By Gaon Connection
भारत में चेरी जैसे ज़ल्दी खराब होने वाले और महंगे फलों की कीमतें अब अंदाज़ों पर नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर तय होंगी। वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग आधारित ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जो अलग-अलग मंडियों से मिलने वाले रियल-टाइम डेटा के आधार पर रोज़ाना चेरी के दामों का बेहद सटीक पूर्वानुमान देता है।
भारत में चेरी जैसे ज़ल्दी खराब होने वाले और महंगे फलों की कीमतें अब अंदाज़ों पर नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर तय होंगी। वैज्ञानिकों ने डीप लर्निंग आधारित ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जो अलग-अलग मंडियों से मिलने वाले रियल-टाइम डेटा के आधार पर रोज़ाना चेरी के दामों का बेहद सटीक पूर्वानुमान देता है।
By Shubham Koul
माटी मोल लहसुन बेचने को मजबूर लहसुन किसान, 15 साल के निचले स्तर पर रेट, नहीं निकल रही खेती की लागत
माटी मोल लहसुन बेचने को मजबूर लहसुन किसान, 15 साल के निचले स्तर पर रेट, नहीं निकल रही खेती की लागत
By Mithilesh Dhar
कोरोना काल में खाद्य वस्तुओं की बढ़ी कीमतों ने आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। खाद्य तेल, दाल, फल, सब्जी, सब महंगा हो गया है।
कोरोना काल में खाद्य वस्तुओं की बढ़ी कीमतों ने आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। खाद्य तेल, दाल, फल, सब्जी, सब महंगा हो गया है।
By गाँव कनेक्शन
By Arvind Shukla
By Divendra Singh
By Virendra Singh
By Arvind Shukla
"लॉकडाउन है बोलकर किसानों का थोक में भाव गिराया जा रहा है। लॉकडाउन है माल कम आ रहा है ये बोलकर शहरों में महंगी सब्जियां बेची जा रही है।" एक किसान ने इन दो लाइनों में सब्जी का रेट बताया। शहर में फल-सब्जियां भले महंगे दामों पर बिक रहे हैं लेकिन पहले कोरोना लॉकडाउन फिर, बेमौसम बारिश से किसानों भारी नुकसान हो रहा है।
"लॉकडाउन है बोलकर किसानों का थोक में भाव गिराया जा रहा है। लॉकडाउन है माल कम आ रहा है ये बोलकर शहरों में महंगी सब्जियां बेची जा रही है।" एक किसान ने इन दो लाइनों में सब्जी का रेट बताया। शहर में फल-सब्जियां भले महंगे दामों पर बिक रहे हैं लेकिन पहले कोरोना लॉकडाउन फिर, बेमौसम बारिश से किसानों भारी नुकसान हो रहा है।
By Arvind Shukla
शहरों में आप मिर्च भले 40-80 रुपए किलो खरीद रहे हों, लेकिन कई राज्यों में किसान 3 से 7 रुपए किलो मिर्च बेचने पर मजबूर हैं। सरकार चाहती है किसान सिर्फ धान-गेहूं की खेती न करें लेकिन जब वो मिर्च और टमाटर लगाते हैं तो उन्हें मंडियों में वो रेट मिलता है, जिसमें उन्हें मुनाफा तो दूर लागत तक नहीं निकल पा रही है।
शहरों में आप मिर्च भले 40-80 रुपए किलो खरीद रहे हों, लेकिन कई राज्यों में किसान 3 से 7 रुपए किलो मिर्च बेचने पर मजबूर हैं। सरकार चाहती है किसान सिर्फ धान-गेहूं की खेती न करें लेकिन जब वो मिर्च और टमाटर लगाते हैं तो उन्हें मंडियों में वो रेट मिलता है, जिसमें उन्हें मुनाफा तो दूर लागत तक नहीं निकल पा रही है।
By Arvind Shukla
तरबूज की फसल कम समय में होती है। लागत ज्यादा लगती है तो मुनाफा भी होता है। लेकिन इसमें कीट और रोग बहुत लगते हैं। ऐसे में जरूरी है किसान सही समय पर फसल बचाव के तरीके जरूर अपनाएं। आज की खबर में किसानों को कृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट फसल बचाव की सलाह दे रहे हैं।
तरबूज की फसल कम समय में होती है। लागत ज्यादा लगती है तो मुनाफा भी होता है। लेकिन इसमें कीट और रोग बहुत लगते हैं। ऐसे में जरूरी है किसान सही समय पर फसल बचाव के तरीके जरूर अपनाएं। आज की खबर में किसानों को कृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट फसल बचाव की सलाह दे रहे हैं।