनें पहुंच चुकी है बाकी पर जल्द पहुंचा दी जायेगी। निर्धारित दर से अधिक दामों में दुकानदार खाद नहीं बेच पायेगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार और भारत सरकार उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को जो सब्सिडी देती है वो भी किसानों को मालूम हो जायेगी।”
कन्नौज की 314 दुकानों पर पीओएस मशीन लग गई है। 292 मशीनें आनी हैं, जल्द ही वितरण हो जाएगा। नि:शुल्क वितरण किया गया है। ट्रेनिंग भी दे दी गई है। किसान अपना आधार, वोटरआईडी या केसीसी में से कोई एक प्रमाण ले जाकर खाद ले सकता है।
क्या है पीओएस मशीन
पीओएस मशीन को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन कहा जाता है। यह मशीन ऑनलाइन सिस्टम से जुड़ी होती है। मशीन को ऑपरेट करने के लिए उर्वरक विक्रेताओं को लॉग इन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा। हर दुकान का एक अलग पासवर्ड व आईडी होगी। इस मशीन को वही ऑपरेट कर पाएगा जिसके पास पासवर्ड होगा। उर्वरक लेने गए किसान का सबसे पहले उसके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इस निशान की स्केनिंग मशीन अपने पास उपलब्ध डाटा से मैच करेगी। यदि अंगूठे का निशान मैच होता है तो ही मशीन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी वरना प्रक्रिया रुक जाएगी।