विकास की दौड़ में पीछे छूटती भारतीय संस्कृति
विकास की दौड़ में पीछे छूटती भारतीय संस्कृति

By Dr SB Misra

आधुनिक भारत में हम भले ही तकनीक और विकास की राह पर आगे बढ़ गए हों, पर हमारी नैतिकता, शिक्षा और संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। कैसे औपनिवेशिक मानसिकता, अंधी आधुनिकता और मूल्यों का ह्रास आज के समाज, राजनीति और शिक्षा- सबको प्रभावित कर रहा है।

आधुनिक भारत में हम भले ही तकनीक और विकास की राह पर आगे बढ़ गए हों, पर हमारी नैतिकता, शिक्षा और संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। कैसे औपनिवेशिक मानसिकता, अंधी आधुनिकता और मूल्यों का ह्रास आज के समाज, राजनीति और शिक्षा- सबको प्रभावित कर रहा है।

'महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा रोकने के लिए सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय दिवस से बात नहीं बनेगी'
'महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा रोकने के लिए सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय दिवस से बात नहीं बनेगी'

By Manvendra Singh

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर तीन महिलाओं में से एक ने अपने जीवन में यौन हिंसा का सामना जरूर किया है। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए महिला अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठन और सख़्त कानून बनाने की बात कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर तीन महिलाओं में से एक ने अपने जीवन में यौन हिंसा का सामना जरूर किया है। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए महिला अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठन और सख़्त कानून बनाने की बात कर रहे हैं।

'उन अंकल की आज भी याद आती है तो सहम जाती हूं'
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By Shrinkhala Pandey

बस में बैठने की जगह नहीं थी इसलिए चाचा ने मुझे एक अंकल की गोद में बैठा दिया उन्होंने मुझे कई बार गलत तरीके से छुआ मैं डर के मारे चुपचाप बैठी रही। मैंने ये बात किसी को घर में नहीं बताई लेकिन बहुत दिन तक बार-बार वो सब याद आता रहा।"

बस में बैठने की जगह नहीं थी इसलिए चाचा ने मुझे एक अंकल की गोद में बैठा दिया उन्होंने मुझे कई बार गलत तरीके से छुआ मैं डर के मारे चुपचाप बैठी रही। मैंने ये बात किसी को घर में नहीं बताई लेकिन बहुत दिन तक बार-बार वो सब याद आता रहा।"

मोहल्ले के बलात्कारी को कैसे पहचानें ?
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By Arvind shukkla

रक्तरंजित पार्ट 6 : बलात्कार के मामलों में तीन महीने की कानूनी प्रक्रिया में लग जाते हैं छह-छह साल
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By Diti Bajpai

बलात्कार और यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य अपराध पर अंकुश के लिए कड़े कानून तो हैं, लेकिन थानों और अदालतों की लंबी प्रक्रिया और जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही से दोषियों पर समय से कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती, और पीड़ित को न्याय के लिए भटकना पड़ता है।

बलात्कार और यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य अपराध पर अंकुश के लिए कड़े कानून तो हैं, लेकिन थानों और अदालतों की लंबी प्रक्रिया और जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही से दोषियों पर समय से कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती, और पीड़ित को न्याय के लिए भटकना पड़ता है।

भारत में चौपाया संस्कृति यानी बफैलो कल्चर बढ़ रहा है
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By डॉ. शिव बालक मिश्र

गाँव हो या शहर, दुनियाभर की महिलाओं को प्रभावित कर रहे हैं ये 7 मुद्दे
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By Anusha Mishra

प्रकृति नहीं बल्कि हमारी मान्यताएं बलात्कारी पैदा करती हैं
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By Janaki Lenin

जानकी लेनिन एक लेखक, फिल्ममेकर और पर्यावरण प्रेमी हैं। इस कॉलम में वह अपने पति मशहूर सर्प-विशेषज्ञ रोमुलस व्हिटकर और जीव जंतुओं के बहाने पर्यावरण के अनोखे पहलुओं की चर्चा करेंगी।

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पतियों को अपनी पत्नियों को पीटने की इजाज़त मिले: पाक धार्मिक संस्था
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By गाँव कनेक्शन

बांग्लादेश सरकार 80 हजार प्रेगनेंट रोहिंग्या महिला शरणार्थियों को बर्थ कंट्रोल किट बांटेगी
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By गाँव कनेक्शन

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