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डायबिटीज है? तो ध्यान दें
डायबिटीज है? तो ध्यान दें

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डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।

डायबिटीज को नियंत्रित करने में दवाओं के साथ-साथ सबसे अहम भूमिका होती है- सही खानपान की। एक संतुलित और पौष्टिक डाइट न केवल ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है, बल्कि लंबे समय में हृदय, किडनी और आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव करती है।

जंगली सूअरों के कहर से टूटा सब्र: कोयंबटूर के किसान खुद बचाएँगे अपनी फ़सल
जंगली सूअरों के कहर से टूटा सब्र: कोयंबटूर के किसान खुद बचाएँगे अपनी फ़सल

By Gaon Connection

लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।

लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।

हाईटेक गौशाला: जहाँ गायों के साथ सपने भी पलते हैं
हाईटेक गौशाला: जहाँ गायों के साथ सपने भी पलते हैं

By Gaon Connection

भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।

भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।

पशुओं के ब्याने के बाद मिल्क फीवर और कीटोसिस बीमारियों का खतरा
पशुओं के ब्याने के बाद मिल्क फीवर और कीटोसिस बीमारियों का खतरा

By Diti Bajpai

पशुओं में गर्भधारण के बाद मिल्क फीवर और कीटोसिस जैसी बीमारियों का सबसे अधिक खतरा रहता है। पशुओं में बढ़ते इन बीमारियों के प्रकोप के कारण न केवल पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता घट जाती है बल्कि दुबारा प्रजनन में भी काफी दिक्कतें आती है।

पशुओं में गर्भधारण के बाद मिल्क फीवर और कीटोसिस जैसी बीमारियों का सबसे अधिक खतरा रहता है। पशुओं में बढ़ते इन बीमारियों के प्रकोप के कारण न केवल पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता घट जाती है बल्कि दुबारा प्रजनन में भी काफी दिक्कतें आती है।

थनैला रोग पशुपालकों के लिए बना रहा बड़ा संकट, जानें कैसे करे उपचार
थनैला रोग पशुपालकों के लिए बना रहा बड़ा संकट, जानें कैसे करे उपचार

By Diti Bajpai

थनैला रोग एक जीवाणु जनित रोग है। यह रोग ज्यादातर दुधारू पशु गाय, भैंस, बकरी को होता है। इस बीमारी से देश में 60 प्रतिशत गाये, भैंसे और बकरी पीड़ित है। यही नहीं इसके कारण दुग्ध उत्पादकों को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

थनैला रोग एक जीवाणु जनित रोग है। यह रोग ज्यादातर दुधारू पशु गाय, भैंस, बकरी को होता है। इस बीमारी से देश में 60 प्रतिशत गाये, भैंसे और बकरी पीड़ित है। यही नहीं इसके कारण दुग्ध उत्पादकों को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

Govt launches Dairy Entrepreneurship Development Scheme
Govt launches Dairy Entrepreneurship Development Scheme

By Diti Bajpai

The government, under the Dairy Entrepreneurship Development Scheme, is providing subsidy through NABARD on dairy installation and dairy products equipment. The progressive consumption of milk and milk products is leading to immense possibilities of self-employment in this field

The government, under the Dairy Entrepreneurship Development Scheme, is providing subsidy through NABARD on dairy installation and dairy products equipment. The progressive consumption of milk and milk products is leading to immense possibilities of self-employment in this field

कम पशुओं की डेयरी है आसान और फायेदमंद, जानिए कैसे
कम पशुओं की डेयरी है आसान और फायेदमंद, जानिए कैसे

By Diti Bajpai

छुट्टा जानवरों से हैं परेशान तो कराएं नि:शुल्क बधियाकरण, जानिए कैसे
छुट्टा जानवरों से हैं परेशान तो कराएं नि:शुल्क बधियाकरण, जानिए कैसे

By Diti Bajpai

अगर आपके क्षेत्र में छुट्टा जानवरों संख्या ज्यादा है तो अपने ग्राम प्रधान या वार्ड मेम्बर की मदद से आवारा पशुओं की लिस्ट तैयार करे। उस लिस्ट को अपने नजदीकी पशुचिकित्सालय में भेजे।

अगर आपके क्षेत्र में छुट्टा जानवरों संख्या ज्यादा है तो अपने ग्राम प्रधान या वार्ड मेम्बर की मदद से आवारा पशुओं की लिस्ट तैयार करे। उस लिस्ट को अपने नजदीकी पशुचिकित्सालय में भेजे।

इन तरीकों से कराएं पशुओं में होने वाली बीमारियों की जांच
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By Diti Bajpai

अगर आपकी डेयरी में गाय-भैंस का बच्चा हुआ हो तो इन बातों का ध्यान रखें
अगर आपकी डेयरी में गाय-भैंस का बच्चा हुआ हो तो इन बातों का ध्यान रखें

By Diti Bajpai

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