विश्व मृदा दिवस पर सीतापुर में हुए कार्यक्रम पर किसानों को किया गया जागरूक 

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
विश्व मृदा दिवस पर सीतापुर में हुए कार्यक्रम पर किसानों को किया गया जागरूक विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र ,कटिया सीतापुर द्वारा मानपुर, बिसवां में किया गया।

विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र ,कटिया सीतापुर द्वारा मानपुर, बिसवां में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश वर्मा, सांसद सीतापुर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए अपनी मिट्टी के स्वास्थ्य पर ध्यान देने को कहा। इसके लिए किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र से कम्पोस्ट , वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप कम्पोस्ट तथा अन्य जैविक उर्वरक पर नवीन तकनीकों पर प्रशिक्षण व तकनीकी सलाह लेकर अपनी मिट्टी का स्वास्थ्य सुधार सकते हैं।

इस अवसर पर राजेश वर्मा ने बताया कि कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु भारत सरकार द्वारा 70 प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं ,जिनका परोक्ष रूप से किसानों को लाभ मिल रहा है। मृदा स्वास्थ्य योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इन योजनाओं से किसानों को अपनी आय दोगुना करने में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डा0 टी.पी.त्रिवेदी, पूर्व सहायक महानिदेशक,आई0सी0ए0आर0,नई दिल्ली ने जैविक खेती व संतुलित उर्वरकों का प्रयोग का संकल्प दिलाते हुए कहा कि यदि हमें खेतों को ऊसर होने से बचाना है, तो मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करना होगा।

ये भी पढ़ें-क्यों ज़रूरी है किसानों के लिए मृदा सेहत कार्ड, कृषि मंत्री ने की है योजना का लाभ उठाने की अपील

विश्व मृदा दिवस के अवसर पर जिला कृषि उपनिदेशक, ए.एम.मिश्रा ने मृदा स्वास्थ कार्ड से होने वाले लाभ के बारे में किसानों को बताया की मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से आपके खेत में उपस्थित पोषक तत्त्वों जैसे पीएच मान,कार्बनिक पदार्थ, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, लोहा, और मैंगनीज की मात्रा की जाँच कर उनकी कमी या अधिकता को दर्शाया जाता है और उसी के अनुरूप आपको खेत में खाद या उर्वरक डालने की सलाह दी जाती है इस व्यवस्था से खेतों में अधिक खाद डालने की आदत पर रोक लगेगी और सन्तुलित मात्रा में खाद डालने से मिट्टी खराब नहीं होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ0 आनन्द सिंह ने एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर देते हुए कहा कि कृषि में सहायक गतिविधियाँ जैसे कि- घर के पिछवाड़े में मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, बत्तख पालन, खरगोश पालन, बकरी पालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन के माध्यम से किसान अपनी आय दोगुना कर सकते हैं। पशुपालन से प्राप्त अपशिष्ट के माध्यम से जैविक खाद तैयार कर लागत कम करके अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त बागवानी, कृषि वानिकी किसानों के लिए अतिरिक्त लाभ दे सकते हैं।

विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र ,कटिया सीतापुर द्वारा मानपुर, बिसवां में किया गया।

जिला उद्यान अधिकारी, विनय कुमार यादव ने उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनायों के बारे में जानकारी दी और किसानों को बताया कि मिट्टी की जांच कर संतुलित उर्वरक व कम्पोस्ट का प्रयोग कर सब्जी व फलों के उत्पादन को बढाया जा सकता है और अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें-विश्व मृदा दिवस विशेष: हर साल खत्म हो रही 5334 लाख टन उर्वरा मिट्टी

इफफो के शिव शुक्ला, क्षेत्रीय प्रबंधक ने नीम कोटिड यूरिया के लाभ तथा नीम की खेती और उससे होने वाले लाभ अर्जन व उपयोग के बारे में जानकारी दी।

सेक्रेट हाॅट महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डाॅ0 अनुज सक्सेना ने परम्परागत कृषि को बढावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया।

इस अवसर पर कृषि विभाग सीतापुर द्वारा तैयार किये गये मृदा स्वास्थ्य कार्ड को सांसद राजेश वर्मा द्वारा वितरित किया गया।

लोक भारती के जिला अध्यक्ष अनिल सिंह नें जीरो बजट खेती के बारे में कृषकों को जानकारी दी व प्रदूषण को कम करने के साथ-2 मिट्टी का स्वास्थ सुधर करते हुए कृषि उत्पादन को बढाया जा सकता है।

रूट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष विकास तोमर ने संस्था द्वारा किसान हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी तथा किसान क्लब के माध्यम से किसानों में उद्ययमता विकास के लिए विभिन्न आयामों के बारे में परिचर्चा की।

ये भी पढ़ें-20 रुपए की ये ‘दवा’ किसानों को कर सकती है मालामाल, पढ़िए पूरी जानकारी

कार्यक्रम में उपस्थित केंद्र के पादप रक्षा वैज्ञानिक डॉ दया शंकर श्रीवास्तव ने मृदा व्यापक रूप से फैल चुके सूत्रकृमि के बारे में विस्तार से चर्चा की और इस पर वहाँ के किसानों के साथ मिलकर एक परियोजना भी चला रहे हैं। केंद्र के कार्यक्रम सहायक लैब सचिन प्रताप तोमर ने किसानों से खेत से मिट्टी लेने की विधि एवं सावधानियों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में पशुपालन वैज्ञानिक डॉ आनंद सिंह, प्रसार वैज्ञानिक शैलेन्द्र सिंह, गृह वैज्ञानिक डॉ सौरभ यादव एवं डा0 शिशिर कान्त सिंह ने भी चर्चा करते हुए कृषको के सभी प्रश्नों का उचित समाधान बताया ।

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र कटिया के सभी वैज्ञानिक, कर्मचारी, सहित भारी संख्या में स्थानीय किसान मौजूद थे।

फोटो यहां देखें-

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.