लगातार फोन पर चैटिंग करने से हो सकती है ये बीमारी 

Shrinkhala PandeyShrinkhala Pandey   26 Feb 2018 12:28 PM GMT

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लगातार फोन पर चैटिंग करने से हो सकती है ये बीमारी मोबाइल चैटिंग से भी हो सकती है परेशानी।

लगातार फेसबुक, वाट्सऐप का इस्तेमाल करने के करण युवाओं के लिए स्मार्टफोन एक आदत बन गया है। इस चैटिंग की आदत से कलाई और उंगलियों के जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस या रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजरी (आरएसआई) के जैसी बड़ी समस्याएं भी हो सकती है।

लखनऊ के सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. शुभ मल्होत्रा बताते हैं, “लगातार चैटिंग एवं मैसेजिव मैसेज करने के कारण ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई है, जिन्हें उंगलियों, अंगूठे और हाथों में दर्द से परेशानी हो रही है। इस तरह का दर्द और जकड़न रिपेटिटिव स्ट्रेस इंजरी (आरएसआई) पैदा कर सकती है।”

डॉ. मल्होत्रा आगे बताते हैं, “ये बीमारी एक ही काम को लंबे समय तक बार-बार दोहराए जाने के कारण जोड़ों के लिगामेंट और टेंडन में सूजन (इन्फ्लामेशन) होने के कारण होती है, इसे कार्पेल टनेल सिंड्रोम कहते हैं।”

ज्यादा गेम खेलना भी परेशानी का कारण

जो लोग टच स्क्रीन स्मार्ट फोन और टैबलेट पर बहुत ज्यादा गेम खेलते हैं और टाइप करते हैं, उनकी कलाई और अंगुलियों के जोड़ों में दर्द और कभी-कभी तो अंगुलियों में गंभीर ऑर्थराइटिस हो सकता है। गेम खेलने वाले डिवाइस को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से भी परेशानी बढ़ सकती है।

मोबाइल के लगातार इस्तेमाल के हैं कई नुकसान।

फोन के गलत इस्तेमाल से होती हैं इंजरी

डॉ. मल्होत्रा कहते हैं कि ज्यादातर लोग टच स्क्रीन का इस्तेमाल गलत तरीके से और गलत पोस्चर में करते हैं। जब वे टाइप करते समय अपनी कलाई पर ज्यादा दबाव डालते हैं या अपने हाथों को बहुत ज्यादा आगे या पीछे झुकाते हैं, इससे हाथों पर स्ट्रेस पड़ता है और इसके कारण होने वाली बीमारियों में कार्पेल टनेल सिंड्रोम सबसे आम बात है।

आपकी गर्दन और इसे सहारा देने वाली सर्वाइकल स्पाइन पर खराब पोस्चर का बहुत प्रभाव पड़ता है, और इससे स्पाइनल कॉर्ड से निकलने वाली नसों पर दबाव पड़ता है और वो फैल सकती है। अपनी गर्दन को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की तरफ नहीं मोड़ें और खासकर अपने सिर को एक तरफ या दूसरे तरफ लंबे समय तक मोड़ कर नहीं रखें। अपनी गर्दन को एक ही पोजीशन में लंबे समय तक न रखें और थोड़ी-थोड़ी देर पर इसे आराम दे। अगर आप गर्दन एक ही पोजीशन में रखते है और उसमें दर्द, सुन्नपन या झनझनाहट को महसूस करते हैं तो अपनी गर्दन की पोजीशन तुरंत बदल ले और गर्दन को उसी पोजीशन में रखें जिसमें आपको आराम मिले।

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