दिल की बीमारियों से बचने का तरीका है आपकी मुट्ठी में

Deepanshu Mishra | Sep 29, 2018, 11:34 IST
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लखनऊ। जिस तरह पिछले कुछ वर्षों में हृदय संबंधित बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, इसके पीछे कहीं न कहीं बदलती दिनचर्या भी है। ऐसे में इसके मुख्य कारण और बचाव के तरीकों के बारे में बता रहे हैं केजीएमयू में हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. वीएस नारायण।



वो बताते हैं, "दिल की बीमारियां पहले भी होती थी और आज भी हो रही हैं। पहले जो खान-पान का तरीका था रहन-सहन का तरीका था एक दम अलग था। लोग सुबह उठकर टहलने के लिए जाते थे। मीलों पैदल चलते थोड़ा बहुत खाना खाकर खेतों को चले जाते थे। दिन भर खूब काम करके शाम को घर आकर खाना खाकर सो जाते थे और लम्बी और अच्छी नींद लेते थे। सिगरेट, बीड़ी, तम्बाकू का सेवन उस समय भी होता था, लेकिन जितना आज हो रहा है उतना नहीं होता था।"

गाँव के लोग गाँव छोड़कर शहरों में आ रहे हैं। शहरों में प्रदूषण तेजी से फ़ैल रहा है। लोगों को खुली हवा नहीं मिलती है बंद कमरों में रहते हैं, बनावटी लाइट का प्रयोग करते हैं इसकी वजह से मानसिक तनाव बढ़ता है। बैठे-बैठे खाना, बार-बार एक ही तेल में पकी चीजों का सेवन करना, पान-मसाला, धुम्रपान का सेवन और मानसिक तनाव लेना इस सब चीजों से मिलकर जो असर ब्लडप्रेशर और डायबिटीज का बढ़ना ये सब कम उम्र में दिल का रोग दे रहे हैं।

दुनियाभर में होने वाली हर तीन में से एक मौत दिल संबंधी रोगों के कारण होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2015 में दिल के रोग के कारण 17.7 मिलियन लोग अपनी जान खो बैठे है। इन चौका देने वाले आंकड़ों में ये खुलासा हुआ है कि 7.4 मिलियन लोगों को कोरोनरी दिल के रोग के कारण मृत्यु हुई वही 6.7 मिलियन लोग स्ट्रोक के कारण अपनी जान गवां बैठे।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दिल के दौरे से हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। भारत में हर साल करीब 20 लाख लोग दिल के दौरे से पीड़ित हैं, जिनमें ज़्यादातर युवा हैं। शहर में रहने वाले पुरुषों को, गाँव में रहने वाले पुरुषों से दिल के दौरे की संभावना तीन गुना अधिक होती है। वहीं, महिलाओं में मेनोपॉज के बाद इसका खतरा बढ़ जाता है।



प्रो. वीएस नारायण,अध्यक्ष

हृदय रोग विभाग,केजीएमयू

हार्ट अटैक कैसे पड़ता है

"जैसे किसान दिन रात फसल पैदा करने के हल चलाता है ठीक वैसे ही दिल एक सेकंड रुके बिना लगातार काम करता रहता है। जीवित रहने के लिए किसान को भी रोटी चाहिए होती है, ठीक वैसे ही दिल को खून की आवश्यकता होती है। दिल को तीन नसों से खून मिलता है। दिल को नसों से अच्छे से खून मिलता रहता है तब आदमी एक दम सही रहता है। उम्र के साथ तम्बाकू, ब्लडप्रेशर, डायबिटीज की वजह से नसें पतली होने लगती हैं तब खून दिल को अच्छे से मिल नहीं पाता है। व्यक्ति जब मेहनत करता है तब उसे खून की ज्यादा आवश्यकता होती है उस वक्त सीने में दर्द शुरू हो जाता है। किन्हीं कारणों से नस अगर पूरी तरह से बंद हो जाये या थक्का जम जाए तो खून मिलना एक दम बंद हो जाती है। खून मिलना जब एक दम बंद हो जाता है तो उसके कारण हार्ट अटैक हो जाता है। नस बंद होने पर अस्पताल पहुंचना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है क्योंकि जो नस बंद है उन्हें साफ़ अस्पताल में ही किया जा सकता है।" प्रो. वीएस नारायण बताते हैं।

दर्द को न करें नजरअंदाज

हार्ट अटैक में पहल, झटका, दूसरा झटका और तीसरा झटका ये सब धारणायें हैं। हार्ट अटैक होता है उसे उसी तरह से ठीक करना चाहिए। यह बिलकुल भी न सोचे की पहला झटका आया है कोई बात नहीं दूसरा आएगा तब देखा जायेगा। अगर सीने में दर्द हो रहा है, चलने में फट रहा है, कंधे, सीने, गले, बांह में दर्द आ जाता है इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि जान इस उपर डिपेंड होती है। पहले अटैक में 25% लोग अस्पताल नहीं पहुँच पाते हैं उनकी मृत्यु हो जाती है।

भावनाओं का दिल के साथ सम्बन्ध

इमोशन का दिल के साथ बहुत गहरा सम्बन्ध है। कई बार देखा जाता है कि किसी के घर में उसके खास की मृत्यु हो जाए तो अचानक व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ जाता है और उसकी मौत हो जाती है। अक्यूट स्ट्रेस के कारण कई लोगों बिना नसों में समस्या के दिल का दौरा पड़ जाता है और अचानक उसकी मृत्यु हो जाती है। इससे बचने के लिए व्यक्ति दिन भर काम करे लेकिन एक शाम को एक घंटे शांति से बैठकर ध्यान जरूर करना चाहिए।

नींद पर दे ध्यान

सोना बहुत ज्यादा जरुरी है। लोग दो-तीन बजे रात तक मोबाइल चलाते रहते हैं अपना काम करते रहते हैं, टीबी देख रहे हैं सुबह सात बजे जगकर फिर भागे जा रहे हैं। नींद अगर अच्छी नहीं आएगी तो दिल की बीमारी का खतरा रहता है। सात-आठ घंटे की नींद बहुत ज्यादा आवश्यक है इसके लिए जहाँ सोने का कमरा हो वहन टेलीविजन नहीं होना चाहिए, मोबाइल देखते-देखते सोना नहीं चाहिए क्योंकि वाही सब ख्याल दिमाग में घूमते रहते हैं और अच्छी नींद नहीं आती है।

ऐसे रखें अपने दिल को सुरक्षित

दिल की बीमारियों से बचने का तरीका आपकी मुट्ठी में है। दिल का आकर मुठ्ठी की तरीके का होता है। मुट्ठी में पांच उंगलियां होती हैं। अंगूठे का काम है वजन न बढ़ने दो, व्यायाम करो, खाना-पीना ठीक करो। पहली उंगली डायबिटीज को कंट्रोल करो, दूसरी ऊंगली ब्लडप्रेशर कंट्रोल करो, तीसरी ऊँगली चिकनाई को कंट्रोल करो और चौथी ऊँगली किसी भी हाल में सिगरेट, तम्बाकू का सेवन नहीं होना चाहिए। मुट्ठी बंद रखिये दिल की बीमारी से बचे रहेंगे।



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