घूंघट की आड़ से ‘उन दिनों’ की बात

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घूंघट की आड़ से ‘उन दिनों’ की बातलखनऊ के मलिहाबाद में महिलाओं को किया गया जागरूक।

स्वयं प्रोजेक्ट टीम

लखनऊ। जो आज तक घूंघट में छिप कर माहवारी पर बात करने से कतराती थीं, उन्होंने आज खुलकर चर्चा की। माहवारी के दौरान क्या-क्या सावधानियां बरतें? संक्रमण की सूरत में क्या करें? ऐसे कई सवाल खुल कर किए। विश्व माहवारी दिवस पर गाँव कनेक्शन फाउंडेशन द्वारा उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में गाँव-गाँव में इस तरह के सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान विशेषज्ञों ने माहवारी से जुड़ी भ्रांतियों के जवाब दिए।

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बख्शी का तालाब से उत्तर में उदवतपुर गाँव की रहने वाली कल्याणी देवी (60 वर्ष) ने जागरुकता कार्यक्रम के दौरान बताया, “आज तक माहवारी के दिनों में हमने कभी सास-ससुर को खाना बनाकर नहीं दिया, इन दिनों खाना बनाकर देना अशुभ माना जाता है, आज पहली बार पता चला कि ये खून गन्दा नहीं होता है।”

महिलाओं को माहवारी के दौरान कपड़े न छूने देना, किचन से दूर रखना, और घर के बाहर तबेले में रहने देना जैसी तमाम भ्रांतियों पर डॉक्टरों ने खुलकर चर्चा की, जिन विषयों पर आज तक इन ग्रामीण महिलाओं ने कभी अपनी जुबां तक नहीं खोली थी।

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इस तरह के अनूठे आयोजन पर गाँव कनेक्शन फाउंडेशन की ट्रस्टी यामिनी त्रिपाठी ने कहा, "इन कार्यक्रमों के जरिए हमने गाँव-गाँव जाकर महिलाओं और लड़कियों को बताया गया कि माहवारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान देना चाहिए। यह इतना महत्वपूर्ण विषय है कि आप को इस बारे में बात करनी चाहिए, आगे बताया, "इसमें डॉक्टर, आशा बहू, एएनएम और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण महिलाओं को इसके बारे में विस्तार से बताया।" इस दौरान ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों को सेनेटरी नैपकिन भी बांटे गए। एक शोध के अनुसार ग्रामीण महिलाओं सर्वाइकल कैंसर की समस्या शहरी क्षेत्रों की महिलाओं से अधिक है।

रायबरेली में किशोरी और महिलाओं को पैड बांटे गए।

"माहवारी को लेकर संकोच नहीं करना चाहिए। माताओं-बहनों से इस पर खुलकर बात करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर स्कूलों में प्रधानाचार्य से सेनेटरी पैड्स की मांग तक करनी चाहिए।" रायबरेली के कुंदनगंज ब्लॉक में तीन गाँवों की किशोरियों को सेनेटरी नैपकिन वितरण करने के दौरान स्वास्थ्य विभाग की बीपीएम आरती सिंह कहा।

गांव कनेक्शऩ फाउंडेशन की मुहिम को लेकर अख़बार में प्रकाशित विशेष पेज।

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शाहजहांपुर जिले के ददरौल ब्लॉक के सैजना गाँव में कार्यक्रम में आशा बहू बीना गुप्ता ने कहा, "महावारी के दौरान ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए और कभी-कभी महावारी के दौरान हार्मोन्सगड़बड़ा जाते हैं, जिससे माहवारी ज्यादा दिन तक आने लगती है और कभी-कभी माहवारी के दौरानबीपी भी गड़बड़ हो जाता है।

शाहजहांपुर में भी गांव कनेक्शन की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया।

वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान मीरा देवी (36 वर्ष) ने कहा, "दो बच्चे हैं, लम्बे समय से एक माह में तीन बार पीरियड आता है। शर्म के मारे मैं किसी से इस बारे में चर्चा नहीं कर पाई। क्योंकिमुझे डर था कि लोग क्या कहेंगे। आज पहली बार अपनी बात कह पाई हूं।"

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माहवारी के दिनों में क्या करें

  1. महावारी के दौरान जब पेट में दर्द हो तो गर्म कपड़े से पेट के ऊपर सिकाई करनी चाहिए और गर्मपानी पीना चाहिए चावल नहीं खाने चाहिए।
  2. माहवारी के दौरान चावल खाने से पेट में सूजन आ जाती। इस दौरान साफ-सफाई का सबसे ज्यादाध्यान रखना चाहिए।
  3. महावारी के दौरान साफ कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ महिलाएं माहवारी के दौरान गंदेकपड़े का इस्तेमाल कर लेती हैं, जिससे यूट्रस कैंसर या संक्रमण होने का खतरा रहता है।
  4. हर चार-चार घंटे के बाद पैड बदलना चाहिए, और साफ शौचालय का इस्तेमाल करना चाहिए।

डॉ अंजिल, शाहजहांपुर

बहराइच।

इन जिलों के सहयोगी

1- कानपुर देहात - भारती सचान, 2- कानपुर नगर - राजीव शुक्ला, 3- अलीगढ़ - ज्ञानेश शर्मा
4- लखनऊ - दिनेश पाल, रामू गौतम, संतोष त्रिपाठी, महेंद्र कुमार, केके बाजपेई, संतोष सिंह
5- रायबरेली - किशन कुमार, 6- बहराइच - रोहित सिंह, 7- सुल्तानपुर - सुशील सिंह, 8- सिद्धार्थनगर - दीनानाथ , 9- कन्नौज - अजय मिश्र , 10- औरैया - इश्तियाक खान , 11 शाहजहांपुर - ऋषभ मिश्र , 12- ललितपुर - महेंद्र राजपूत , 13- एटा - आमिल , 14- इलाहाबाद - ओपी सिंह , 15- वाराणसी - विनोद शर्मा , 16- सीतापुर - विकास तोमर , 17- कुशीनगर- विमलेश निगम, 18- पीलीभीत - अनिल चौधरी , 19- गाज़ियाबाद- पंकज त्रिपाठी, 20- उन्नाव - श्रीवत्स अवस्थी

           

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