By Divendra Singh
भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।
भारत में सर्पदंश पहले ही हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है और अब जलवायु परिवर्तन इस संकट को और बढ़ाने वाला है। नए क्षेत्रों में हॉटस्पॉट उभरेंगे, पुराने खत्म होंगे, और बिग फोर ज़हरीले साँप उन इलाकों तक पहुँचेंगे जहाँ आज लोग उनसे अनजान हैं।
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पहाड़ों की बर्फ़ पिघल रही है, नदियाँ रास्ते बदल रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहा है, लेकिन इसके बीच एक और बदलाव छिपा है… ज़हरीले साँपों का बदलता संसार।
पहाड़ों की बर्फ़ पिघल रही है, नदियाँ रास्ते बदल रही हैं, मौसम अनिश्चित हो रहा है, लेकिन इसके बीच एक और बदलाव छिपा है… ज़हरीले साँपों का बदलता संसार।
By Gaon Connection
मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।
मध्य हिमालय में बारिश का पैटर्न बदल चुका है, कुछ घंटों में महीनों जितनी बारिश, और नदियाँ पहले से अधिक उफनती हुई। नई वैज्ञानिक स्टडी चेतावनी देती है कि आने वाले दशकों में बाढ़ सिर्फ बढ़ेगी ही नहीं, बल्कि पहाड़ों की ज़िंदगी की दिशा ही बदल देगी।
By Manvendra Singh
By Gaon Connection
संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया जलवायु संकट से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। विकासशील देशों को हर साल 310 अरब डॉलर की ज़रूरत है, लेकिन मिल रहे हैं सिर्फ़ 26 अरब। अगर अब भी निवेश नहीं बढ़ा, तो आने वाले सालों में सिर्फ़ तापमान ही नहीं, नुकसान भी कई गुना बढ़ जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि दुनिया जलवायु संकट से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। विकासशील देशों को हर साल 310 अरब डॉलर की ज़रूरत है, लेकिन मिल रहे हैं सिर्फ़ 26 अरब। अगर अब भी निवेश नहीं बढ़ा, तो आने वाले सालों में सिर्फ़ तापमान ही नहीं, नुकसान भी कई गुना बढ़ जाएगा।
By Rafiqul Islam Montu
बांग्लादेश में, युवा कार्यकर्ता अपने उन लोगों के लिए जलवायु न्याय की मांग कर रहे हैं, जो दुनिया में चक्रवात और बाढ़ जैसी बढ़ती मौसमी घटनाओं से सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। सभी कार्यकर्ताओं की निगाहें स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चल रहे जलवायु शिखर सम्मेलन COP26 पर लगी हैं। उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश में साल दर साल जलवायु परिवर्तन के भयानक प्रभाव को कम करने के लिए सार्थक कदम उठाए जाएंगे।
बांग्लादेश में, युवा कार्यकर्ता अपने उन लोगों के लिए जलवायु न्याय की मांग कर रहे हैं, जो दुनिया में चक्रवात और बाढ़ जैसी बढ़ती मौसमी घटनाओं से सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं। सभी कार्यकर्ताओं की निगाहें स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चल रहे जलवायु शिखर सम्मेलन COP26 पर लगी हैं। उन्हें उम्मीद है कि बांग्लादेश में साल दर साल जलवायु परिवर्तन के भयानक प्रभाव को कम करने के लिए सार्थक कदम उठाए जाएंगे।
By गाँव कनेक्शन
The Union Ministry of Earth Sciences admitted in the Parliament that the rainfall pattern in the country is getting erratic. It mentioned that the top paddy producing states such as West Bengal, Uttar Pradesh and Bihar are witnessing declining trends in rainfall in between 1989-2018.
The Union Ministry of Earth Sciences admitted in the Parliament that the rainfall pattern in the country is getting erratic. It mentioned that the top paddy producing states such as West Bengal, Uttar Pradesh and Bihar are witnessing declining trends in rainfall in between 1989-2018.
By Nidhi Jamwal
A recent scientific assessment of climate vulnerability in the Indian Himalayan Region has ranked Assam as the most vulnerable state and Sikkim as least vulnerable to climate change. Overall, the entire region is under severe threat due to the changing climate
A recent scientific assessment of climate vulnerability in the Indian Himalayan Region has ranked Assam as the most vulnerable state and Sikkim as least vulnerable to climate change. Overall, the entire region is under severe threat due to the changing climate
By Divendra Singh
जलवायु परिवर्तन रोकने के प्रयास विफल होते हैं तो स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। ऐसे में तापमान पांच डिग्री तक बढ़ सकता है और हिन्दु कुश क्षेत्र के दो-तिहाई ग्लेशियर पिघल सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन रोकने के प्रयास विफल होते हैं तो स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। ऐसे में तापमान पांच डिग्री तक बढ़ सकता है और हिन्दु कुश क्षेत्र के दो-तिहाई ग्लेशियर पिघल सकते हैं।
By गाँव कनेक्शन
An analysis has revealed that the past 12 months were the hottest on record with an average temperature above 1.3 degrees Celsius. Prior to this span, the previous record for the warmest 12-month period was set over the period October 2015-September in 2016.
An analysis has revealed that the past 12 months were the hottest on record with an average temperature above 1.3 degrees Celsius. Prior to this span, the previous record for the warmest 12-month period was set over the period October 2015-September in 2016.