By Manoj Bhawuk
छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है
छठ पूजा की सबसे बड़ी सुंदरता इसकी लोकभाषा और लोक-संगीत में है। छठी मइया को गीतों में संवाद पसंद है, संस्कृत के गूढ़ मंत्रों में नहीं। यही कारण है कि घर से घाट तक की यात्रा गीतों से भरी होती है
By Nalin Chauhan
By गाँव कनेक्शन
By गाँव कनेक्शन
11 जुलाई को श्रीनगर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों की तलाश के दौरान सेना के कमांडो मुकुट बिहारी मीना शहीद हो गए थे।
11 जुलाई को श्रीनगर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों की तलाश के दौरान सेना के कमांडो मुकुट बिहारी मीना शहीद हो गए थे।
By Dr SB Misra
पिछले कई वर्षों से सारा देश उनकी आवाज सुनने की आस लगाए था, शायद एक दिन फिर सुनने को मिले लेकिन वह आस भी टूट गई। अब उनके लेख, कविताएं, रिकार्डेड भाषण ही समाज का मार्ग दर्शन करेंगे। अटल जी कालजयी हैं, अमर हैं उनकी यादें और विचार हमारे बीच में सदैव रहेंगे।
पिछले कई वर्षों से सारा देश उनकी आवाज सुनने की आस लगाए था, शायद एक दिन फिर सुनने को मिले लेकिन वह आस भी टूट गई। अब उनके लेख, कविताएं, रिकार्डेड भाषण ही समाज का मार्ग दर्शन करेंगे। अटल जी कालजयी हैं, अमर हैं उनकी यादें और विचार हमारे बीच में सदैव रहेंगे।
By Dr SB Misra
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे। गाँव कनेक्शन के प्रधान संपादक डॉ. एसबी मिश्र हमारे साथ पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ा अपना संस्मरण साझा कर रहे हैं..
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे। गाँव कनेक्शन के प्रधान संपादक डॉ. एसबी मिश्र हमारे साथ पूर्व प्रधानमंत्री से जुड़ा अपना संस्मरण साझा कर रहे हैं..
By गाँव कनेक्शन
डल झील, बांके बिहारी मंदिर, आगरा का किला, अजंता की गुफाएं, सांची स्तूप, कुंभलगढ़ और जैसलमेर किला, गोलकुंडा फोर्ट, कोणार्क का सूर्य मंदिर, रॉक गार्डन और कालीघाट मंदिर आने वाले दिनों में साफ-सफाई और स्वच्छता के मामले अव्वल नजर आएँगे।
डल झील, बांके बिहारी मंदिर, आगरा का किला, अजंता की गुफाएं, सांची स्तूप, कुंभलगढ़ और जैसलमेर किला, गोलकुंडा फोर्ट, कोणार्क का सूर्य मंदिर, रॉक गार्डन और कालीघाट मंदिर आने वाले दिनों में साफ-सफाई और स्वच्छता के मामले अव्वल नजर आएँगे।
By Neetu Singh
देश के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन के कई साल इस बटेश्वर गाँव में बीते हैं। सरकार की अनदेखी का शिकार ये गाँव अब विकास की तमाम योजनाओं का लाभ पाने की उम्मीद छोड़ चुका है।
देश के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी के बचपन के कई साल इस बटेश्वर गाँव में बीते हैं। सरकार की अनदेखी का शिकार ये गाँव अब विकास की तमाम योजनाओं का लाभ पाने की उम्मीद छोड़ चुका है।
By Dr SB Misra
By Seema Sharma