चौदह हजार महिलाओं ने स्वच्छ भारत अभियान को दी रफ्तार

Neetu SinghNeetu Singh   7 July 2017 8:06 AM GMT

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चौदह हजार महिलाओं ने स्वच्छ भारत अभियान को दी रफ्तारमहिलाएं नुक्कड़ नाटक कर शौचालय के प्रति लोगों को जागरुकता करते हुए।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

सीतापुर-लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पूरा करने के लिए महिला समाख्या के 16 जिलों की 14,000 संघ महिलाएं आगे आई हैं। वर्षों तक खुले में शौच जाने वाली ये महिलाएं न सिर्फ अपने घरों में शौचालय का निर्माण करा रही हैं बल्कि हर महिला ने अपने गाँव में 25 शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी सम्भाली है।

सीतापुर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर पिसांवा ब्लॉक से पश्चिम दिशा के मूडाखुर्द गांव की रहने वाली सुषमा देवी (35 वर्ष) का कहना है, “गाँवों में वर्षों से खुले में शौच जाने की परम्परा है, सरकारी बने शौचालय में भी लोग लकड़ी कंडा भरे हुए हैं, उनकी सोच बदलने में समय लग रहा है, शौचालय निर्माण से ज्यादा जरूरी है लोगों की सोच में परिवर्तन लाना।” वो आगे बताती हैं, “आज भी गाँव में खुले में शौच जाना सामान्य बात मानी जाती है, बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं यहां होती रहती है फिर भी लोग इन हादसों को लोग खुले में शौच जाने से नहीं जोड़ते हैं।”

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महिला समाख्या की जिला समन्यवक अनुपम लता अभी हाल में खुले में शौच के दौरान ग्राम प्रधान की पन्द्रह वर्षीय बेटी के साथ हुए रेप के बाद मौत की घटना का जिक्र करते हुए बताती हैं, “बिसवां ब्लॉक के एक गाँव के प्रधान की बेटी के साथ 30 जून को खुले में शौच के दौरान गाँव के दो लड़कों ने रेप किया, फिर मार दिया, इस घटना को भी आस पास के लोग शौचालय से नहीं जोड़ रहे हैं, इस घटना के बाद गाँव में दहशत का माहौल जरूर है, अब शौच करने कोई अपनी बिटिया को अकेले नहीं भेज रहा है, समूह में लोग जा रहे है पर अभी भी लोग शौचालय निर्माण के बारे में नहीं सोच रहे हैं।” वो आगे बताती हैं, “महिला समाख्या 450 ग्राम पंचायत में काम कर रही है हर पंचायत से दो महिलाएं चुनी गयी हैं, कुल 950 महिलाएं इस अभियान में शामिल हैं हर महिला को 25 शौचालय के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है।”

दो अक्टूबर को हुई अभियान की शुरुआत

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत दो अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने की थी,इस मिशन को अक्टूबर 2019 को पूरा करके देश को खुले से शौच मुक्त करना है। पंचायती राज दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “प्रदेश में अभी शामली जिला ही शौच मुक्त हुआ है, दिसंबर 2017 तक 30 जिले खुले में शौच मुक्त हो जायेंगे, दिसंबर 2018 तक पूरा प्रदेश खुले से शौच मुक्त करा दिया जाएगा।”

लोगों को महिलाएं कर रहीं जागरूक

श्रावस्ती जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर सिरसिया ब्लॉक के ताल बघोड़ा गांव की साबिरा ने स्वच्छ भारत अभियान महिम में शामिल होकर अबतक 12 गढ्ढे खुदवाएं हैं, साबिरा की तरह कई महिलाएं लोगों को जागरूक कर रही हैं। जिला समन्यवक इंदु का कहना है, “बरसात होने की वजह से काम धीमी गति से चल रहा है, खुद पैसे लगाकर निर्माण करना ग्रामीणों के लिए बड़ी बात है पर महिलाएं मोटिवेट कर रही हैं।”

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ग्रामीण समझें शौचालय की महत्ता

डीएम डॉक्टर सारिका मोहन का कहना है, “खुले में शौच के दौरान हुई इस घटना को स्वच्छ भारत अभियान में ग्रामीणों को सीएलटीएस के दौरान जरूर बताएंगे, जिससे ग्रामीण शौचालय की महत्ता को समझें, जिले में शौचालय बनाने को लेकर पूरी कार्ययोजना तैयार हो गई है। नोडल ऑफिसर भी बन गए हैं, जिले में 21 ग्राम पंचायतें ओडीएफ हो चुकी हैं, एक महिला ही महिला के नजरिये से शौचालय की महत्ता बता सकती है इसलिए जिले में सैकड़ों महिलाएं इस मुहिम में शामिल है।”

जिला सलाहकार डॉ राजकुमारी त्रिपाठी ने बताया श्रावस्ती जिले को दिसंबर 2017 तक खुले में शौच मुक्त कर दिया जाएगा, अबतक 54 गाँव खुले से शौच मुक्त हो चुके हैं, महिला समाख्या की 150 महिलाएं हमे सहयोग कर रही हैं, ग्राम पंचायतों में मीटिंग्स के दौरान ये आगे आ रही हैं स्थानीय होने की वजह से लोग इनकी बात जल्दी मान रहे हैं, ये हमारे लिए स्टेक होल्डर का भी काम कर रही हैं।

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