शिक्षक दिवस पर बेरोजगार छात्रों का ताली-थाली-घंटी बजाओ कार्यक्रम, सरकार का उन्हीं के अंदाज में करेंगे विरोध

Daya Sagar | Sep 05, 2020, 09:25 IST
पिछले एक पखवाड़े से सोशल मीडिया पर बेरोजगारी के मुद्दे पर आंदोलनरत छात्र-शिक्षक और युवा संगठन पीएम मोदी के अंदाज में ही ताली-थाली-घंटी बजाएंगे और अपना विरोध दर्ज करेंगे।
#student protest
बेरोजागरी के मुद्दे पर पिछले एक पखवाड़े से सोशल मीडिया पर आंदोलन कर रहे देशभर के लाखों छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी अब इस विरोध को एक कदम आगे बढ़ाने वाले हैं। कोरोना काल में सड़कों पर नहीं उतर पा रहे आंदोलनकारी छात्र आज 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के दिन शाम को 5 बजे 5 मिनट तक ताली-थाली बजाएंगे और बढ़ती बेरोजगारी, भर्ती परीक्षाओं और उनके परिणामों के स्थगन आदि के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगे।

यह ताली-थाली का विरोध कार्यक्रम ठीक उसी तर्ज पर होगा, जिस तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वारियर्स के सम्मान में देशवासियों को 22 मार्च को 5 मिनट के लिए ताली-थाली बजाने को कहा था। उस वक्त सभी देशवासियों के साथ युवाओं ने भी सरकार के इस कदम का साथ दिया था और घरों से निकल कर ताली-थाली बजाई थी। लेकिन उस कार्यक्रम के लगभग 5 महीने के बाद अब जब देश अनलॉक प्रक्रिया के तहत पूरी तरह से खुल गया है। सरकारें नीट, जी, नेट, बीएड और बीएचयू, डीयू, जेएनयू सहित कई विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा कराने लगी हैं, तब ये प्रतियोगी छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट और परीक्षा तारीख का ऐलान करने की मांग सरकार से कर रहे हैं।

ऐसे ही एक अभ्यर्थी प्रधानमंत्री को लिखी एक चिट्ठी में कहते हैं, "देश के युवाओं ने आपका हमेशा भरपूर समर्थन दिया है, आपके कहने पर ताली-थाली भी बजाई है। लेकिन बेरोजगारी के मसले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी अखर रही है और इससे छात्र और अभ्यर्थी निराशा के गर्त में जा रहे हैं।" गौरतलब है कि बीते रविवार 30 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने देश से 'मन की बात' की थी, लेकिन उन्होंने नीट, जी, एसएससी, रेलवे, यूपीएसएसएससी, बिहार एसटीईटी सहित तमाम छात्रों के मुद्दों को अपने इस संबोधन में नहीं शामिल किया था। निराश अभ्यर्थियों ने इसके बाद प्रधानमंत्री की इस वीडियो को यूट्यूब पर खूब डिसलाईक दिए थे।

अभ्यर्थियों का कहना है कि एसएससी, रेलवे सहित केंद्र सरकार की पिछले तीन साल की दर्जन भर भर्ती परीक्षाएं पेंडिंग हैं। कहीं पर फॉर्म भरने के बाद एक साल से परीक्षा का डेट नहीं आया है, तो कहीं परीक्षा होने के बाद परिणाम नहीं आ रहा है, तो कहीं पर परिणाम आने के बाद ज्वाइनिंग ही नहीं हो रही है। ऐसा ही अलग-अलग राज्यों के भर्ती परीक्षाओं का भी हाल है, जहां पर 2013-14 तक की भर्ती परीक्षाएं अटकी हुई हैं। अगर सभी राज्यों और केंद्र सरकार की इन पेंडिंग भर्ती प्रक्रियाओं को जोड़ा जाए तो इनकी संख्या 100 से अधिक हो जाती है, जिसमें 10 करोड़ से अधिक छात्र और अभ्यर्थी प्रभावित हैं।

