रुहेलखंड में गन्ने की जैविक खेती बन रही किसानों के आकर्षण का केंद्र 

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रुहेलखंड में गन्ने की जैविक खेती बन रही किसानों के आकर्षण का केंद्र कृषि भूमि को सुरक्षित करने के लिए रुहेलखंड के किसान गन्ने की जैविक खेती कर रहे हैं।

अमरकांत, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

बरेली। कृषि भूमि को सुरक्षित करने के लिए रुहेलखंड के किसान गन्ने की जैविक खेती को अधिक पसंद कर रहे हैं। इसका असर ये हुआ है की क्षेत्र में गन्ने का उत्पादन बढ़ने लगा है।

रुहेलखंड में तेज़ी से बढ़ रही गन्ने की जैविक खेती के बारें में उप गन्ना आयुक्त दिनेश्वर मिश्रा ने बताया,’’ वर्ष 2016-2017 में रुहेलखंड के करीब 19,636 गन्ना किसानों ने जैविक खेती शुरू की है। इसके लिए गन्ना विभाग ने किसानों को समितियों से बायोफर्टिलाइजर मुहैया कराया है। साथ ही गन्ना रोपण पर 600 रुपए प्रति हेक्टर का अनुदान भी दिया गया है।’’

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रुहेलखंड के किसानों के मुताबिक यहां पर जैविक खेती को बढ़ावा मिलने से अब बड़े क्षेत्र में कृषिभूमि सुरक्षित रहेगी। इससे क्षेत्र में गन्ना और चीनी का उत्पादन भी बढ़ेगा।

ऐसे मिलेगा बायोफर्टिलाइजर

किसानों को गन्ना समितियों से बायो फर्टिलाइजर मिलता है। इफको, कृभको और गन्ना शोध शाहजहांपुर से मुहैया कराया गया है। अगर किसान निजी दुकानों से बायोफर्टिलाइजर लेते हैं, तो उन्हें दुकान का बिल जमा करना पड़ेगा। इसके बाद सीधे किसान के खाते में अनुदान राशि भेज दी जाएगी।

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