G20 दक्षिण अफ्रीका: जलवायु फाइनेंस और क्लीन ऊर्जा पर भारत की निर्णायक भूमिका
G20 दक्षिण अफ्रीका: जलवायु फाइनेंस और क्लीन ऊर्जा पर भारत की निर्णायक भूमिका

By Seema Javed

दक्षिण अफ्रीका में हुए G20 समिट ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को पहले से कहीं ज़्यादा ताक़त दी और इस बदलाव के केंद्र में भारत रहा। जलवायु फाइनेंस, रिन्यूएबल एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स और फूड सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर भारत की प्राथमिकताओं को स्पष्ट समर्थन मिला।

दक्षिण अफ्रीका में हुए G20 समिट ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को पहले से कहीं ज़्यादा ताक़त दी और इस बदलाव के केंद्र में भारत रहा। जलवायु फाइनेंस, रिन्यूएबल एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स और फूड सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर भारत की प्राथमिकताओं को स्पष्ट समर्थन मिला।

जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ
जलकुंभी अब बनेगी कमाई: ICRISAT का सोलर हार्वेस्टर आया ग्रामीणों के साथ

By Gaon Connection

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

भारत के गाँवों में जलकुंभी वर्षों से एक ऐसी समस्या रही है जिसने तालाबों, मछलियों, जलजीवों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का दम घोंट दिया है। तालाब जो कभी जीवन का स्रोत थे, आज हरी चादरों के नीचे सिसकते दिखते हैं। पर इसी अंधेरे के बीच एक नई रोशनी उभरी ICRISAT का सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर हाइऐसिंथ हार्वेस्टर। एक ऐसी मशीन जो न केवल जलकुंभी हटाती है, बल्कि उसे ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के अवसर में बदल देती है।

शुरु हुए इनोवेशन चैलेंज एटीएल-2022-23 मैराथन के लिए आवेदन
शुरु हुए इनोवेशन चैलेंज एटीएल-2022-23 मैराथन के लिए आवेदन

By India Science Wire

इस वर्ष निर्धारित विषयों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी छात्र अपनी परियोजनाएं जमा कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत चिह्नित समस्या विवरणों के अलावा स्थानीय समुदायों की समस्याओं को हल करने से संबंधित विषय इसके अंतर्गत शामिल हो सकते हैं।

इस वर्ष निर्धारित विषयों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी छात्र अपनी परियोजनाएं जमा कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत चिह्नित समस्या विवरणों के अलावा स्थानीय समुदायों की समस्याओं को हल करने से संबंधित विषय इसके अंतर्गत शामिल हो सकते हैं।

अब भी क्यों टीबी से सबसे ज़्यादा जूझ रहा है आदिवासी समुदाय?
अब भी क्यों टीबी से सबसे ज़्यादा जूझ रहा है आदिवासी समुदाय?

By Gaon Connection

भारत में टीबी का सबसे बड़ा बोझ जनजातीय समुदायों पर है - जहाँ बीमारी का प्रचलन गैर-जनजातीय आबादी से 1.5 गुना ज़्यादा है। संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद स्वास्थ्य असमानता गहराती जा रही है।

भारत में टीबी का सबसे बड़ा बोझ जनजातीय समुदायों पर है - जहाँ बीमारी का प्रचलन गैर-जनजातीय आबादी से 1.5 गुना ज़्यादा है। संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद स्वास्थ्य असमानता गहराती जा रही है।

छात्रों में वैज्ञानिक समझ बढ़ाने के लिए अटल इनोवेशन मिशन और विज्ञान प्रसार की साझेदारी
छात्रों में वैज्ञानिक समझ बढ़ाने के लिए अटल इनोवेशन मिशन और विज्ञान प्रसार की साझेदारी

By India Science Wire

इस साझेदारी के अंतर्गत एआईएम के अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) और विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित इटरैक्टिव मंच ‘एंगेज विद साइंस’ (ईडब्ल्यूएस) द्वारा साथ मिलकर काम करने की घोषणा की गई है।

