आदिवासियों की हालत देख छोड़ दी मल्‍टीनेशनल कंपनी की नौकरी, बच्चाें को दे रहे मुफ्त शिक्षा

Umesh Kumar | Aug 16, 2019, 06:14 IST

अहमदाबाद(गुजरात)। एक शख्‍स ने आदिवासियों की खराब हालत देखकर मल्‍टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने आदिवासि‍यों के बच्‍चों के लिए एक छात्रावास खोला और उसमें बच्‍चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ लाइफ स्किल से जुड़ी चीजों को भी सिखाया जाता है।

मूल रुप से अहमदाबाद के रहने वाले अल्पेश राठौर कभी यूनिसेफ में काम करते थे। इन्‍हें एक प्रोजेक्‍ट के तहत इन आदिवासियों के बीच काम करने का मौका मिला। यहां की हालत देखकर उन्‍हें लगा कि जिस प्रकार से इनके विकास के लिए काम हो रहा है, उस हिसाब से बहुत देर हो जाएगी। ऐसे में उन्‍होंने यूनिसेफ की नौकरी छोड़कर नर्मदा के गुरूदेस्वर में गरीब और आदिवासी बच्चों के लिए मुफ्त में छात्रावास खोल दि‍या।



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उन्‍होंने आगे बताया कि कुछ सालों पहले यूनिसेफ में काम करते समय हमें आदिवासी इलाके में काम करने का मौका मिला। जब में यहां पर काम कर रहा था तो पता चला की कोई रोजगार न होने के कारण यहां के लोग मजदूरी करने के बाद पलायन कर जाते हैं। ये अपने साथ अपने बच्चे को भी ले जाते हैं, इससे उनकी पढ़ाई छूट जाती है।



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अल्‍पेश बताते हैं कि जब यहां की हालत देखी तो मैंने अपनी जॉब छोड़कर, यहां के बच्चों के लिए कुछ करने के बारे में सोचा। मैं ओर मेरे कुछ दोस्तों ने मिलकर इसकी शुरूआत चार साल पहले की थी। पहले लोगों को हम पर उतना विश्‍वास नहीं हो रहा था कि कोई बिना स्‍वार्थ के हमारे बच्‍चों के लिए कैसे इतना सब कुछ कर सकता है। धीरे-धीरे लोगों का विश्‍वास हमपर आ गया।

उनका कहना है कि यहां सिर्फ बच्चों को रहने की सुविधा ही नहीं बल्‍कि हम उनको लाइफ स्किल के बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं। यहां के बच्चों को खाना बनाना, बाल काटना, सफाई करना जैसे काम भी सिखाए जाते हैं ताकि उनको आगे कोई दिक्कत न हो, वो आसानी से अपने परिवार का भरण पोषण कर सकते हैं।



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