ड्रम सीडर से खेती कर कमा रहे मुनाफा 

Khadim Abbas RizviKhadim Abbas Rizvi   9 Jun 2017 3:42 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
ड्रम सीडर से खेती कर कमा रहे मुनाफा ड्रम सीडर से धान की बुआई करता किसान

जौनपुर। परंपरागत तरीके से धूप में दिनभर मेहनत करने के बावजूद किसानों को खेती का सही फल नहीं मिल पाता है, जिसके वह हकदार होते हैं। इसकी वजह वैज्ञानिक तरीके , से जानकारी न होना भी होता है। इन दिनों धान की फसल की बुआई की तैयारी चल रही है। ऐसे में किसान यदि ड्रम सीडर से धान की बुआई करें तो उन्हें काफी फायदा मिलेगा।

इसका जीता जागता उदाहरण गोरारी निवासी बसंतलाल मौर्य(45वर्ष) हैं। जो ड्रम सीडर तकनीक का इस्तेमाल करके धान की अच्छी पैदावार करके दूसरे किसानों की अपेक्षा अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं उनके नक्शे कदम पर चलकर दूसरे किसान भी अब इस बार ड्रम सीडर से धान की बुआई की तैयारी में हैं।

बसंत लाल मौर्य के मुताबिक, “ड्रम सीडर से धान की बुआई करना काफी फायदेमंद है। इससे किसान की लागत काफी कम आती है। जो किसान बिना ड्रम सीडर से धान की फसल लगाते हैं उन्हें पहले नर्सरी डालनी पड़ती है।

ये भी पढ़ेें- धान की फसल में नीम की खली देगी अच्छी पैदावार

करीब दो से ढाई बीघे खेत के लिए किसान को करीब तीन बिस्वा खेत में नर्सरी की जरूरत पड़ती है। इससे सीधे तौर पर हज़ार रुपए से ज्यादा का खर्च आता है। जबकि ड्रम सीडर का इस्तेमाल करके धान की फसल उगाई जाए तो नर्सरी की जरूरत ही नहीं पड़ती है। सिर्फ अंकुरित बीज ड्रम सीडर में डाल दिया जाता है और उसे एक व्यक्ति चला देता है और बीज की बुआई हो जाती है।”

ड्रम सीडर का यह भी बहुत बड़ा फायदा है कि इसमें बीच की दूरी को तय करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है। वैज्ञानिक विधि के अनुसार बीज को ड्रम सीडर रोप देता है। ड्रम सीडर से एक दिन के अंदर एक व्यक्ति करीब ढाई दो से ढाई बीघा खेत की रोपाई कर देता है। जब
कि आम तरीके से रोपाई करने में दस मज़दूर की जरूरत पड़ती है।

ड्रम सीडर से धान की फसल लगाने पर आम विधि के मुकाबले प्रति हेक्टेयर करीब चार से पांच क्विंटल उत्पादन पर भी फर्क पड़ता है। बसंत लाल मौर्य का कहना है, “वह ड्रम सीडर से धान की बुआई करते हैं, जिससे उन्हें इसका फायदा मिला है। इसकी जानकारी वह दूसरे किसानों को भी दे रहे हैं, ताकि वह भी इसका फायदा उठा सकें।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.