आखिर क्यों मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं मिल पा रहा बेहतर ईलाज

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   25 May 2017 10:25 PM GMT

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आखिर क्यों मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं मिल पा रहा बेहतर ईलाजस्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने के बाद भी लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। इसका असर मरीजों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने के बाद भी लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।

जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूरी पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुम्हरावां में मरीजों को देख रहे फार्मासिस्ट चन्द्रसेन अरोरा ने बताया, “यहां के डॉ. मोहम्मद शमीम रात में इटौंजा के स्वास्थ्य केंद्र पर ड्यूटी करेंगे, इसलिए आज वो यहां नहीं आ पाएंगे।”

स्वास्थ्य विभाग के आकड़ों के मुताबिक, यूपी में कुल 18 हजार 382 डॉक्टरों के पद हैं, जिनमें 11 हजार 34 पद ही भरे हैं। कुल 7348 डॉक्टरों के पद खाली हैं। प्रदेशभर के सीएचसी और पीएचसी में सात हजार डॉक्टरों की कमी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटौंजा के चिकित्साधिकारी डॉ. हर्षित त्रिपाठी ने बताया, ‘’इस कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन आवेदन कम आ रहे हैं।

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जब तक डॉक्टरों की कमी दूर नहीं होती, तब तक सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टरों को मिलकर काम करना पड़ेगा।” इटौंजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी पत्नी का इलाज कराने आये आशीष यादव (28 वर्ष) ने बताया, “डॉक्टरों की कमी से जो इलाज कम समय में हो जाना चाहिए वो काफी देर में होता है। मैं सुबह नौ बजे आ गया था, लेकिन 10 बज गया है अभी तक डॉक्टर से मुलाक़ात नहीं हो पाई है।”

डॉ. हर्षित त्रिपाठी ने आगे बताया, “इटौंजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोजाना 500 से अधिक मरीज आते हैं और इन मरीजों को देखने के लिए यहां पर सिर्फ तीन डॉक्टर ही हैं। देखा जाए तो मरीजों को ठीक से देखने का समय भी नहीं मिलता है। कोई नेता आता है तो अब हम 100 मरीज जिनको रोजाना देखते हैं उन्हें छोड़कर नेता के पीछे दौड़ना पड़ता है।’’

उल्टे पाँव लौटना पड़ रहा मरीजों को

जिला मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूरी से अपना इलाज करवाने आये मोहम्मद सबीर (55 वर्ष) अपना आयुर्वेदिक इलाज कराने आए लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो उनका इलाज नहीं हुआ क्योंकि उस समय आयुष विभाग के डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। गाँव कनेक्शन संवाददाता ने जब डॉक्टर के न होने का कारण पूछा तो चिकित्साधिकारी त्रिपाठी ने बताया, “रोजाना एक ही डॉक्टर मरीज को नहीं देखता है डॉक्टरों की ड्यूटी बदलती रहती है। इसलिए डॉक्टर दूसरे कमरे में हैं वहां पर इनका इलाज हो जायेगा।

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