सिर्फ रेलवे की एनटीपीसी और ग्रुप डी की परीक्षाओं के लिए ही 2 करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था। लोकसभा 2019 से पहले घोषित इस परीक्षा का अभी तक कोई खोज-खबर नहीं है, जबकि इसके 1.5 साल बीत चुके हैं और सरकार इसकी बदौलत युवाओं के कई बहुमूल्य वोट भी पा चुकी है।

सरकारों के इसी उदासीन रवैय्यै को देखते हुए देशभर के प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र सोशल मीडिया खासकर ट्वीटर पर आंदोलनरत हैं। इन्होंने अभी कुछ दिन पहले ही एसएससी और रेलवे परीक्षाओं के परिणाम और परीक्षा की तारीखों की घोषणा के लिए ट्वीटर पर #SpeakUpForSSCRailwayStudents हैशटैग से आंदोलन चलाया था, जो सिर्फ भारत ही नहीं पूरे विश्व में नंबर वन पर ट्रेंड हुआ था। इसके बाद एसएससी ने अपने कुछ परीक्षाओं के रिजल्ट की तारीखों की घोषणा भी की थी। हालांकि रेलवे और अन्य परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है।

इसलिए छात्र शिक्षक दिवस के दिन शाम 5 बज के 5 मिनट पर ताली-थाली बजाने का कार्यक्रम रख रहे हैं। यह एक तरह से प्रधानमंत्री का उन्हीं के अंदाज में सांकेतिक विरोध होगा। अभी तक ये अभ्यर्थी प्रधानमंत्री का सीधा विरोध करने से बचते थे, लेकिन इस ट्वीटर आंदोलन के बाद अभ्यर्थियों के इस रवैय्ये में भी बड़ा बदलाव आया है।

छात्रों के इस स्व-स्फूर्त आंदोलन का कई छात्र संगठनों, युवा संगठनों औऱ विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी समर्थन किया है। इसके अलावा ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षक भी इस मुहिम में अभ्यर्थियों के साथ हैं। वास्तव में, वे ही इस मुहिम की अगुवाई कर रहे हैं, जिसको छात्रों की बहुसंख्या का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।

प्रतियोगी छात्रों के मुद्दों को हमेशा से उठाने वाले 'युवा हल्ला बोल' के संयोजक अनुपम ने कहा, "देश के सबसे बड़े संकट यानी बेरोजगारी के मुद्दे के प्रति सरकार गंभीर नहीं है और समस्या से निपटने की बजाए सरकार सोई हुई है। सरकार को इसी नींद से जगाने के लिए देशभर के बेरोज़गार युवा शनिवार 5 सितंबर को शाम 5 बजे 5 मिनट के लिए ताली, थाली या घंटी बजाएंगे।"

शुक्रवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के दो प्रमुख उद्देश्य हैं। पहला शिक्षक दिवस के दिन छात्रों का साथ देने के लिए शिक्षकों का आभार प्रकट करना और दूसरा मक़सद है कि नींद में सोई हुई मोदी सरकार को जगाना ताकि उन्हें युवाओं की शक्ति का एहसास हो जाए, जो कि एक मतदाता भी हैं।

ये भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ क्यों लामबंद हैं एसएससी, रेलवे सहित दर्जन भर परीक्षाओं के लाखों अभ्यर्थी?

बिहार: बाढ़ और कोरोना के बीच STET की फिर से परीक्षा का विरोध कर रहे हैं लगभग ढाई लाख अभ्यर्थी

'पद भी खाली हैं और हम भी काबिल हैं, हमें नौकरी दो'

परीक्षा में सफल होने के बावजूद धरने पर बैठने को क्यों मजबूर हैं ये अभ्यर्थी?

क्या है SSC का UFM नियम, जिससे हो रहा तैयारी करने वाले छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़?

बेरोजगारी : लाखों पद खाली लेकिन नहीं हो रहीं भर्तियां

छत्तीसगढ़ में अटकी पड़ी कई सरकारी भर्तियां, फिर भी सरकार की नजर में बेरोजगारी हुई कम



Tags:
  • student protest
  • story

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.