जंगली सूअरों के कहर से टूटा सब्र: कोयंबटूर के किसान खुद बचाएँगे अपनी फ़सल
जंगली सूअरों के कहर से टूटा सब्र: कोयंबटूर के किसान खुद बचाएँगे अपनी फ़सल

By Gaon Connection

लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।

लगातार जंगली सूअरों के हमलों से फसल बर्बाद होने और सरकारी कार्रवाई न के बराबर होने से कोयंबटूर के किसान मजबूर हो चुके हैं। अब उन्होंने अपने खेत बचाने के लिए 15 किसानों की विशेष टीम बनाकर खुद ही हालात संभालने का फैसला लिया है।

कहानी बीजों की, मिट्टी की और एक किसान की जिसने भविष्य को बचाने की ठान ली
कहानी बीजों की, मिट्टी की और एक किसान की जिसने भविष्य को बचाने की ठान ली

By Gaon Connection

जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।

जब सिक्कों के बजाए “बीजों की गुल्लक” भरने वाला किसान बने देश की असली धरोहर। मध्य प्रदेश के गाँव में बाबूलाल दहिया ने जो दास्तान लिखी है, वो सिर्फ कृषि की नहीं, पहचान, संस्कृति और भविष्य की है। जानिए कैसे एक छोटे से सीड बैंक ने हज़ारों बीजों, बीत चुके वक़्त और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को संजो रखा है।

खरीफ 2025-26 में रिकॉर्ड उत्पादन: चावल, मक्का और गन्ने ने रचा नया इतिहास
खरीफ 2025-26 में रिकॉर्ड उत्पादन: चावल, मक्का और गन्ने ने रचा नया इतिहास

By Divendra Singh

खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका तक पहुँचा ‘पोषण का चावल’: भारत ने किया फोर्टिफाइड चावल का पहला निर्यात
छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका तक पहुँचा ‘पोषण का चावल’: भारत ने किया फोर्टिफाइड चावल का पहला निर्यात

By Gaon Connection

भारत ने वैश्विक पोषण मिशन की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की पहल पर छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका को फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) की पहली खेप भेजी गई है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

भारत ने वैश्विक पोषण मिशन की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की पहल पर छत्तीसगढ़ से कोस्टा रिका को फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK) की पहली खेप भेजी गई है। यह कदम “कुपोषण मुक्त भारत” को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

इस बैग में बिना किसी रसायन के दो साल तक सुरक्षित रहेगा अनाज
इस बैग में बिना किसी रसायन के दो साल तक सुरक्षित रहेगा अनाज

By Divendra Singh

अनाज भंडारण से ग्रामीण महिलाओं को मिला रोजगार
अनाज भंडारण से ग्रामीण महिलाओं को मिला रोजगार

By Neetu Singh

लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इस विधि से करें अनाज भंडारण
लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इस विधि से करें अनाज भंडारण

By Divendra Singh

भण्डारण की सही जानकारी न होने के कारण 20 से 25 प्रतिशत अनाज नमी, दीमक, घुन, चूहों और बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है इसलिए अन्न को लंबे समय तक इन समस्याओं से सुरक्षित रखने के लिए उनका सही विधि से उनका सुरक्षित भंडारण ज़रूरी होता है-

भण्डारण की सही जानकारी न होने के कारण 20 से 25 प्रतिशत अनाज नमी, दीमक, घुन, चूहों और बैक्टीरिया द्वारा नष्ट हो जाता है इसलिए अन्न को लंबे समय तक इन समस्याओं से सुरक्षित रखने के लिए उनका सही विधि से उनका सुरक्षित भंडारण ज़रूरी होता है-

भारत में अनाज के बंपर उत्पादन का मतलब है बंपर बर्बादी की तैयारी
भारत में अनाज के बंपर उत्पादन का मतलब है बंपर बर्बादी की तैयारी

By Devinder Sharma

हर साल बहुत बड़ी मात्रा में अनाज बर्बाद होता है, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना कभी भी हमारी राजनीतिक प्राथमिकताओं में क्यों नहीं रहा, यह बात समझ से परे है।

हर साल बहुत बड़ी मात्रा में अनाज बर्बाद होता है, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना कभी भी हमारी राजनीतिक प्राथमिकताओं में क्यों नहीं रहा, यह बात समझ से परे है।

मोटे अनाज की खेती की तरफ लौट रहे हैं किसान, आने वाले समय में और बढ़ेगा खेती का क्षेत्रफल
मोटे अनाज की खेती की तरफ लौट रहे हैं किसान, आने वाले समय में और बढ़ेगा खेती का क्षेत्रफल

By Divendra Singh

आने वाले साल में देशभर में ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज के खेती का रकबा बढ़ेगा, क्योंकि कम पानी में भी इसका अच्छा उत्पादन मिल जाता है।

आने वाले साल में देशभर में ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज के खेती का रकबा बढ़ेगा, क्योंकि कम पानी में भी इसका अच्छा उत्पादन मिल जाता है।

इस तरीके से करें अनाज भंडारण, लंबे समय तक रहेगा सुरक्षित
इस तरीके से करें अनाज भंडारण, लंबे समय तक रहेगा सुरक्षित

By Gaon Connection

मार्च-अप्रैल के महीने में किसान सरसों, चना, अलसी, गेहूँ जैसी फसलों की कटाई शुरु कर देते हैं; कटाई के बाद उनका भंडारण करना होता है। कई बार सही से भंडारण न करने पर अनाज बर्बाद हो जाता है।

मार्च-अप्रैल के महीने में किसान सरसों, चना, अलसी, गेहूँ जैसी फसलों की कटाई शुरु कर देते हैं; कटाई के बाद उनका भंडारण करना होता है। कई बार सही से भंडारण न करने पर अनाज बर्बाद हो जाता है।

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