गोरखपुर कैम्पियरगंज की सीएचसी क्यों है पूरे उत्तर प्रदेश में नंबर वन, जानिए
Chandrakant Mishra | May 13, 2019, 11:43 IST
कायाकल्प अवार्ड के तहत पुरस्कृत सीएचसी को पुरस्कार स्वरूप पैसे दिए जाते हैं जिनका 75 फीसदी हिस्सा अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में इस्तेमाल होता है जबकि 25 फीसदी हिस्सा स्टाफ वेलफेयर पर खर्च किया जाता है
लखनऊ। गोरखपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कैम्पियरगंज को पूरे उत्तर प्रदेश में कायाकल्प अवार्ड में पहला स्थान मिला है। कुल 91.5 फीसदी अंकों के साथ सीएचसी ने यूपी के करीब 650 से ज्यादा सीएचसी के बीच यह मुकाम हासिल किया है।
कायाकल्प अवार्ड के तहत पुरस्कृत सीएचसी को पुरस्कार स्वरूप पैसे दिए जाते हैं जिनका 75 फीसदी हिस्सा अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में इस्तेमाल होता है जबकि 25 फीसदी हिस्सा स्टाफ वेलफेयर पर खर्च किया जाता है। पिछले साल तक प्रथम स्थान पाने वाले सीएचसी को पंद्रह लाख रूपये जबकि पीएचसी को 2 लाख देने का प्रावधान था। हांलाकि इस बार अभी तक धनराशि को लेकर घोषणा नहीं हुई है।
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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला नोडल अधिकारी कायाकल्प अवार्ड डा. नंद कुमार ने बताया," कुल 46 सीएचसी कायाकल्प अवार्ड में पास हुई हैं जिनमें कैम्पियरगंज सीएचसी को पूरे यूपी में पहला स्थान और पिपराइच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 45 वां स्थान मिला है।"
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सरकारी अस्पतालों में स्वच्छता सुदृढीकरण के लिए भारत सरकार ने कायाकल्प अवार्ड योजना शुभारंभ की है। इसके तहत प्रदेश में 715 सरकारी अस्पतालों को चिन्हित किया गया था। इनमें जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया था।
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जिले के क्वालिटी इश्योरेंस कंसल्टेंट डा. मुस्तफा ने बताया," पीएचसी कैटेगरी में गोरखपुर की डेरवां पीएचसी को न केवल जिला स्तर पर पहला स्थान मिला है, बल्कि प्रदेश स्तर पर सर्वाधिक 84.7 फीसदी अंकों के साथ पहला स्थान मिला है। इन सीएचसी व पीएचसी का निरीक्षण कायाकल्प अवार्ड के लिए लखनऊ से आई टीम ने फरवरी व मार्च महीने में किया था।
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मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर, डॉक्टर श्रीकांत तिवारी ने बताया, " कायाकल्प अवार्ड में गोरखपुर जनपद को सबसे अधिक 10 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। सीएचसी कैटेगरी में कैम्पियरगंज को प्रदेश में पहला स्थान, पिपराईच को 45 वां स्थान, वहीं पीएचसी कैटेगरी में डेरवां, जंगल कौड़िया, खोराबार व कौड़ीराम जबकि नगरीय स्वास्थ्य केंद्र कैटेगरी में बसंपुर यूपीएचसी, दीवान बाजार यूपीएचसी और गोरखनाथ यूपीएचसी को एवार्ड प्राप्त हुए हैं।"
कायाकल्प अवार्ड के तहत पुरस्कृत सीएचसी को पुरस्कार स्वरूप पैसे दिए जाते हैं जिनका 75 फीसदी हिस्सा अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में इस्तेमाल होता है जबकि 25 फीसदी हिस्सा स्टाफ वेलफेयर पर खर्च किया जाता है। पिछले साल तक प्रथम स्थान पाने वाले सीएचसी को पंद्रह लाख रूपये जबकि पीएचसी को 2 लाख देने का प्रावधान था। हांलाकि इस बार अभी तक धनराशि को लेकर घोषणा नहीं हुई है।
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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला नोडल अधिकारी कायाकल्प अवार्ड डा. नंद कुमार ने बताया," कुल 46 सीएचसी कायाकल्प अवार्ड में पास हुई हैं जिनमें कैम्पियरगंज सीएचसी को पूरे यूपी में पहला स्थान और पिपराइच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 45 वां स्थान मिला है।"
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इन विषय पर हुआ है मूल्यांकन - अस्पताल का रखरखाव -स्वच्छता व साफ-सफाई -बायोमेडिकल प्रबंधन - संक्रमण नियंत्रण अभ्यास -स्वच्छता प्रोत्साहन -समर्थन सेवाएं
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सरकारी अस्पतालों में स्वच्छता सुदृढीकरण के लिए भारत सरकार ने कायाकल्प अवार्ड योजना शुभारंभ की है। इसके तहत प्रदेश में 715 सरकारी अस्पतालों को चिन्हित किया गया था। इनमें जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया था।
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जिले के क्वालिटी इश्योरेंस कंसल्टेंट डा. मुस्तफा ने बताया," पीएचसी कैटेगरी में गोरखपुर की डेरवां पीएचसी को न केवल जिला स्तर पर पहला स्थान मिला है, बल्कि प्रदेश स्तर पर सर्वाधिक 84.7 फीसदी अंकों के साथ पहला स्थान मिला है। इन सीएचसी व पीएचसी का निरीक्षण कायाकल्प अवार्ड के लिए लखनऊ से आई टीम ने फरवरी व मार्च महीने में किया था।
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मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर, डॉक्टर श्रीकांत तिवारी ने बताया, " कायाकल्प अवार्ड में गोरखपुर जनपद को सबसे अधिक 10 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। सीएचसी कैटेगरी में कैम्पियरगंज को प्रदेश में पहला स्थान, पिपराईच को 45 वां स्थान, वहीं पीएचसी कैटेगरी में डेरवां, जंगल कौड़िया, खोराबार व कौड़ीराम जबकि नगरीय स्वास्थ्य केंद्र कैटेगरी में बसंपुर यूपीएचसी, दीवान बाजार यूपीएचसी और गोरखनाथ यूपीएचसी को एवार्ड प्राप्त हुए हैं।"