BIHAR FLOODS: DÉJÀ VU
BIHAR FLOODS: DÉJÀ VU

By Abhishek Verma

बाढ़ से बेहाल बिहार: भारत-नेपाल के सीमावर्ती गांव हर साल झेलते हैं कहर
बाढ़ से बेहाल बिहार: भारत-नेपाल के सीमावर्ती गांव हर साल झेलते हैं कहर

By Shivani Gupta

कैसा होता होगा वह मंजर जब किसी के सामने उसका सब कुछ खत्म हो जाता है और वह लाचार होकर सिर्फ देखता है। कहने-सुनने में भले यह उतना भयावह न लगे लेकिन अमीश चंद सिंह जैसे हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें आए दिन ऐसी मुसीबत से रूबरू होना पड़ता है।

कैसा होता होगा वह मंजर जब किसी के सामने उसका सब कुछ खत्म हो जाता है और वह लाचार होकर सिर्फ देखता है। कहने-सुनने में भले यह उतना भयावह न लगे लेकिन अमीश चंद सिंह जैसे हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें आए दिन ऐसी मुसीबत से रूबरू होना पड़ता है।

बिहार में गंडक नदी का तटबंध टूटने से बाढ़ की स्थिति और बदतर, दस लाख लोग प्रभावित
बिहार में गंडक नदी का तटबंध टूटने से बाढ़ की स्थिति और बदतर, दस लाख लोग प्रभावित

By Shivani Gupta

उत्तर बिहार में गंडक नदी के तटबंध तीन जगह से टूट गए हैं जिसके कारण गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले के सैकड़ों गांव डूब गए।

उत्तर बिहार में गंडक नदी के तटबंध तीन जगह से टूट गए हैं जिसके कारण गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले के सैकड़ों गांव डूब गए।

बिहार बाढ़ 2021: सर्वे में शामिल 90% लोगों के पास न तो पीने का साफ पानी है और न ही खाने के लिए पर्याप्त खाना, आधे से ज्यादा शौचालय क्षतिग्रस्त
बिहार बाढ़ 2021: सर्वे में शामिल 90% लोगों के पास न तो पीने का साफ पानी है और न ही खाने के लिए पर्याप्त खाना, आधे से ज्यादा शौचालय क्षतिग्रस्त

By Nidhi Jamwal

बिहार के तीन सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर में एक संयुक्त रैपिड नीड्स असेसमेंट सर्वे किया गया। इसमें पता चला कि घर टूट गए हैं, शौचालय पानी में बह गए हैं, भूख बढ़ रही है, फसलें बर्बाद हो गई हैं, मवेशी मारे गए हैं और बाढ़ के अन्य प्रभाव राज्य के 15 जिलों पर भी दिख रहे हैं।

बिहार के तीन सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर में एक संयुक्त रैपिड नीड्स असेसमेंट सर्वे किया गया। इसमें पता चला कि घर टूट गए हैं, शौचालय पानी में बह गए हैं, भूख बढ़ रही है, फसलें बर्बाद हो गई हैं, मवेशी मारे गए हैं और बाढ़ के अन्य प्रभाव राज्य के 15 जिलों पर भी दिख रहे हैं।

बाढ़ की त्रासदी ने जिन वृद्धों की राहों को मिटा दिया, अब वे अपने समाज और परिवार को नई दिशा दे रहे हैं
बाढ़ की त्रासदी ने जिन वृद्धों की राहों को मिटा दिया, अब वे अपने समाज और परिवार को नई दिशा दे रहे हैं

By Hemant Kumar Pandey

साल 2008 में कोसी की बाढ़ ने बिहार के कई जिलों में भयंकर तबाही मचाई थी। इनमें सबसे अधिक प्रभावित होने वाले बुजुर्ग ही थे। लेकिन अब ये अपनी जरूरतों के लिए संतानों की ओर नहीं, बल्कि संतान इनकी ओर देख रहे हैं।

साल 2008 में कोसी की बाढ़ ने बिहार के कई जिलों में भयंकर तबाही मचाई थी। इनमें सबसे अधिक प्रभावित होने वाले बुजुर्ग ही थे। लेकिन अब ये अपनी जरूरतों के लिए संतानों की ओर नहीं, बल्कि संतान इनकी ओर देख रहे हैं।

