पलक का इंडिया के लिए मेेडल लाने का सपना
गाँव कनेक्शन | Jun 16, 2017, 23:14 IST
आशीष शर्मा
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
गुरसहायगंज (कन्नौज)। मां शिक्षिका है, लेकिन बेटी को सरकारी नौकरी नहीं करनी। न ही कोई बड़ा व्यवसाय करने का सपना। उसे शौक है तो लड़कियों को आत्मरक्षा के टिप्स देना। इसके लिए जूडो भी सीख रही है पलक। 18 वर्षीय युवती लखनऊ में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी है।
जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब 22 किमी दूर बसे नगर पालिका परिशद गुरसहायगंज के मोहल्ला रामकृश्णनगर निवासी जितेद्र कुमार मिश्र की पुत्री पलक मिश्रा बताती हैं, ‘‘वर्ष 2012 में लड़कियों और महिलाओं के केस टीवी में देखे और अखबारों में पढे़, जिसमें अत्याचार होने की बात सामने आई। इसी से खुद जूडो सीखकर दूसरों को सिखाने की प्रेरणा जग गई। बीते दो साल से मैं जूडो सीख रही हूं।’’
पलक ने में कहा, ‘‘पिता कपडे़ का कारोबार और खेती करते हैं। मां अंजलि मिश्रा प्राथमिक स्कूल मतौली में षिक्षिका हैं। बड़ा भाई सूरज बीएससी फाइनल की परीक्षा दे चुका है। छोटा भाई सागर कक्षा 11 पास कर चुका है, वह अंडर 16 क्रिकेट प्रेतियोगिता की तैयारी भी कर रहा है।’’
पलक ने बताया कि दिसम्बर 2016 में लखनऊ में हुई इनवीटेशनल नेशनल पांच राज्यों (यूपी, पंजाब, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि) की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। जनरल सेके्रट्री जसपाल सिंह ने उसे सम्मानित किया था। पलन ने कानपुर में जूडो सीखने की षुरूआत की है। वह कहती है ‘‘इंडिया के लिए मेडल जीतने का सपना है। प्लेस और पैसे का सहयोग सरकार और जनप्रतिनिधि से नहीं मिलता है।’’
कन्नौज जिले से पलक के अलावा छिबरामऊ की खुश्बू शाक्य भी यूपी के लिए खेलती है। समय मिलने पर पलक दूसरी लड़कियों को भी जूडो सिखाकर आत्मरक्षा के गुण देती हैं।
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
गुरसहायगंज (कन्नौज)। मां शिक्षिका है, लेकिन बेटी को सरकारी नौकरी नहीं करनी। न ही कोई बड़ा व्यवसाय करने का सपना। उसे शौक है तो लड़कियों को आत्मरक्षा के टिप्स देना। इसके लिए जूडो भी सीख रही है पलक। 18 वर्षीय युवती लखनऊ में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी है।
जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब 22 किमी दूर बसे नगर पालिका परिशद गुरसहायगंज के मोहल्ला रामकृश्णनगर निवासी जितेद्र कुमार मिश्र की पुत्री पलक मिश्रा बताती हैं, ‘‘वर्ष 2012 में लड़कियों और महिलाओं के केस टीवी में देखे और अखबारों में पढे़, जिसमें अत्याचार होने की बात सामने आई। इसी से खुद जूडो सीखकर दूसरों को सिखाने की प्रेरणा जग गई। बीते दो साल से मैं जूडो सीख रही हूं।’’
पलक ने में कहा, ‘‘पिता कपडे़ का कारोबार और खेती करते हैं। मां अंजलि मिश्रा प्राथमिक स्कूल मतौली में षिक्षिका हैं। बड़ा भाई सूरज बीएससी फाइनल की परीक्षा दे चुका है। छोटा भाई सागर कक्षा 11 पास कर चुका है, वह अंडर 16 क्रिकेट प्रेतियोगिता की तैयारी भी कर रहा है।’’
पलक ने बताया कि दिसम्बर 2016 में लखनऊ में हुई इनवीटेशनल नेशनल पांच राज्यों (यूपी, पंजाब, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि) की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। जनरल सेके्रट्री जसपाल सिंह ने उसे सम्मानित किया था। पलन ने कानपुर में जूडो सीखने की षुरूआत की है। वह कहती है ‘‘इंडिया के लिए मेडल जीतने का सपना है। प्लेस और पैसे का सहयोग सरकार और जनप्रतिनिधि से नहीं मिलता है।’’
कन्नौज जिले से पलक के अलावा छिबरामऊ की खुश्बू शाक्य भी यूपी के लिए खेलती है। समय मिलने पर पलक दूसरी लड़कियों को भी जूडो सिखाकर आत्मरक्षा के गुण देती हैं।