By Gaon Connection
बुंदेलखंड की सूखी ज़मीन से उगी है एक ऐसी कहानी जिसने हजारों महिलाओं की ज़िंदगी बदल दी। 2019 में शुरू हुई बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी आज 63,000 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार, आत्मनिर्भरता और सम्मान दे रही है और पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल रही है।
बुंदेलखंड की सूखी ज़मीन से उगी है एक ऐसी कहानी जिसने हजारों महिलाओं की ज़िंदगी बदल दी। 2019 में शुरू हुई बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी आज 63,000 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार, आत्मनिर्भरता और सम्मान दे रही है और पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदल रही है।
By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Gaon Connection
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
By Gaon Connection
PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
By Manoj Bhawuk
छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है
छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है
By Gaon Connection
भारत का दूध उत्पादन 2024 में 239.30 मिलियन टन पहुंचा, जिसमें गाय का योगदान 53.12% और भैंस का 43.62% है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। जानिए राज्यवार दूध उत्पादन के आंकड़े, डेयरी सेक्टर के तथ्य और भविष्य की संभावनाएं।
भारत का दूध उत्पादन 2024 में 239.30 मिलियन टन पहुंचा, जिसमें गाय का योगदान 53.12% और भैंस का 43.62% है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश शीर्ष उत्पादक राज्य हैं। जानिए राज्यवार दूध उत्पादन के आंकड़े, डेयरी सेक्टर के तथ्य और भविष्य की संभावनाएं।
By Diti Bajpai
By Mohit Asthana
By Divendra Singh
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के शोधकर्ताओं ने दूध में मिलावट पता करने की नई विधि विकसित की है, जोकि प्रभावी होने के साथ किफायती भी है।
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के शोधकर्ताओं ने दूध में मिलावट पता करने की नई विधि विकसित की है, जोकि प्रभावी होने के साथ किफायती भी है।
By Dr. Satyendra Pal Singh
कई प्रमुख बीमारियों में बकरी के दूध की उपयोगिता सिद्ध होने के कारण देश के अधिकांश भागों में पिछले कुछ वर्षों में इसके दूध की मांग तेजी से बढ़ी है। आज दिल्ली, बंगलौर से लेकर लखनऊ तक में बकरी का दूध खरीदा और बेचा जाने लगा है।
कई प्रमुख बीमारियों में बकरी के दूध की उपयोगिता सिद्ध होने के कारण देश के अधिकांश भागों में पिछले कुछ वर्षों में इसके दूध की मांग तेजी से बढ़ी है। आज दिल्ली, बंगलौर से लेकर लखनऊ तक में बकरी का दूध खरीदा और बेचा जाने लगा है।