रोज हजारों यात्री इस स्टेशन से सफर पर निकलते हैं, बावजूद इसके मूलभूत सुविधाओं का अभाव
गाँव कनेक्शन | Jul 08, 2017, 15:04 IST
बीसी यादव, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
मछलीशहर (जौनपुर)। लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद और जौनपुर जाने के लिए जिस जंघई रेलवे स्टेशन से हजारों यात्री रोज ट्रेन पकड़ते हैं, उस स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा पर पानी फिर गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते स्टेशन के वेटिंग रूम में घुटनों तक पानी भर गया है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, जंघई स्टेशन की हर दिन डेढ़ करोड़ रुपए की कमाई होती है, जबकि इतने ही रुपए का बजट स्टेशन के वेटिंग रूम को दुरुस्त करने के लिए कई वर्ष पहले पास भी हुआ है, लेकिन वेटिंग रूम की समस्या को दुरुस्त नहीं किया गया है। दिक्कत यह है कि जंघई स्टेशन पर जो वेटिंग रूम बना है।
वह पुराने मॉडल का और नीचा है। टीन शेड आदि का पानी गिरकर वेटिंग रूम में चला जाता है। हल्की बारिश होते ही यहां घुटनों तक पानी इकट्ठा हो जाता है। स्वच्छ स्टेशनों के लिए हुए सर्वे में जंघई स्टेशन नंबर 327वां है। मछलीशहर ब्लॉक के गोधना निवासी अखिलेश सिंह (35 वर्ष) कहते हैं, “वेटिंग रूम में पानी भर जाने की वजह से इतनी दिक्कत होती है कि बताया नहीं जा सकता है। बैग आदि सामान को हर वक्त हाथ में लिया रहना पड़ता है।”
एक अन्य यात्री अरविंद पटेल का कहना, “रोज वाराणसी के लिए ट्रेन पकड़ते हैं यहां इतनी समस्या है कि गिनी नहीं जा सकती है। सबसे बड़ी समस्या वेटिंग रूम में जलभराव की है। जिसे बजट पास होने के बावजूद दुरुस्त नहीं किया जा रहा है।” वहीं भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजनाथ यादव का कहना है, “समस्या का हल नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में किसान जंघई स्टेशन पर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। क्योंकि स्टेशन से सफर करने वाले ज्यादातर लोग ग्रामीण परिवेश के ही हैं।”
स्टेशन अधीक्षक दशरथ लाल ने बताया वेटिंग रूम में जलभराव की समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इसके लिए बजट पास हो गया है। प्रतीक्षालय दोबारा तोड़कर बनने पर समस्या का हल हो जाएगा।
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मछलीशहर (जौनपुर)। लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद और जौनपुर जाने के लिए जिस जंघई रेलवे स्टेशन से हजारों यात्री रोज ट्रेन पकड़ते हैं, उस स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा पर पानी फिर गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते स्टेशन के वेटिंग रूम में घुटनों तक पानी भर गया है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, जंघई स्टेशन की हर दिन डेढ़ करोड़ रुपए की कमाई होती है, जबकि इतने ही रुपए का बजट स्टेशन के वेटिंग रूम को दुरुस्त करने के लिए कई वर्ष पहले पास भी हुआ है, लेकिन वेटिंग रूम की समस्या को दुरुस्त नहीं किया गया है। दिक्कत यह है कि जंघई स्टेशन पर जो वेटिंग रूम बना है।
वह पुराने मॉडल का और नीचा है। टीन शेड आदि का पानी गिरकर वेटिंग रूम में चला जाता है। हल्की बारिश होते ही यहां घुटनों तक पानी इकट्ठा हो जाता है। स्वच्छ स्टेशनों के लिए हुए सर्वे में जंघई स्टेशन नंबर 327वां है। मछलीशहर ब्लॉक के गोधना निवासी अखिलेश सिंह (35 वर्ष) कहते हैं, “वेटिंग रूम में पानी भर जाने की वजह से इतनी दिक्कत होती है कि बताया नहीं जा सकता है। बैग आदि सामान को हर वक्त हाथ में लिया रहना पड़ता है।”
एक अन्य यात्री अरविंद पटेल का कहना, “रोज वाराणसी के लिए ट्रेन पकड़ते हैं यहां इतनी समस्या है कि गिनी नहीं जा सकती है। सबसे बड़ी समस्या वेटिंग रूम में जलभराव की है। जिसे बजट पास होने के बावजूद दुरुस्त नहीं किया जा रहा है।” वहीं भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राजनाथ यादव का कहना है, “समस्या का हल नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में किसान जंघई स्टेशन पर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। क्योंकि स्टेशन से सफर करने वाले ज्यादातर लोग ग्रामीण परिवेश के ही हैं।”
स्टेशन एक नजर में
- 15 से अधिक ट्रेनों का स्टॉपेज
- डेढ़ करोड़ रुपए की रोजाना कमाई
- 327वां नंबर स्वच्छ स्टेशनों में
- लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी जौनपुर के लिए मिलती है ट्रेन
- डेढ़ करोड़ रुपए का बजट पास हो चुका है वेटिंग रूम के लिए
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