मुहिम : महामारी फैला रहे मच्छरों पर ग्रामीणों का हल्लाबोल

गाँव कनेक्शन | Aug 20, 2017, 20:01 IST
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गाँव कनेक्शन, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। गंदगी और पानी में पनप कर लोगों में बीमारियां फैला रहे जानलेवा मच्छरों के खिलाफ जागरुकता कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर ग्रामीणों ने अब इनसे बचाव और छुटकारा पाने का संकल्प किया है। गांव कनेक्शऩ फाउंडेशन ने 19 जिलों में अपने सहयोगी सगठनों, विभागों के साछ मिलकर ये मुहिम चलाई

इन कार्यक्रमों में न सिर्फ ग्रामीणों को मलेरिया, डेंगू, इंसेफ्लाइटिस सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया गया, ग्रामीणों को नि:शुल्क क्लोरीन की दवाएं वितरित की गईं और अधिकारियों व डॉक्टर ने ग्रामीणों को जरूरी जानकारियां दीं।



बहराइच के चित्तौरा ब्लॉक के गाँव मोहरना में कार्यक्रम के दौरान चिकित्सक डॉ. प्रताप कुमार ने ग्रामीणों को बताया, “हम अपने घरों के आस-पास जल ठहराव किसी भी परिस्थिति में न होने दें, अगर जल ठहराव को रोक पाने में किसी तरह की समस्या हो तो उस ठहरे हुए जल में कैरासीन और चूने का प्रयोग भी मच्छरों की पैदावारी में अंकुश लगाने में मददगार होता है।“

वहीं, मेरठ के मवाना ब्लॉक के गाँव मवाना खुर्द स्थित इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में जिला मलेरिया विभाग की टीम से आए विशेषज्ञ डॉ. वैभव ने बताया, “मलेरिया, डेंगू समेत दूसरी मच्छर जनित बीमारियों से बचने का तरीका सिर्फ जागरूकता है। जागरूकता से ही हम अपने और अपने आस-पास फैलने वाली बीमारियों से निजात पा सकते हैं,” आगे कहा, “अकेले मेरठ में पिछले साल डेंगू और चिकनगुनिया की वजह से 123 लोगों की मौत हो गई थी। शुरू में साधारण सा लगने वाले मच्छर से फैलने वाला बुखार बाद में जानलेवा हो जाता है।“



कार्यक्रम में मेरठ के जिला मलेरिया अधिकारी योगेश सारस्वत बताते हैं, “डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है, तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी और इंसान को काटता है, तो वह संबंधित के खून में चला जाता है। ऐसे ही डेंगू वायरस एक से दो, दो से चार को फैलता चला जाता है।“

योगेश आगे बताते हैं, “मच्छर के काटने के 3 से पांच दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। षरीर में बीमारी पनपने कीमियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।“

मेरठ के गाँव गगोल निवासी संदीप कुमार (34 वर्ष) कहते हैं, “आज से पहले किसी अखबार ने इस तरह का कदम नहीं उठाया, यह वास्तव में सराहनीय कदम है।“



यहां विधायक डॉ. सोमेन्द्र तोमर ने कहा, “इस तरह के कार्यक्रमों से आमजन को लाभ होता है। गाँव कनेक्शन फाउंडेशन यदि इस तरह के कदम उठाते हैं तो वास्तव में गोरखपुर की घटना जैसी घटना दोबारा नहीं होगी।“

इन जिलों में हुए कार्यक्रम

ये कार्यक्रम गांव कनेक्शन फाउंडेशन की टीम ने स्वयं प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ, पीलीभीत, वाराणसी, मेरठ, इलाहाबाद, कानपुर, उन्नाव, कन्नौज, एटा, अलीगढ़, बहराइच, सिद्धार्थनगर, गोंडा, गाजियाबाद, ललितपुर, शाहजहांपुर, रायबरेली, जौनपुर और औरैया में हुए।

सिर्फ जागरुकता ही बचाव

मेरठ के मलेरिया विभाग के चिकित्सक डॉ. वैभव कहते हैं, ‘मलेरिया, डेंगू समेत दूसरी मच्छर जनित बीमारियों से बचने का तरीका सिर्फ जागरूकता है। जागरूकता से ही हम अपने और अपने आस-पास फैलने वाली बीमारियों से निजात पा सकते हैं। अकेले मेरठ में पिछले साल डेंगू और चिकनगुनिया की वजह से 123 लोगों की मौत हो गई थी। शुरू में साधारण सा लगने वाले मच्छर से फैलने वाला बुखार बाद में जानलेवा हो जाता है।’



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