बिहार: भारत-नेपाल सीमा के गांवों में अचानक आई बाढ़, गंडक नदी में बाढ़ की चेतावनी
बिहार: भारत-नेपाल सीमा के गांवों में अचानक आई बाढ़, गंडक नदी में बाढ़ की चेतावनी

By Shivani Gupta

इस साल बिहार में समय से पहले बाढ़ आ गई। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सारण जिले अलर्ट पर हैं। बिहार भारत का सर्वाधिक बाढ़ संभावित राज्य है। भारत-नेपाल सीमा से लगे उत्तर बिहार के गांवों में एक साल में 66 बार तक बाढ़ आती है।

इस साल बिहार में समय से पहले बाढ़ आ गई। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सारण जिले अलर्ट पर हैं। बिहार भारत का सर्वाधिक बाढ़ संभावित राज्य है। भारत-नेपाल सीमा से लगे उत्तर बिहार के गांवों में एक साल में 66 बार तक बाढ़ आती है।

बाढ़ के बाद: फिर से बसने की आस में बाढ़ प्रभावित
बाढ़ के बाद: फिर से बसने की आस में बाढ़ प्रभावित

By Daya Sagar

'बाढ़ के बाद' के हालात को जानने-समझने के लिए गांव कनेक्शन की टीम देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर रही है। इसी क्रम में टीम बिहार के मधुबनी जिले के नरूआर गांव पहुंची, जो बाढ़ की वजह से सबसे अधिक प्रभावित गांवों में से एक है।

'बाढ़ के बाद' के हालात को जानने-समझने के लिए गांव कनेक्शन की टीम देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर रही है। इसी क्रम में टीम बिहार के मधुबनी जिले के नरूआर गांव पहुंची, जो बाढ़ की वजह से सबसे अधिक प्रभावित गांवों में से एक है।

बिहार बाढ़: न पेट भर खाना, न स्वास्थ्य देखभाल और न ही शौचालय, एक महीने से शरणार्थियों की जिंदगी जी रहे बाढ़ पीड़ित
बिहार बाढ़: न पेट भर खाना, न स्वास्थ्य देखभाल और न ही शौचालय, एक महीने से शरणार्थियों की जिंदगी जी रहे बाढ़ पीड़ित

By Rohin Kumar

दरभंगा के प्रखंड-कुशेश्वरस्थान पूर्वी के 200 परिवार पिछले एक महीने से अधिक समय से बाढ़ के कारण अपने घर से विस्थापित हो गए हैं। वे कोसी के पूर्वी तटबंध और रेलवे पटरियों पर अस्थायी झोपड़ियां बनाकर रह रहे हैं।

दरभंगा के प्रखंड-कुशेश्वरस्थान पूर्वी के 200 परिवार पिछले एक महीने से अधिक समय से बाढ़ के कारण अपने घर से विस्थापित हो गए हैं। वे कोसी के पूर्वी तटबंध और रेलवे पटरियों पर अस्थायी झोपड़ियां बनाकर रह रहे हैं।

बिहार: 15 दिन पहले जहां था सूखा, वहां बाढ़ से 18 लाख लोग प्रभावित
बिहार: 15 दिन पहले जहां था सूखा, वहां बाढ़ से 18 लाख लोग प्रभावित

By गाँव कनेक्शन

जिस विकास की बात बिहार सरकार करती है, उस विकास को कोसी की जनता पहचान ही नहीं पा रही
जिस विकास की बात बिहार सरकार करती है, उस विकास को कोसी की जनता पहचान ही नहीं पा रही

By Hemant Kumar Pandey

बिहार: भले ही हर साल आने वाली बाढ़ के चलते तटबंध के भीतर की जमीन बाहर की तुलना में कुछ अधिक ऊंची हो गई हो, लेकिन यहां के लाखों लोगों के जीवन का स्तर नहीं उठ पाया है।

बिहार: भले ही हर साल आने वाली बाढ़ के चलते तटबंध के भीतर की जमीन बाहर की तुलना में कुछ अधिक ऊंची हो गई हो, लेकिन यहां के लाखों लोगों के जीवन का स्तर नहीं उठ पाया है।

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