By Dr SB Misra
एक समय था जब गाँवों की लाइफ साइकिल और बैलगाड़ी तक सीमित थी। आज वहां मोटरसाइकिल, कार और ट्रैक्टर की भरमार है, लेकिन ड्राइविंग ट्रेनिंग और ट्रैफिक नियमों की समझ पीछे छूट गई। नतीजा: दुर्घटनाएं बढ़ रहीं, और जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं।
एक समय था जब गाँवों की लाइफ साइकिल और बैलगाड़ी तक सीमित थी। आज वहां मोटरसाइकिल, कार और ट्रैक्टर की भरमार है, लेकिन ड्राइविंग ट्रेनिंग और ट्रैफिक नियमों की समझ पीछे छूट गई। नतीजा: दुर्घटनाएं बढ़ रहीं, और जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं।
By Gaon Connection
भारत में टीबी का सबसे बड़ा बोझ जनजातीय समुदायों पर है - जहाँ बीमारी का प्रचलन गैर-जनजातीय आबादी से 1.5 गुना ज़्यादा है। संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद स्वास्थ्य असमानता गहराती जा रही है।
भारत में टीबी का सबसे बड़ा बोझ जनजातीय समुदायों पर है - जहाँ बीमारी का प्रचलन गैर-जनजातीय आबादी से 1.5 गुना ज़्यादा है। संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद स्वास्थ्य असमानता गहराती जा रही है।
By Dr SB Misra
आधुनिक भारत में हम भले ही तकनीक और विकास की राह पर आगे बढ़ गए हों, पर हमारी नैतिकता, शिक्षा और संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। कैसे औपनिवेशिक मानसिकता, अंधी आधुनिकता और मूल्यों का ह्रास आज के समाज, राजनीति और शिक्षा- सबको प्रभावित कर रहा है।
आधुनिक भारत में हम भले ही तकनीक और विकास की राह पर आगे बढ़ गए हों, पर हमारी नैतिकता, शिक्षा और संस्कृति पीछे छूटती जा रही है। कैसे औपनिवेशिक मानसिकता, अंधी आधुनिकता और मूल्यों का ह्रास आज के समाज, राजनीति और शिक्षा- सबको प्रभावित कर रहा है।
By गाँव कनेक्शन
शराब के दुरुपयोग के खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन और गाँव कनेक्शन मिलकर एक अभियान चला रहे हैं। 'मेरी प्यारी जिंदगी', में आज नीलेश मिसरा अपनी लिखी एक कविता सुना रहे हैं, कि कैसे शराब एक बार जिंदगी में आती है, फिर पतन की ओर ले जाती है।
शराब के दुरुपयोग के खिलाफ विश्व स्वास्थ्य संगठन और गाँव कनेक्शन मिलकर एक अभियान चला रहे हैं। 'मेरी प्यारी जिंदगी', में आज नीलेश मिसरा अपनी लिखी एक कविता सुना रहे हैं, कि कैसे शराब एक बार जिंदगी में आती है, फिर पतन की ओर ले जाती है।
By Arvind Singh Parmar
By गाँव कनेक्शन
By Neetu Singh
अलीगढ़ जिले का साँकरा वो गांव है जहां कच्ची शराब 50 फीसदी घरों में बनती है और 90 फीसदी लोग नशे के लती हैं जिसमें बच्चे भी शामिल हैं।
अलीगढ़ जिले का साँकरा वो गांव है जहां कच्ची शराब 50 फीसदी घरों में बनती है और 90 फीसदी लोग नशे के लती हैं जिसमें बच्चे भी शामिल हैं।
By Chandrakant Mishra
आबकारी विभाग के अफसरों ने जगह-जगह पहुंच धधक रही कच्ची शराब की भट्ठियों को तोड़ा व लहन नष्ट किया, छापेमारी से अवैध शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है
आबकारी विभाग के अफसरों ने जगह-जगह पहुंच धधक रही कच्ची शराब की भट्ठियों को तोड़ा व लहन नष्ट किया, छापेमारी से अवैध शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है
By Shrinkhala Pandey
By Manoj Choudhary
भानुवती देवी के नेतृत्व में, राजस्थान के धौलपुर जिले के नंदपुरा गाँव की महिलाओं ने अपने गाँव की सभी छह शराब की दुकानों को बंद करवा दिया। अक्टूबर 2019 से गाँव शराब दुकान मुक्त हो गया है। वहां के परिवारों के पास अब अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करने के लिए अधिक पैसा है।
भानुवती देवी के नेतृत्व में, राजस्थान के धौलपुर जिले के नंदपुरा गाँव की महिलाओं ने अपने गाँव की सभी छह शराब की दुकानों को बंद करवा दिया। अक्टूबर 2019 से गाँव शराब दुकान मुक्त हो गया है। वहां के परिवारों के पास अब अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करने के लिए अधिक पैसा है।