शरीर को बीमारियों से दूर रखेंगे ये प्राणायाम, जानिए करनेे की विधि

Shrinkhala Pandey | Dec 26, 2017, 17:27 IST

योग या प्राणायाम नियमित करने से शरीर न केवल स्वस्थ रहता है बल्कि आप खुद को ताजा व सक्रिय भी रखता है। यहां हम आपको बता रहे हैं अनुलोम विलोम व सीत्कारी प्राणायाम करने की विधि व इससे होने वाले फायदे -

अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहते है। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाडिय़ों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है।

विधि

दरी व कंबल बिछा कर उस पर अपनी सुविधानुसार पद्मासन में बैठ जाएं फिर अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नाक के बाएं छिद्र से सांस अंदर की ओर फिर बाई नाक को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। उसके बाद दाहिनी नाक से अंगूठे को हटा दें और सांस को बाहर निकालें। अब दाईं नाक से ही सांस अंदर की ओर भरें और दाई नाक को बंद करके बाईं नाक खोलकर सांस को आठ की गिनती से बाहर निकालें। इस क्रिया को पहले तीन मिनट तक और फिर इसका अभ्यास बढ़ाते हुए 10 मिनट तक करें, 10 मिनट से ज्यादा इसे नहीं करना चाहिए। इस प्राणायाम को सुबह खुली हवा में बैठकर करें।

लाभ

इससे शरीर में वात, कफ, पित्त आदि के विकार दूर होते हैं। रोजाना योग करने से फेफ ड़े शक्तिशाली बनते हैं। इससे नाडिय़ां शुद्ध होती है जिससे शरीर स्वस्थ, कांतिमय एवं शक्तिशाली बनता है। इस प्राणायाम को रोज़ करने से शरीर में कॉलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है। अनुलोम-विलोम करने से सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों में काफी आराम मिलता है।

सीत्कारी प्राणायाम

सीत्कारी या सित्कार प्राणायाम को करते समय सीत् सीत् की आवाज निकलती है, इसी कारण इसका नाम सीत्कारी कुम्भक या प्राणायाम पड़ा है।

विधि

सबसे पहले सीधे होकर बैठ जायें। दांत पर दांत बैठाकर, उसके पीछे जीभ को लगाकर धीरे-धीरे मुंह से सांस को अंदर खींचें। कुछ देर बाद सांस को नाक से निकाल दें और पुन: सांस को अंदर खींचें। यह प्रक्रिया 10 से 12 बार करें। इसके करने से मुंह के अंदर का भाग सूखने लगता है।



सीत्कारी प्राणायाम की स्थिति।

लाभ

इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में ऑक्सीजन की कमी दूर होती है और शारीरिक तेज में वृद्धि होती है। यह चेहरे की चमक बढ़ाकर सौंदर्य में वृद्धि करता है। इसके अभ्यास से शरीर स्फूर्तिवान बनता है। इससे शरीर में स्थित अतिरिक्त गर्मी समाप्त होती है, जिससे पेट की गर्मी और जलन कम हो जाती है। इसके नियमित अभ्यास से ज्यादा पसीना आने की शिकायत भी दूर होती है।



Tags:
  • Health
  • Physical exercise
  • सेहत
  • Regular yoga
  • आसन
  • प्राणायाम
  • अनुलोम विलोम