By Gaon Connection
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के नए मामले सामने आने के बाद फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम घरेलू पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है और त्योहारों के दौरान मांस की कमी नहीं होने दी जाएगी। वैश्विक पोर्क बाजार में यह बड़ा झटका है, जबकि भारत में भी ASF का संकट कभी-भी असर दिखा सकता है।
अफ्रीकन स्वाइन फीवर (ASF) के नए मामले सामने आने के बाद फिलीपींस ने स्पेन से सूअर मांस आयात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरकार ने कहा कि यह कदम घरेलू पशुओं की सुरक्षा के लिए जरूरी है और त्योहारों के दौरान मांस की कमी नहीं होने दी जाएगी। वैश्विक पोर्क बाजार में यह बड़ा झटका है, जबकि भारत में भी ASF का संकट कभी-भी असर दिखा सकता है।
By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Divendra Singh
खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान बताते हैं कि जलवायु चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषि ने असाधारण प्रदर्शन किया है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 1733.30 लाख टन पहुँचने की उम्मीद है, जिसमें चावल, मक्का, दलहन और तेलहन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
By Gaon Connection
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
भारत में गाय को सदियों से माता का दर्जा दिया गया है और आज भी अगर कोई गायों को अपनाता है, तो गाय बदले में सेहत और रोज़गार दोनों लौटा सकती है। गुजरात के सूरत ज़िले के नवीपार्डी गाँव में नीलेश अहीर और उनका परिवार यह साबित कर रहा है कि पशुपालन भी एक सफल और आधुनिक बिज़नेस मॉडल बन सकता है।
By Gaon Connection
PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
PPR या “गोट प्लेग” भेड़-बकरियों में फैलने वाला घातक वायरस है, जो छोटे किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। भारत सरकार 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। टीकाकरण, साफ-सफाई और जागरूकता ही इसका सबसे प्रभावी बचाव है।
By Gaon Connection
By Gaon Connection
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
भारत में डेयरी किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती - मास्टाइटिस यानी थनैला रोग पर अब एक नई वैज्ञानिक रोशनी पड़ी है। हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने मुर्राह भैंसों के दूध पर किए गए जीनोमिक अध्ययन में पाया कि Acinetobacter johnsonii नामक बैक्टीरिया इस रोग से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह खोज न केवल संक्रमण के सही कारणों को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में एंटीबायोटिक-फ्री डेयरी उत्पादन की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।
By Dr SB Misra
आधुनिक भारत में हम भले ही तकनीक और विकास की राह पर आगे बढ़ गए हों, पर हमारी नैतिकता, शिक्षा और संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। कैसे औपनिवेशिक मानसिकता, अंधी आधुनिकता और मूल्यों का ह्रास आज के समाज, राजनीति और शिक्षा- सबको प्रभावित कर रहा है।
आधुनिक भारत में हम भले ही तकनीक और विकास की राह पर आगे बढ़ गए हों, पर हमारी नैतिकता, शिक्षा और संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। कैसे औपनिवेशिक मानसिकता, अंधी आधुनिकता और मूल्यों का ह्रास आज के समाज, राजनीति और शिक्षा- सबको प्रभावित कर रहा है।
By Ishtyak Khan
By गाँव कनेक्शन