लापरवाही : अस्पताल गेट पर ही हुआ प्रसव, नवजात की मौत

Shrivats AwasthiShrivats Awasthi   13 Jun 2017 6:47 PM GMT

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लापरवाही :  अस्पताल गेट पर ही हुआ प्रसव,  नवजात की मौतप्रसूता।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

नवाबगंज (उन्नाव)। अस्पतालों की स्थिति उन्नाव में सुधरने का नाम नहीं ले रही। हालात ये हैं कि इस वजह से मरीजों की जिंदगी तक खतरे में पड़ जा रही है। बावजूद इसके जिम्मेदारों के कानों पर जू तक नहीं रेंगता। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया, जब देर रात प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता को नवाबगंज स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। प्रसूता को देखते ही चिकित्सकों ने बिना प्राथमिक उपचार आदि किए ही जिला अस्पताल जाने के लिए कहा। इससे पहले की उसे जिला अस्पताल ले जाया जाता उस अस्पताल परिसर में ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। यही नहीं, जन्म के लगभग आधे घंटे बाद तक नवजात अस्पताल गेट पर ही पड़़ा रहा व उसे चिकित्सकों की टीम ने इलाज तक नहीं दिया।

आधे घंटे बाद परिजनों की शिकायत व प्रार्थना के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने नवजात को वार्ड में भर्ती किया। जहां एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई। इस बीच मामले को टालने के इरादे से अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रसूता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है।मैंने नवाबगंज चिकित्सा प्रभारी से जवाब मांगा है। मामले की जांच की जाएगी। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सीएमओ

अजगैन थानाक्षेत्र के जनसार में रहने वाले प्रसूता के पिता गंगाप्रसाद के अनुसार छह माह पूर्व विवाद के चलते ससुरालीजनों ने किरन को घर से बाहर निकाल दिया था।

गंगाप्रसाद ने बताया,“ सोमवार शाम उसकी बेटी किरन को प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर वह देर रात उसे लेकर नवाबगंज स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा। अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं मौजूद थी। स्टाफ नर्स ने समय से पहले प्रसव होने और बच्चे की हालत क्रिटिकल होने की बात कहकर उसे जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। स्टाफ नर्स ने बताया किरन की नार्मल डिलेवरी नहीं हो पाएगी। बिना ऑपरेशन प्रसव संभव नहीं। इस बीच लगभग दो घंटे तक उसकी बेटी अस्पताल में ही तड़पती रही। रात लगभग तीन बजे वह बेटी को वार्ड से बाहर लाकर अस्पताल गेट पहुंचा तभी उसने बच्चे को जन्म दिया।”

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अस्पताल गेट पर ही प्रसव होने के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों को मामले से अवगत कराया। इसके बाद भी उन्होंने अस्पताल गेट तक पहुंचने में आधा घंटे का समय लगा दिया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान बच्चे की हालत बिगडऩे लगी। सूचना पर पहुंचे स्वास्थ्य कर्मी बच्चे को लेकर वार्ड पहुंचे। यहां उसका इलाज शुरू किया गया, लेकिन एक घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद गंभीर हालत में किरन को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में किरन की हालत गंभीर बनी हुई है।

परिजनों ने किया हंगामा

किरन को प्रसव पीड़ा होने पर गंगाप्रसाद ने ससुरालीजनों को इसकी सूचना दे दी थी। सूचना मिलते ही देर शाम किरन का पति व अन्य लोग नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए थे। यहां देर रात जब बच्चे की मौत हो गई तो परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। लगभग आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद वह अस्पताल से वापस चले गए।

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