एंबुलेंस सेवा के साथ भद्दा मज़ाक कर रहे लोग, विभाग एफआईआर दर्ज करने की कर रहा तैयारी

Sundar Chandel | Jul 03, 2017, 15:04 IST
lucknow
मेरठ सुबह 10 बजे 108 एंबुलेंस सर्विस का कॉल सेंटर खुलता है। एक मोबाइल नंबर से फ़ोन आता है। इमरजेंसी रिस्पांस आॅफिसर काॅल अटेंड करती है। काॅलर बताता है कि जाखिर कॉलोनी में दीवार गिर गई है, जिसके नीचे दो बच्चे दब गए हैं, तत्काल एंबुलेंस भेज दो। उस इलाके में एंबुलेंस नहीं है, लेकिन बिना एक पल गंवाए डीआईजी बंगले के पास खड़ी एंबुलेंस भेजी जाती है।अब बताए गए मकान नंबर पर न कॉलर का पता चलता है और न ही उस इलाके में इस तरह की कोई घटना हुई थी।

ऐसी घटनाओं से सिर्फ एंबुलेंस स्टाफ के बेशकीमती 40 मिनट बेकार होते हैं। यह घटना की बानगी भर है। विभागीय जानकारी के अनुसार इस तरह के रोज़ाना 50 कॉल आते हैं, लेकिन फ़र्ज़ी कॉल के चक्कर में कई बार ज़रूरतमंद लोगों की मदद नहीं हो पाती।

लगातार फेक कॉलर्स के चक्कर की वजह से कॉल सेंटर में बैठे अधिकारी कई बार परेशान होकर कॉल भी अटेंड नहीं करते, जिसका खामियाज़ा किसी ज़रूरतमंद को भुगतना पड़ता है। केस अगर सीरियस हो तो इन्हीं हरकतों की वजह से किसी की जान भी जा सकती है। साथ ही लोकल स्तर पर स्टाफ कॉल झूठी समझकर सही स्थान पर जाने में आना-कानी करती है।

विभाग को लग रहा चूना

फेक कॉलर द्वारा दी गई गलत जानकारी की वजह से एंबुलेंस को रोजाना औसत दस से बीस किमी बिना वजह पेट्रोल फूँकना पड़ता है। गाड़ी में चालक सहित एक अन्य युवक रहता है। विभागीय जानकारी के अनुसार मेरठ में 25 एंबुलेंस मौजूद हैं, यानी रोज़ाना 500 किमी. की बर्बादी। जिसमें यदि 10 रुपए प्रति किमी का खर्च भी लगाएं, तो शरारती तत्व विभाग को सीधा पांच हज़ार रुपए का चूना लगा देते हैं। इसके अलावा जो समय बर्बाद होता है, वो अलग।

हर दिन 500 नंबर ब्लॉक

कॉल सेंटर अधिकारी बताते हैं कि इन्हीं हरकतों की वजह से हर दिन लगभग 500 नंबरों को दो घंटे के लिये ब्लॉक किया जाता है, लेकिन शरारती तत्व इसके बाद भी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आते। 108 नंबर पर कॉल कर उल्टी सीधी हरकतें करते रहते हैं।

कैसी-कैसी कॉल

  • घर पहुंचने के लिये साधन नहीं मिल रहा, घर छुड़वा दीजिये प्लीज़।
  • गाड़ी में तेल खत्म हो गया, पेट्रोल पंप दूर है, एंबुलेंस मिल सकती है क्या?
  • ब्वॉयफ्रेंड के साथ आई थी, छोड़कर भाग गया। हेल्प हो सकती है?
  • मॉम के चोट लग गई, क्या फर्स्ट एड बॉक्स भी रखते हो?
ऐसे कॉलर्स से परेशान होकर कॉल सेंटर प्रभारी अजय कुमार बताते हैं, "अब फर्जी कॉल करने वालों की अति हो गई है। पुलिस ऐसे लोगों को सर्वे कराकर चिन्हित करने की योजना बना रही है। अब इन लोगों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने की भी तैयारी है। वहीं लोकल स्तर पर 108 एंबुलेंस प्रभारी जेएस नेगी बताते हैं कि फर्जी कॉल करने वालों ने तो नाक में दम कर दिया है। रोज़ाना फेक कॉल की भरमार रहती है। ऐसी स्थिति में कई बार ज़रूरतमंदों की मदद नहीं हो पाती।

हाल ही में आई फेक कॉल

बीती रात हेड ऑफिस से कॉल सेंटर से फोन आया कि मवाना रोड स्थित रजपुरा गांव में एक महिला का एक्सीडेंट हुआ है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सामने का पता बताया, पोस्टमार्टम हाउस के पासखड़ी एंबुलेंस भेजी गई। स्टाफ ने जाकर पता किया तो महिला खड़ी हुई बाइक से गिर गई।

मनोरंजन से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • lucknow
  • Meerut
  • Meerut Police
  • मेरठ पुलिस
  • एंबुलेंस सेवा
  • ambulance 108
  • Samachar
  • hindi samachar
  • समाचार .
  • मेरठ समाचार
  • Meerut samachar
  • 108 एंबुलेंस सेवा
  • fake calls

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.