By गाँव कनेक्शन
By Neetu Singh
By Chandrakant Mishra
शिक्षामित्रों में मानदेय को लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ दिखा आक्रोश, शिक्षामित्रों का कहना, जब तक सरकार हमारा सम्मान वापस नहीं दिलाएगी हम अपने घर नहीं जाएंगे
शिक्षामित्रों में मानदेय को लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ दिखा आक्रोश, शिक्षामित्रों का कहना, जब तक सरकार हमारा सम्मान वापस नहीं दिलाएगी हम अपने घर नहीं जाएंगे
By Ajay Mishra
By Jigyasa Mishra
विश्व शिक्षक दिवस पर गाँव कनेक्शन अपने फील्ड रिपोर्ट्स के दौरान मिले ऐसे कुछ शिक्षकों के कहानी आपसे साँझा कर रहा है जो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कार्यरत हैं।
विश्व शिक्षक दिवस पर गाँव कनेक्शन अपने फील्ड रिपोर्ट्स के दौरान मिले ऐसे कुछ शिक्षकों के कहानी आपसे साँझा कर रहा है जो बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कार्यरत हैं।
By Sayantani Deb
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मीनाक्षी गोस्वामी असम के एक गाँव में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल हैं। बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़कर शिक्षित करने के उनके तरीके से, सोनितपुर ज़िले का उनका स्कूल अलग पहचान रखता है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है अपने छह दशक पुराने स्कूल के दरवाज़े छोटी बच्चियों के लिए भी खोलना।
राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित मीनाक्षी गोस्वामी असम के एक गाँव में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल हैं। बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़कर शिक्षित करने के उनके तरीके से, सोनितपुर ज़िले का उनका स्कूल अलग पहचान रखता है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है अपने छह दशक पुराने स्कूल के दरवाज़े छोटी बच्चियों के लिए भी खोलना।
By Syed Shadab Ali Gillani
शेखपोरा क्रीरी का प्राथमिक स्कूल कश्मीर घाटी के उन पायलट स्कूलों में से एक था जहां कोविड-19 के दौरान शलर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शुरू की गया था। यह एक ऑनलाइन एकीकृत सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से शैक्षिक पाठ्यक्रमों को बनाने, डिस्ट्रीब्यूट करने, ट्रैक करने और रिपोर्ट करने के लिए किया जाता है।
शेखपोरा क्रीरी का प्राथमिक स्कूल कश्मीर घाटी के उन पायलट स्कूलों में से एक था जहां कोविड-19 के दौरान शलर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शुरू की गया था। यह एक ऑनलाइन एकीकृत सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से शैक्षिक पाठ्यक्रमों को बनाने, डिस्ट्रीब्यूट करने, ट्रैक करने और रिपोर्ट करने के लिए किया जाता है।
By Neetu Singh
By गाँव कनेक्शन
COVID-19 महामारी से ग्रामीण भारत में लाखों लोगों की आजीविका का नुकसान हुआ है। इससे उपजे आर्थिक तंगी से अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए स्मार्टफोन छोड़िए कॉपी-किताब खरीदने में भी मुश्किल हो रही है।
COVID-19 महामारी से ग्रामीण भारत में लाखों लोगों की आजीविका का नुकसान हुआ है। इससे उपजे आर्थिक तंगी से अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए स्मार्टफोन छोड़िए कॉपी-किताब खरीदने में भी मुश्किल हो रही है।