इस साझेदारी के अंतर्गत एआईएम के अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) और विज्ञान प्रसार द्वारा संचालित इटरैक्टिव मंच ‘एंगेज विद साइंस’ (ईडब्ल्यूएस) द्वारा साथ मिलकर काम करने की घोषणा की गई है।

देश की 22 स्थानीय भाषाओं को मिलेगा बढ़ावा, नीति आयोग ने शुरू किया वर्नाक्युलर इनोवेशन प्रोग्राम
देश की 22 स्थानीय भाषाओं को मिलेगा बढ़ावा, नीति आयोग ने शुरू किया वर्नाक्युलर इनोवेशन प्रोग्राम

By गाँव कनेक्शन

वीआईपी के लिए जरूरी क्षमता निर्माण को लेकर, एआईएम 22 अनुसूचित भाषाओं में से प्रत्येक की पहचान के बाद एक वर्नाक्युलर टास्क फोर्स (वीटीएफ) को प्रशिक्षण देगा। हर एक टास्क फोर्स में स्थानीय भाषा के शिक्षक, विषय विशेषज्ञ, तकनीकी लेखक और क्षेत्रीय अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) का नेतृत्व शामिल है।

वीआईपी के लिए जरूरी क्षमता निर्माण को लेकर, एआईएम 22 अनुसूचित भाषाओं में से प्रत्येक की पहचान के बाद एक वर्नाक्युलर टास्क फोर्स (वीटीएफ) को प्रशिक्षण देगा। हर एक टास्क फोर्स में स्थानीय भाषा के शिक्षक, विषय विशेषज्ञ, तकनीकी लेखक और क्षेत्रीय अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) का नेतृत्व शामिल है।

Only Narendra Modi has truly understood Mahatma Gandhi
Only Narendra Modi has truly understood Mahatma Gandhi

By Dr SB Misra

It is true that Deendayal Upadhyay, Nanaji Deshmukh, Atal Bihari Vajpayee and now Narendra Modi had never donned Gandhi cap or expressly declared themselves followers of Gandhiji, but their work ethics leaned towards Gandhiji’s ideals

It is true that Deendayal Upadhyay, Nanaji Deshmukh, Atal Bihari Vajpayee and now Narendra Modi had never donned Gandhi cap or expressly declared themselves followers of Gandhiji, but their work ethics leaned towards Gandhiji’s ideals

When women dance like mustard seeds: Come, sway to the Rai folk dance of Bundelkhand
When women dance like mustard seeds: Come, sway to the Rai folk dance of Bundelkhand

By Shivani Gupta

Bundeli Rai is the traditional folk dance of Bundelkhand. Rai means mustard seed. The way mustard seed swings around in the saucer, the dancers also dance likewise on the beats of traditional musical instruments of Nagadiya, Dholak, Jheeka, and Ramtoola. This traditional folk dance was fading away when the Jhansi administration stepped in to revive the culture, also support the livelihood of dancers and singers.

Bundeli Rai is the traditional folk dance of Bundelkhand. Rai means mustard seed. The way mustard seed swings around in the saucer, the dancers also dance likewise on the beats of traditional musical instruments of Nagadiya, Dholak, Jheeka, and Ramtoola. This traditional folk dance was fading away when the Jhansi administration stepped in to revive the culture, also support the livelihood of dancers and singers.

Up‘Cycling’ Waste — Students and Teachers Create a Cycle out of Plastic Waste, Rubber Tubes and Metal Bits
Up‘Cycling’ Waste — Students and Teachers Create a Cycle out of Plastic Waste, Rubber Tubes and Metal Bits

By Pavan Kumar Maurya

Government school children in Varanasi district prepare to welcome the G20 delegates to their district with models they have made with discarded scraps. The students of Kharavan English School have made a flower pot holder in the shape of a cycle which is 5.5 feet long, 3.5 feet high and weighs 42 kgs.

Government school children in Varanasi district prepare to welcome the G20 delegates to their district with models they have made with discarded scraps. The students of Kharavan English School have made a flower pot holder in the shape of a cycle which is 5.5 feet long, 3.5 feet high and weighs 42 kgs.

जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने हैम्बर्ग पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने हैम्बर्ग पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

By गाँव कनेक्शन

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