क्या MSP बढ़ने से किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिलती है? सरल शब्दों में समझिए क्या है गणित
क्या MSP बढ़ने से किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिलती है? सरल शब्दों में समझिए क्या है गणित

By Gaon Connection

सरकार किसानों के हित के लिए लगातार कोशिश कर रही है; कई योजनाएँ शुरू की गई हैं और अब MSP पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इस रिपोर्ट में जानेंगे किसानों को एमएसपी से कितना हो रहा है फायदा और कैसे तय की जाती है फसल खरीद की कीमत।

सरकार किसानों के हित के लिए लगातार कोशिश कर रही है; कई योजनाएँ शुरू की गई हैं और अब MSP पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इस रिपोर्ट में जानेंगे किसानों को एमएसपी से कितना हो रहा है फायदा और कैसे तय की जाती है फसल खरीद की कीमत।

क्या MSP बढ़ने से किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिलती है? सरल शब्दों में समझिए क्या है गणित
क्या MSP बढ़ने से किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिलती है? सरल शब्दों में समझिए क्या है गणित

By गाँव कनेक्शन

सरकार किसानों के हित के लिए लगातार कोशिश कर रही है; कई योजनाएँ शुरू की गई हैं और अब MSP पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इस रिपोर्ट में जानेंगे किसानों को एमएसपी से कितना हो रहा है फायदा और कैसे तय की जाती है फसल खरीद की कीमत।

सरकार किसानों के हित के लिए लगातार कोशिश कर रही है; कई योजनाएँ शुरू की गई हैं और अब MSP पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इस रिपोर्ट में जानेंगे किसानों को एमएसपी से कितना हो रहा है फायदा और कैसे तय की जाती है फसल खरीद की कीमत।

न्यूनतम समर्थन मूल्य एक झुनझुना से अधिक कुछ नहीं
न्यूनतम समर्थन मूल्य एक झुनझुना से अधिक कुछ नहीं

By Dr SB Misra

Govt hikes minimum support price for wheat, pulses
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By Swati Subhedar

The decision to hike MSP for rabi crops has been taken days ahead of the arrival of fresh produce in the market

The decision to hike MSP for rabi crops has been taken days ahead of the arrival of fresh produce in the market

क्यों आसान नहीं है देश में MSP पर क़ानून बनाना ?
क्यों आसान नहीं है देश में MSP पर क़ानून बनाना ?

By Gaon Connection

किसान संगठन अड़े हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे। लेकिन एमएसपी पर क़ानून ना बन सकने की बड़ी वजह है विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के साथ हुआ एक समझौता। अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुभाष पालेकर का कहना है एमएसपी सभी देशों की समस्या है, जिसे डब्लूटीओ से जुड़े रहकर दूर कर पाना कठिन है।

किसान संगठन अड़े हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे। लेकिन एमएसपी पर क़ानून ना बन सकने की बड़ी वजह है विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के साथ हुआ एक समझौता। अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुभाष पालेकर का कहना है एमएसपी सभी देशों की समस्या है, जिसे डब्लूटीओ से जुड़े रहकर दूर कर पाना कठिन है।

क्यों आसान नहीं है देश में MSP पर क़ानून बनाना ?
क्यों आसान नहीं है देश में MSP पर क़ानून बनाना ?

By गाँव कनेक्शन

किसान संगठन अड़े हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे। लेकिन एमएसपी पर क़ानून ना बन सकने की बड़ी वजह है विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के साथ हुआ एक समझौता। अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुभाष पालेकर का कहना है एमएसपी सभी देशों की समस्या है, जिसे डब्लूटीओ से जुड़े रहकर दूर कर पाना कठिन है।

किसान संगठन अड़े हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे। लेकिन एमएसपी पर क़ानून ना बन सकने की बड़ी वजह है विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के साथ हुआ एक समझौता। अंतर्राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुभाष पालेकर का कहना है एमएसपी सभी देशों की समस्या है, जिसे डब्लूटीओ से जुड़े रहकर दूर कर पाना कठिन है।

क्या किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बचा पाएगा भारत ?
क्या किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बचा पाएगा भारत ?

By Devinder Sharma

देश के किसानों की ज़िंदगी ख़ैरात से नहीं स्वावलम्बन से सुधरेगी
देश के किसानों की ज़िंदगी ख़ैरात से नहीं स्वावलम्बन से सुधरेगी

By Dr SB Misra

जब गाँव के लोगों को खैरात में पैसा मिलता है चाहे महिलाओं के नाम से अथवा पुरुषों के नाम से वह सब पुरुषों के पास ही आता है और उसका सदुपयोग होगा यह गारण्टी भी नहीं है। मुफ्त के पैसे से तमाम लोग शराब पियेंगे, जुआ खेलेंगे और कुछ काम न होने के कारण समय बर्बाद करेंगे। उनकी दशा उस भिखारी की तरह हो जाती है जो दाता के इन्तजार में सड़क किनारे बैठा रहता है और जब कुछ नहीं मिलता तो भूखे रहना भी पड़ता होगा।

जब गाँव के लोगों को खैरात में पैसा मिलता है चाहे महिलाओं के नाम से अथवा पुरुषों के नाम से वह सब पुरुषों के पास ही आता है और उसका सदुपयोग होगा यह गारण्टी भी नहीं है। मुफ्त के पैसे से तमाम लोग शराब पियेंगे, जुआ खेलेंगे और कुछ काम न होने के कारण समय बर्बाद करेंगे। उनकी दशा उस भिखारी की तरह हो जाती है जो दाता के इन्तजार में सड़क किनारे बैठा रहता है और जब कुछ नहीं मिलता तो भूखे रहना भी पड़ता होगा।

अब बिचौलियों की नहीं गलेगी दाल
अब बिचौलियों की नहीं गलेगी दाल

By Ashwani Nigam

ज़मीनी हकीकत: न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीतियों में बदलाव हो
ज़मीनी हकीकत: न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीतियों में बदलाव हो

By Devinder Sharma

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