मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी
मध्य हिमालय में संकट का सायरन: आने वाले दशकों में 100 साल वाली बाढ़ हर 5 साल में लौटेगी

By Gaon Connection

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।

पाँच साल का भीषण सूखा: ईरान और वेस्ट एशिया जलवायु संकट की सबसे कड़ी मार में
पाँच साल का भीषण सूखा: ईरान और वेस्ट एशिया जलवायु संकट की सबसे कड़ी मार में

By Divendra Singh

World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।

World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।

ग्लेशियरों की चेतावनी: अगर अब नहीं संभले, तो सदी नहीं बचेगी
ग्लेशियरों की चेतावनी: अगर अब नहीं संभले, तो सदी नहीं बचेगी

By Gaon Connection

नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट State of the Cryosphere 2025 ने चेतावनी दी है कि धरती की बर्फ़ पहले से कहीं तेज़ पिघल रही है। अगर मौजूदा उत्सर्जन दर जारी रही, तो आने वाले दशकों में अरबों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। लेकिन रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर दुनिया अभी निर्णायक कदम उठाए, तो उम्मीद अब भी बची है।

नई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट State of the Cryosphere 2025 ने चेतावनी दी है कि धरती की बर्फ़ पहले से कहीं तेज़ पिघल रही है। अगर मौजूदा उत्सर्जन दर जारी रही, तो आने वाले दशकों में अरबों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। लेकिन रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर दुनिया अभी निर्णायक कदम उठाए, तो उम्मीद अब भी बची है।

जलवायु संकट की नई रिपोर्ट: 1995 से अब तक 8 लाख से ज़्यादा मौतें, भारत 9वें सबसे प्रभावित देश के रूप में दर्ज
जलवायु संकट की नई रिपोर्ट: 1995 से अब तक 8 लाख से ज़्यादा मौतें, भारत 9वें सबसे प्रभावित देश के रूप में दर्ज

By Gaon Connection

COP30 में जारी क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2026 ने एक बार फिर दिखाया है कि जलवायु संकट अब भविष्य की आशंका नहीं, बल्कि वर्तमान की सच्चाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1995 से 2024 के बीच भारत बार-बार बाढ़, चक्रवात, लू और सूखे जैसी चरम मौसम की घटनाओं से प्रभावित हुआ है और अब दुनिया के दस सबसे असुरक्षित देशों में नौवें स्थान पर है।

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COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?
COP30 : जलवायु पर दुनिया की सबसे बड़ी बैठक, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर भारत के गाँवों पर क्यों पड़ेगा?

By Manvendra Singh

भरे हैं ताल तलैया, अघाइ गईं धरती मइया और हम?
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By Dr SB Misra

जल लुप्तप्राय हो रहा है, नासा ने दी चेतावनी
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By डॉ. शिव बालक मिश्र

हमने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया, चर्चाएं हुईं और खतरे की घंटी बजाई, बस हो गया पर्यावरण संरक्षण और धरती, पानी, पावक, गगन और वायु की रक्षा। हम जानते सब हैं, लेकिन मानते नहीं।

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चेतावनी : न संभले तो पानी के लिए मचेगा त्राहिमाम
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By भास्कर त्रिपाठी

बर्बाद होते पानी को रोकें नहीं तो...
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By गाँव कनेक्शन

जलवायु परिवर्तन के चलते समुद्र का जल स्तर बढ़ने से डूब जाएंगे लक्षद्वीप समूह के कई हिस्से: स्टडी
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By गाँव कनेक्शन

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि लक्षद्वीप के लिए समुद्र-स्तर में अनुमानित वृद्धि के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, योजना दिशानिर्देश तैयार करने के लिए उपयुक्त तटीय सुरक्षा उपायों को अपनाना जरूरी हो गया है।

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