औरेया के इस सरकारी स्कूल के पंखा और झाड़ू बनाने वाले बच्चे बोलते हैं इंग्लिश

Ishtyak Khan | Nov 09, 2017, 17:21 IST
hindi samachar
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां लोग कान्वेंट में बच्चों को न भेजकर परिषदीय विद्यालय में भेज रहे हैं। जैतपुर फफूंद का प्राथमिक विद्यालय कान्वेंट को मात देकर ’ए’ श्रेणी में अपना नाम दर्ज करा चुका है। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिये जाते है। स्वस्थ रहने के लिए उन्हें योग भी कराया जाता है।

जिला मुख्यालय से 10 किमी. की दूरी पर पश्चिम दिशा में बसे जैतपुर फफूंद का प्राथमिक विद्यालय शिक्षा के नाम पर आज पहले स्थान पर है। दो साल पहले जिस विद्यालय में बच्चों की संख्या न्यून थी आज उस विद्यालय में तकरीबन 160 बच्चे हैं।

विद्यालय के प्रधानाध्यापक ज्ञान प्रकाश कहते हैं, “जैसे मेरे बच्चे हैं उसी तरह के विद्यालय के बच्चे हैं, उनकी शिक्षा पर हम पूरा ध्यान देते हैं, हमारे विद्यालय का कक्षा एक छात्र हिंदी पढ़ना जानता है और कक्षा पांच के किसी भी छात्र से अंग्रेजी पढ़ायी जाए तो कान्वेंट के सीबीएसई को मात देगा, मेरी लगन और शिक्षिकाओं की मेहनत रंग लाई है। सभी शिक्षिकाओं ने अटूट मेहनत कर क, ख, ग, न जानने वाले बच्चों को हिंदी पढ़नी आने लगी।

गाँव के जो बच्चे कान्वेंट में पढ़ने जाते थे वो आज परिषदीय में आ रहे हैं, प्रत्येक माह के वेतन से कुछ न कुछ पैसा विद्यालय के बच्चों पर अवश्य खर्च करते हैं मध्यान्ह भोजन में बच्चों को पनीर की सब्जी अपने पैसे प्रत्येक सप्ताह खिलाते हैं, इसमें शिक्षिकाऐ भी अपना पैसा लगाती हैं कोई मिठाई लाता है तो कोई बच्चों को टूथ ब्रश भी देती हैं।" बच्चों की साफ-सफाई का बहुत ही ध्यान दिया जाता है।

पंखा और झाड़ू बनाने वाले बच्चे बोलते हैं इंग्लिश

शिक्षिका सुमन तिवारी बताती हैं, “जैतपुर गाँव में लगने वाले दो मजरों में अल्पसंख्यक बस्ती अधिक है। इसलिए वहां के बच्चे पढ़ने में मन नहीं लगाते और झाडू, पंखा बनाते थे। अभिभावक भी बच्चों को नहीं भेजते थे प्रधानाध्यापक और हम लोगों ने अभिभावकों से पढ़ाने के लिए मिन्नत की आज अभिभावक स्वयं बच्चों को लेकर आते हैं।"

बच्चे

कान्वेंट छोड़ परिषदीय में आ रहे छात्र

प्रधानाध्यापक ज्ञान प्रकाश ने बताया, “अभी बच्चेां को शिक्षा ब्लैक बोर्ड के माध्यम से दी जा रही है नए वर्ष 2018 से बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी, गाँव के लोग अपने बच्चों को नियमित भेजने के लिए स्वयं छोड़ने आते है जो बच्चे कान्वेंट में जाते थे वो आज यहां परिषदीय में आ रहे हैं।"

वेतन का पैसा बच्चों पर खर्च करते शिक्षक

विद्यालय के प्रधानाध्यापक ज्ञान प्रकाश, शिक्षिका सुमन तिवारी और फरहत फातमा अपने वेतन से प्रत्येक माह बच्चों पर पैसा खर्च करती है। टाई, बेल्ट और परिचय पत्र बच्चों को निशुल्क दिये जाते हैं। इसके अलावा स्कूल में पंखों की व्यवस्था की गई। प्रत्येक माह मिठाई, चाकलेट और टॉफी से बच्चों का जन्म दिवस मनाया जाता है।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

Tags:
  • hindi samachar
  • samachar हिंदी समाचार
  • परिषदीय विद्यालयों
  • समाचार पत्र
  • secondary school
  • Guest school teacher

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.