दालों की महंगाई में टोल टैक्स का तड़का 

Sundar ChandelSundar Chandel   13 Nov 2017 11:42 AM GMT

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दालों की महंगाई में टोल टैक्स का तड़का साभार: इंटरनेट 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। टोल प्लाजा के कारण दालों की महंगाई बढ़ रही है। सिवाया टोल पार करते ही दालों के रेट में 15 से 25 रुपए तक की वृद्धि हो जाती है। टोल का बहाना बनाकर व्यापारी उन्हीं किसानों को लूट रहे हैं, जिनसे आधे रेट में समूची दाल खरीदते हैं।

मोदीपुरम में जिस दाल की कीमत 100 रुपए प्रति किलो है, उसी की कीमत दौराला में 120 रुपए किलो है। यानि पांच किमी के दायरे में ही 20 रुपए का मोटा मुनाफा प्रति किलो कमाया जा रहा है। किसान और मजदूर व्यापारियों के बहाने के चलते ठगे जा रहे हैं, लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है।

दाल, चना आदि को किसान बड़ी मेहनत से अपने खेतों में तैयार करता है, लेकिन किसान मेहनत करने के बाद भी अच्छा दाम नहीं ले पाता। किसान को फसल के दाम कम मिलते हैं, जबकि बाजार में आसमान छूने लगते हैं। दौराला क्षेत्र के ही लावड़ गाँव निवासी इब्राहिम (56 वर्ष) बताते हैं, “मैंने इस बार पांच बीघा में चना उत्पादन किया था। जिसे पहले तो खरीदने वाला कोई नहीं मिला, मंडी में भी कम रेट था।

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बाद में मेरठ के एक व्यापारी ने 30 रुपए किलो चना खरीदा। बाद में वही दाल 100 रुपए किलो से ज्यादा के रेट पर बेची जा रही है।” गाँव खड़ोली निवासी भूलेराम (59 वर्ष) बताते हैं, “मेरे पैदा किए समूचे उड़द महज 50 के रेट से खरीदे गए, जबकि टोल का बहाना बनाकर व्यापारी उड़द की दाल 150 रुपए प्रति किलो तक बेच रहे हैं।”

लोगों का दर्द

किसान चौधरी रविन्द्र सिंह भाटी (44 वर्ष) बताते हैं, “एक ही क्षेत्र में दालों के अलग-अलग दाम बहुत गलत हैं। व्यापारी अपनी मनमर्जी से दाम वसूल रहे हैं। खामियाजा जनता को झेलना पड़ रहा है। नीरज (34 वर्ष) बताते हैं, “खाद्य पदार्थों में 100 मीटर की दूरी पर व्यापारियों ने दो रेट कर रखे हैं। बहाना सिर्फ टोल टैक्स होता है, जबकि दस किमी तक टोल फ्री है।” लक्की सिंह (37 वर्ष) बताते हैं, “देहात में शहर में भी ज्यादा रेट हैं। व्यापारी अपनी कमाई के चक्कर में गाँवों की भोली-भाली जनता को लूट रहे हैं।”

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दाल दुकान तक लाने में अधिक खर्च हो जाता है। टोल की मार लगातार बढ़ रही है, पहले एक कुंतल पर 50 रुपए भाड़ा खर्च होता था, अब 60 हो रहा है। मेरठ जाने में ही अपनी कार से 80 रुपए टोल देना पड़ता है।
सलीम, व्यापारी

क्या करें जब टोल से खर्च ज्यादा आता है तो अपनी जेब से थोड़ी भरेंगे। टोल के चलते प्रति चक्कर 500 रुपए का अतिरिक्त खर्च आता है।
रवीश गुप्ता, व्यापारी

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क्या है टोल का नियम

लोकल व्यक्ति को 10 किमी तक टोल पर छूट है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को आईडी प्रूफ दिखाना होता है। आइडी प्रूफ दिखाने के बाद टोल 80 से घटकर सीधा 20 पर पहुंच जाता है, लेकिन व्यापारी छूट न मिलने की बात कहकर किसानों व अन्य ग्राहकों को जमकर चूना लगा रहे हैं।

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