By Gaon Connection
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
मेहसाणा के लुनासन गाँव में एक किसान ने खेती को जंगल में बदल दिया और जंगल की तरह खेती को। अमोल खडसरे ने पर्माकल्चर मॉडल अपनाते हुए 1000 से अधिक पेड़-पौधों, औषधियों, सब्जियों और जंगली घासों को एक साथ उगाया, बिना केमिकल, बिना तनाव और बिना अत्यधिक पानी के। आज उनका खेत सिर्फ कृषि उत्पादन नहीं, बल्कि एक जीवित इकोसिस्टम है
By Divendra Singh
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
World Weather Attribution की नई स्टडी बताती है कि ईरान, इराक और सीरिया पिछले पाँच वर्षों से जिस भयंकर सूखे से जूझ रहे हैं, वह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। ईरान में जलाशय खाली हो रहे हैं, शहर पानी की कगार पर हैं, और COP30 के बीच यह रिपोर्ट वैश्विक सिस्टम को झकझोरने वाली चेतावनी देती है।
By Gaon Connection
भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।
भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।
By Alok Sikka
भूजल का अधिक या फिर कम इस्तेमाल, दोनों ही स्थितियां जलवायु परिवर्तन के मौजूदा दौर में भारतीय कृषि की अनुकूल क्षमता को सीमित कर रही हैं। पूरे भारत में पैर पसार रहे सौर सिंचाई के तरीके अधिक और कम दोहन वाले दोनों तरह के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से भूजल प्रबंधन कर सकते हैं।
भूजल का अधिक या फिर कम इस्तेमाल, दोनों ही स्थितियां जलवायु परिवर्तन के मौजूदा दौर में भारतीय कृषि की अनुकूल क्षमता को सीमित कर रही हैं। पूरे भारत में पैर पसार रहे सौर सिंचाई के तरीके अधिक और कम दोहन वाले दोनों तरह के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से भूजल प्रबंधन कर सकते हैं।
By Dr SB Misra
By Chiranjit Guha
भारत के गाँवों में कुओं का नक्शा बनाने और मापने, और साझा संसाधन के रूप में भूजल की सामूहिक समझ को बढ़ाने के लिए 2020 में 'नापो जल, बचाओ कल' नाम का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया गया था। इस साल, पूरे देश में कम से कम 50,000 कुओं के मैपिंग का लक्ष्य है।
भारत के गाँवों में कुओं का नक्शा बनाने और मापने, और साझा संसाधन के रूप में भूजल की सामूहिक समझ को बढ़ाने के लिए 2020 में 'नापो जल, बचाओ कल' नाम का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया गया था। इस साल, पूरे देश में कम से कम 50,000 कुओं के मैपिंग का लक्ष्य है।
By Manish Mishra
By डॉ. शिव बालक मिश्र
By गाँव कनेक्शन
By गाँव कनेक्शन